सामान्य रूप से शरीर में बनने वाली चर्बी से शरीर को रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है लेकिन जब चर्बी सामान्य से अधिक बनने लगती है तो हमारा शरीर थुलथुल व मोटा हो जाता है। इस तरह अधिक चर्बी जमा होने से शरीर की अंगों की त्वचा लटकने लगती और शरीर बेडौल हो जाता है। इस तरह शरीर में अनावश्यक चर्बी बनने को मोटापा कहते हैं।

मोटापे कारण

मोटापे की बीमारी अनेक कारणों से होती है, जैसे- अधिक मात्रा में चिकने पदार्थों (घी, मक्खन) खाना, चर्बी (फैट) वाल पदार्थ अधिक खाना, दिन भर कुछ न कुछ खाते रहना, मिठाइयां अधिक खाना, गर्म पानी से स्नान करना, अधिक मात्रा में गर्म कपड़े पहनना, हर समय आराम करना, कोई कार्य न करना, व्यायाम (एक्सरसाईज) न करना आदि।

कुछ लोगों में मोटापा वंशानुगत भी होता है अर्थात जिसके माता-पिता मोटे होते हैं उसके बच्चे भी मोटे ही होते हैं। मोटापे के कारण पुरुष या स्त्री का रक्तचाप बढ़ जाता है और वायु संचरण में रुकावट महसूस होती हैं। मोटापे के कारण त्वचा फूल जाती है जिससे शरीर पूर्ण रूप से वायु ग्रहण नहीं कर पाता। अधिक चर्बी के कारण हृदय पर भी प्रभाव पड़ता है जिससे हृदय की गति धीमी हो जाती है

मोटापे का लक्षण

मोटापे के रोगी को पेट में भारीपन महसूस होता है, धीरे-धीरे शरीर में चर्बी की परते बनने लगती है, रोगी को चलने-फिरने का मन नहीं करता, प्यास अधिक लगती है, थोड़ी-सी मेहनत से ही दम फूलने लगता, खून में कार्बन-डाई-ऑक्साइड की मात्रा अधिक होने से शरीर में हमेशा थकावट रहती है।

पसीना अधिक आता है, श्वांस लेने में परेशानी होती है, अंगों में दर्द होता है, छींके आती रहती है, शरीर से बदबूदार पसीना आता है, खून का भार बढ़ जाता है, जोड़ों में दर्द रहता है, सूजन आ जाती है, पेट बढ़ जाता है और कमजोरी आ जाती है। मोटापे के कारण मन में मोह पैदा होता है, शरीर की स्फुर्ति समाप्त हो जाती है।

भोजन और परहेज 

मोटापे से परेशान व्यक्ति को मुद्ग, जौ, मूंग का रस, मक्खन, गर्म पानी, बाजरा, गेहूं, ताजा दूध, मुनक्का, संतरा, टमाटर, मसूर, छाछ आदि का सेवन करना चाहिए। मोटे व्यक्ति को प्रतिदिन सुबह टहलना चाहिए और थोड़ी-बहुत मेहनत भी करनी चाहिए। रोगी को पतला करके दूध, फलों का रस, कॉफी, गर्म करके पीना चाहिए।

मोटापे के रोगी को गाय का दूध, देशी घी, गाढ़ी दाल, चावल, आलू, गर्म दूध, चीनी से बने पदार्थ, पनीर, आइसक्रीम, मिठाइयां, मांसाहारी भोजन, अधिक चिकनाई व चटपटा पदार्थ, सांभर, सूप, बिस्कुट, केक, नमकीन पदार्थ, जेली, मिठाइयां, बाहर का खाना, देर रात पार्टियों में खाना, नए शालि चावल आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। शीतल पानी से नहाना मोटापे के लिए हानिकारक होता है।

अपनाएँ ये आयुर्वेदिक फॉर्मूला | आयुर्वेदिक नियम

हमें खाने के डेढ़ घंटे बाद पानी पीना है, ये याद रखे कि डेढ़ घंटे बाद ही पानी पीना है. लेकिन पानी कैसे पीना है, ये बहुत महत्व की बात है. आप अभी सामान्य रूप से पानी कैसे पीते है, एक गिलास पानी भरा मुह में लगाया गट गट गट एक बार में ही पी लिया, गिलास एक बार में ही ख़त्म. कुछ लोग मुंह खोल लेते है, और खोलकर ऊपर से गिराते है. और पानी लगातार गटकते जाते है ये दोनों तरीके बहुत गलत है।

अगर आप घट घट घट लगातार पानी पी रहे है तो आपके शरीर में तीन रोग तो जरुर आने वाले है, पहला Appendicitis, दूसरा हर्निया (आंतों का उतरना) और तीसरा Hydrocele. ये हर्निया सबसे ज्यादा उन्ही लोगो को आता है जो पूरा गट गट के एक बार में ही पानी पीते है और जो Hydrocele है ये थोड़ी उम्र के बाद आती है विशेष रूप से ये पुरषों में आती है. हर्निया तो माताओं में भी आ जाता है लेकिन ये Hydrocele मर्दों की बीमारी है. ये तीनो रोग उन लोगो को जरुर आते है जो एक साथ पूरा लोटा या गिलास पानी गटकते है।

