अल्सर एक खतरनाक बीमारी है। हम बात कर रहे हैं पेट के अल्सर की। पेप्टिक अल्सर की वजह से कई समस्याएं हो सकती हैं। पेट के अंदर की सतह पर छाले होते हैं जो धीरे-धीरे जख्मों में बदलने लगते हैं। और अल्सर से परेशान इंसान को कई तरह की समस्याएं आने लगती हैं। यह समस्या गर्मी के दिनों में ओर बढ़ जाती है पेट मे जलन होना और आग लगने की तरह गर्म अहसास होना भी अल्सर के लक्षण हो सकते है।
पेट का अल्सर यानि पेप्टिक अल्सर दो तरह का होता है एक डयूडिनल अल्सर और दूसरा है गैस्ट्रिक अल्सर। समय पर इलाज न मिलने से अल्सर के रोगी की मौत भी हो सकती है।
पेट के अल्सर के संकेत | Stomach Ulcer’s Sign
अल्सर होने के संकेत साफ होते हैं इस रोग में रोगी को पेट संबंधी दिक्कते जैसे पेट में जलन, दर्द और उल्टी में खून आदि आने लगता है। और कुछ समय बाद जब यह अल्सर फट जाता है तब यह जानलेवा बन जाता है।
पेट के अल्सर के मुख्य लक्षण | Stomach Ulcer’s Symptoms
ड्यूडिनल अल्सर का मुख्य लक्षण है खाली पेट में दर्द होना। और खाना खाने के बाद ही दर्द का ठीक होना। वहीं पेप्टिक अल्सर में इंसान को भूख कम लगती है।
मल से खून का आना। बदहजमी का होना। सीने में जलन।
वजन का अचानक से घटना।
पेट में बार-बार दर्द का उठना और किसी पेनकिलर या एंटी-एसिड की दवाओं से ही पेट दर्द का ठीक होना अल्सर का लक्षण हो सकता है।
इसके अलावा भी अल्सर के रोगी को बार-बार कई दिक्कतें आती हैं जैसे पेट में जलन और मिचली का आना।
पेट के अल्सर का कारण | Stomach Ulcer’s Causes
अत्याधिक दर्द निवारक दवाओं का सेवन करना। अधिक चाय या काफी पीना। अधिक गरम मसालें खाना।
अधिक तनाव लेना। गलत तरह के खान-पान करना। अनियमित दिनचर्या। अधिक धूम्रपान करना। हेलिकौबैक्ट पायलोरी बैक्टीरिया की वजह से।
पेट के अल्सर का घरेलू उपाय | Stomach Ulcer’s Remedies
शहद : पेट के अल्सर को कम करता है शहद। क्योकिं शहद में ग्लूकोज पैराक्साइड होता है जो पेट में बैक्टीरिया को खत्म कर देता ह। और अल्सर के रोगी को आराम मिलता है।
नारियल : नारियल अल्सर को बढ़ने से रोकता है साथ ही उन कीड़ों को भी मार देता है जो अल्सर को बढ़ाते हैं। नारियल में मौजूद एंटीबेक्टीरियल गुण और एंटी अल्सर गुण होते हैं। इसलिए अल्सर के रोगी को नारियल तेल और नारियल पानी का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए।
केला : केला भी अल्सर को रोकता है। केले में भी एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो पेट की एसिडिटी को ठीक करते हैं। पका और कच्चा हुआ केला खाने से अल्सर के रोगी को फायदा मिलता है।आप चाहें तो केले की सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं।
बादाम : बादाम को पीसकर इसे अल्सर के रोगी को देना चाहिए। इन बादामों को इस तरह से बारीक चबाएं कि यह दूध की तरह बनकर पेट के अंदर जाएं।
लहसुन : लहुसन की तीन कच्ची कलियों को कुटकर पानी के साथ सेवन करें।
गाय का दूध : गाय के दूध में हल्दी को मिलाकर पीना चाहिए। हल्दी में मौजूद गुण अल्सर को बढ़ने नहीं देते हैं।
गुडहल : गुडहल की पत्तियों के रस का शरबत बनाकर पीने से अल्सर रोग ठीक होता है।
बेलफल की पत्तियों का सेवन : बेल की पत्तियों में टेनिन्स नामक गुण होता है जो पेट के अल्सर को ठीक करते हैं। बेल का जूस पीने से पेट का दर्द और दर्द ठीक होता है।
गाजर और पत्ता गोभी का रस : पत्तागोभी पेट में खून के प्रभाव को बढ़ाती है और अल्सर को ठीक करती है। पत्ता गोभी और गाजर का रस मिलाकर पीना चाहिए। पत्ता गोभी में लेक्टिक एसिड होता है जो शरीर में एमीनो एसिड को बनाता है।
सहजन : दही के साथ सहजन के पत्तों का बना पेस्ट बना लें और दिन में कम से कम एक बार इसका सेवन करें। इस उपाय से पेट के अल्सर में राहत मिलती है।
मेथी का दाना : अल्सर को ठीक करने में मेथी बेहद लाभदायक होती है। एक चम्मच मेथी के दानों को एक गिलास पानी में उबालें और इसे ठंडा करके छान लें। अब आप शहद की एक चम्मच को इस पानी में मिला लें और इसका सेवन रोज दिन में एक बार जरूर करें। ये उपाय अल्सर को जड़ से खत्म करता है।
अल्सर के लिए जरूरी परहेज
अधिक मिर्च मसाले और जंक फूडस से परहेज करें। चाय, काफी और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करना बंद कर दें।
अपने को तनाव मुक्त रखें। हर रोज सुबह-शाम पैदल घूमें।
अधिक दवाओं का सेवन न करें।
अल्सर का अधिक बढ़ने पर इसका ऑपरेशन ही एक मात्र उपाय है। यदि यह कैंसर में बदल जाता है तो अल्सर की कीमोथैरेपी की जाती है।
यदि आप चाहते हैं कि अल्सर का रोग आपको न लगें तो आपको अपने खान-पान और गलत लतों को छोड़ना होगा।