आयुर्वेद के अनुसार काला नमक अपने आहार में शामिल करने से शरीर के कई रोग दूर होते हैं। रोज सुबह काला नमक और पानी मिला कर पीना शुरु करें यह कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, हाई बीपी, डिप्रेशन और पेट की तमाम बीमारियों से मुक्ती दिलाता है क्योंकि इसमें 84 प्रकार के खनिज शामिल हैं।
जिससे आपकी ब्लड शुगर – ब्लड प्रेशर – ऊर्जा में सुधार – मोटापा और अन्य तरह की बीमारियां झट से ठीक हो जाएंगी।
अगर आप सुबह काला नमक और पानी मिला कर पीना शुरु कर दें तो आपको काफी स्वास्थ्य लाभ पहुंच सकता है। लोगो को अभी पता नहीं है कि सादे नमक का बहुत ज्यादा प्रयोग हमारे स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हो सकता है इसलिये अच्छा होगा कि आप उसे हटा कर काले नकम का सेवन कीजिये।
कैसे बनाएं काला नमक वाला पानी
एक गिलास हल्के गरम पानी में एक तिहाई छोटा चम्मच काला नमक मिला गिलास को प्लास्टिक के ढक्कन से ढंक – गिलास को हिलाते हुए नमक मिलाइये और 24 घंटे के लिये छोड़ दें। 24 घंटे के बाद देखिये कि क्या काले नमक का टुकड़ा (क्रिस्टल) पानी में घुल चुका है।
उसके बाद इसमें थोड़ा सा काला नमक और मिलाइये। जब आपको लगे कि पानी में नमक अब नहीं घुल रहा है तो समझिये कि आपका घोल पीने के लिये तैयार हो गया है।
काला नमक का पानी पिने के 13 फायदे
पाचन दुरस्त करे और कब्ज मिटाए : नमक वाला पानी मुंह में लार वाली ग्रंथी को सक्रिय करने में मदद करता है। पेट के अंदर प्राकृतिक नमक, हाइड्रोक्लोरिक एसिड और प्रोटीन को पचाने वाले इंजाइम को उत्तेजित करने में मदद करता है। इससे खाया गया भोजन टूट कर आराम से पच जाता है। जिससे कब्ज की समस्या से निजात मिलती है और सुबह-सुबह पेट खुल कर साफ होता हैं।
मोटापा घटाए : यह पाचन को दुरस्त कर के शरीर की कोशिकाओं तक पोषण पहुंचाता है, जिससे मोटापा कंट्रोल करने में मदद मिलती है। समुंद्री नमक छोड़ कर आपको इस नमक को अपने आहार में शामिल करना चाहिये।
जोड़ों के दर्द में आराम दिलाए : मासपेशियों के दर्द और जोड़ों के दर्द से यह नमक आराम दिलाता है। आपको एक कपड़े में 1 कप काला नमक डाल कर उसे बांध कर पोटली बनानी है। इसके बाद उसे किसी पैन में गरम करें और उससे जोड़ों की सिकाई करें। इसे दुबारा गरम कर के फिर से दिन में दो बार सिकाई करें।
आंत की गैस से छुटकारा दिलाए : अगर गैस से छुटकारा पाना है तो एक कॉपर का बरतन गैस पर चढाएं, फिर उसमें काला नमक डाल कर हल्का चलाएं और जब उसका रंग बदल जाए तब गैस बंद कर दें। फिर इसका आधा चम्मच ले कर एक गिलास पानी में मिक्स कर के पियें।
सीने की जलन से मुक्ती : क्षारीय प्रकृति होने के नाते यह पेट में जा कर वहां बनने वाले एसिड को काटता है और सीने की जलन तथा एसिडिटी को ठीक करता है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल करे : काला नमक खाने से रक्त पतला होता है जिससे वह पूरे शरीर में आराम से पहुंचता है। ऐसे में आपका हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर ठीक होता है। हाइ बीपी है तो साधारण नमक की जगह पर खाएं काला नमक।