मतलब ये कि एक साथ गट गट पानी पीना अच्छा नही है तो आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि पानी कैसे पीना है. तो हम आपको भाई राजीव दीक्षित जी द्वारा बताया गया तरीका बताते है. जो पानी पिने का सबसे उत्तम नियम है. आयुर्वेद में पानी पीने का सही तरीका वही बताया गया है जैसे आप चाय पीते है जैसे आप कॉफ़ी पीते है और जैसे आप गर्म दूध पीते है. सिप-सिप करके पीना है. एक सिप लिया फिर थोड़ी देर बाद दूसरा सिप लिया फिर थोड़ी देर बाद तीसरा सिप लेना है।

अगर आप सिप करके पानी पी रहे है तो मैं आपको जितने चाहे मर्जी के स्टाम्प पेपर पे लिखकर देने को तैयार हु कि जो भी व्यक्ति जिंदगी में सिप करके पानी पिएगा, आयुर्वेद की गारंटी है कि जिंदगी में कभी भी उसको मोटापा नही आ सकता. कभी भी उस व्यक्ति का वजन नही बढ़ेगा. जितना वजन होना चाहिए, अगर पानी सिप करके पी रहे है तो जिंदगी भर उतना ही वजन रहेगा।

आप उसका उल्टा प्रश्न पूछ सकते है कि अगर वजन बढ़ गया है तो, तो आप बिलकुल चिंता ना करे. आप सिप करके पानी पी लीजिये 6 से 7 महीने में 10 किलो वजन आपका घट जायगा. ये जो मोटापा है, ये धीरे धीरे आया है, एक दम नहीं आया है. इसलिए धीरे धीरे ही कम होगा. यही प्रकृति का नियम है. अगर आप इसके विपरीत जाकर वजन कम करेंगे तो एक बार तो कम हो जायेगा लेकिन जैसे ही आप उस चीज को छोड़ दोगे पहले से भी ज्यादा मोटापा आ जाएगा।

अब आपके मन में एक सवाल आयेगा कि पानी ऐसे पीने से वजन ज्यादा घट गया तो?. उसकी आप बिलकुल भी चिंता मत करिये, जितना बढ़ा हुआ है उतना ही घटेगा. घटने के बाद स्थिर हो जाएगा. आप हमेसा सिप करके ही पानी पीजिये. इसका दूसरा फायदा ये होगा कि अभी आप कल से ही देखेंगे, अगर सिप करके पानी पिने की आदत अपने डाली तो ये जो घुटने का दर्द है ये 7 दिन लगातार पानी ऐसे पीने से 25 % ख़त्म हो जायेगा. ऐसे ही अगर एडी का दर्द है, या जॉइंट का पैन ये तो 7 दिन में 100 % खत्म हो जायगा।

ये जो जॉइंट में पैन आपको होता है ये 25 से 30% 7 दिन में कम हो जायगा और सवेरे सवेरे उठते ही जिनको सर दर्द होता है, चक्कर आते है, ये 7 दिन में तीनो ही गायब हो जायंगे. पहला सूत्र था खाना खाने के बाद पानी नही पीना है, डेढ़ घंटे के बाद पीना है. और अगर कुछ पीना है तो सुबह जूस पीना है, दोपहर को लस्सी या छांछ पीनी है, रात को दूध पीना है और दूसरा सूत्र ये है कि पानी हमेसा घूंट घूंट थोडा थोडा करके पीना है।

मोटापे और पेट की चर्बी गलने के लिए आयुर्वेदिक उपाय | Weight Loss Ayurvedic Remedy

अलसी : ये पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है क्योंकि इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड और फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका यूज करने के लिए बीज को4 मिनट तक गर्म करना होगा।

जीरा : सूखा हुआ जीरा लें, अगर आपको लगता है कि उसमें नमी है तो उसे धूप में सुखा लें। जीरा मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। जिससे चर्बी घटती है।

अजवाइन : अजवाइन पेट के लिए बहुत फायदेमंद होती है। ये भी चर्बी घटाने में मदद करती है।

3 औषधियों का कारगर चूर्ण बनाने का तरीका

इस चूरन को बनाने के लिए आपको 3 चम्मच असली के बीज, 2 चम्मच जीरे, 2 चम्मच अजवाइन को लेना है। अलसी का बीज सिके हुए होंगे। इन तीनों को अच्छे से मिलाकर पीस लें। अब चूर्ण तैयार हो जाएगा। ये चूरन पेट की चर्बी को तेजी से पिघलाएगा।

चूर्ण सेवन करने का तरीका

इस चुर्ण को लेते वक्त ये ध्यान रखना है कि आपको रात को सोते वक्त, खाना खाने के बाद और पहले गुनगुन पानी ही लेना है। इसके साथ ही पूरे दिन पर्याप्त पानी पीना होगा। एक चम्मच चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ डेली नाश्ता करने से पहले लेना है। डेली यूज से पेट की चर्बी कई किलो तक कम हो जाएगी।

अगर और जल्दी रिजल्ट चाहते हैं तो इसे दिन में दो बार ले सकते हैं। एक चम्मच सुबह नाश्ते के पहले और एक चम्मच रात को खाने से पहले ले सकते हैं। चूरन लेते वक्त ये रखें ध्यान की इस चूर्ण को लेते वक्त ये ठंडी चीजों का सेवन करना होगा क्योंकि अलसी खाने में गर्म होती है।