मसल स्पैजम और क्रैंप में आराम दिलाए : काला नमक में पोटैशिमय होता है जो कि हमारी मासपेशियों को ठीक से काम करने में मदद करता है। इसलिये काले नमक को रोजाना खाने में शामिल करें जिससे मसल स्पैजम और क्रैंप ना हो।
मधुमेह को कंट्रोल करे : रिसर्च मे पाया गया है कि काला नमक ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है।
शिशुओं के लिये भी अच्छा : काला नमक छोटे बच्चों के लिए सबसे अच्छा है। यह अपच और कफ की जमावट को सीने से हटाता है। अपने शिशु के भोजन में थोड़ा सा काला नमक रोजाना मिलाएं क्योंकि इससे उनका पेट भी ठीक रहेगा और कफ आदि से भी छुटकारा मिलेगा।
नींद लाने में लाभदायक : अपरिष्कृत नमक में मौजूदा खनिज हमारी तंत्रिका तंत्र को शांत करता है। नमक, कोर्टिसोल और एड्रनलाईन, जैसे दो खतरनाक सट्रेस हार्मोन को कम करता है। इसलिये इससे रात को अच्छी नींद लाने में मदद मिलती है।
रूसी से मुक्ती दिलाए : अगर आपको रूसी और बाल झड़ने की समस्या है तो काला नमक और टमाटर का जूस हफ्ते में एक दिन सिर में लगाएं। यह रूसी को दूर करेगा और बालों की ग्रोथ को भी बढ़ाएगा।
शरीर करे डिटॉक्स : नमक में काफी खनिज होने की वजह से यह एंटीबैक्टीरियल का काम भी करता है। इसकी वजह से शरीर में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया का नाश होता है।
त्वचा की समस्या : नमक में मौजूद क्रोमियम एक्ने से लड़ता है और सल्फर से त्वचा साफ और कोमल बनती है। इसके अलावा नमक वाला पानी पीने से एग्जिमा और रैश की समस्या दूर होती है। सौंदर्य के लिये बड़ा ही फायदेमंद है सेंधा नमक।
काला नमक – सेंधा नमक से अलग होता है?
सेंधा नमक को लाहोरी नमक भी कहा जाता है क्योकि यह पाकिस्तान मे अधिक मात्रा मे मिलता है। यह सफ़ेद और लाल रंग मे पाया जाता है।
सफ़ेद रंग वाला नमक उत्तम होता है, यह ह्रदय के लिये उत्तम, उदीपन और पाचन मे मदद रूप, त्रिदोष शामक, ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है, इससे पाचक रस बढ़ते हैं।
रक्त विकार आदि के रोग जिसमे नमक खाने को मना हो उसमे भी इसका उपयोग किया जा सकता है। यह पित्त नाशक और आंखों के लिये हितकारी है। दस्त, कृमिजन्य रोगो और रह्युमेटिज्म मे काफ़ी उपयोगी होता है।
ऐसे बनता है असली काला नमक
कुछ स्रोतों में काला नमक बनाने की निम्नलिखित विधियां बतायी गयी है। नमकीन पानी में हरड के बीज (गुठली) डाल उबाला जाता है, उबलने के बाद पानी भाप बन कर उड़ जाता है और काला क्रिस्टल नुमा नमक बच जाता है।
काले रंग के कारण ही इसे काला नमक कहा जाता है। पीसने पर इसका रंग गुलाबी हो जाता है। रासायनिक रूप से काला नमक सोडियम सल्फाइड होता है। जिसमें खनिज लवण भी होते हैं। इसका उत्पादन सोडियम थायोसल्फेट बनाने के दौरान बाइप्रोडक्ट के रूप में भी होता है।
काला नमक बनाने के लिये सेंधा नमक और साजीखार बराबर भाग मे ले। (साजीखार का उपयोग पापड बनाने में होता है और यह पंसारी की दुकान पर आसानी से मिलता है) इस मिश्रण को पानी मे घोलें। अब इसे धीमी आंच पर गर्म करे और पूरा पानी जला दें। अंत मे जो बचेगा वह काला नमक है!