UTI – यूरिन इंफेक्शन यानी पेशाब करते समय जलन या दर्द होना। यह समस्या स्त्री या पुरूष दोनों को कभी भी हो सकती है। कई बार तो यह समस्या कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है लेकिन बहुत सी बार डॉक्टरों के पास जाने तक की नौबत आ जाती है। हम लोग अक्सर यूरिन इन्फेक्शन को अनदेखा कर देते है जो बाद में कई समस्याओं का कारण बनता है।
ऐसे आपको चाहिए कि जब भी यूरिन करते समय जलन या दर्द हो तो तुरंत इलाज शुरू कर दें, ताकि बाद में किसी प्रकार की कोई बड़ी बीमारी होने का खतरा टल जाए। आज हम आपको All Ayurvedic के माध्यम से यूरिन इन्फेक्शन के कारण, लक्षण और इसके इलाज के लिए कुछ घरेलू नुस्खे बताएंगे, जिन्हें आप घर पर ही ट्राई करके देख सकते है।
UTI – यूरिन इन्फेक्शन मूत्र पथ में कहीं भी हो सकता है। मूत्र पथ गुर्दे, मूत्रमार्ग, मूत्राशय और मूत्रमार्ग से बना होता है। अधिकांश मामलों में यूरिन इन्फेक्शन केवल निचले हिस्से यानि मूत्रमार्ग और मूत्राशय में होता है। हालांकि ऊपरी हिस्से में भी यूरिन इन्फेक्शन हो सकता हैं। यूरिन इन्फेक्शन या पेशाब में जलन होना आम समस्या है। लेकिन इसे नजरअंदाज करने के भयंकर परिणाम हो जाते हैं। कभी-कभी यह कुछ समय के लिये ही होती है और कभी यह महीनों तक चलती है।
UTI – यूरिन इंफेक्शन मूत्र मार्ग में कहीं भी हो सकता है। आपका मूत्र मार्ग दो गुर्दे | Kidney, मूत्राशय | Bladder, और मूत्रमार्ग | Urethra से मिलकर बना होता है। अधिकांश संक्रमण, मूत्राशय और मूत्रमार्ग में होता है परन्तु कुछ मामलों में यह गुर्दे में भी हो सकता है।
यूरिन में इन्फेक्शन के लक्षण | Urine Infection Symptoms
यूरिन से स्मैल आना, ब्लैडर में दर्द रहना, बार-बार यूरिन आना, यूरिन का रंग पीला हो जाना, बूंद-बूंद पेशाब आना, पेट और मूत्र मार्ग में जलन आदि सभी यूरिन इंफेक्शन के मुख्य लक्षण है।
यूरिन इन्फेक्शन का सबसे पहला लक्षण है कि आपको यूरिन पास करते समय गुप्त अंग में जलन और दर्द महसूस होगा।
आपको आम दिनों की तुलना में बार-बार यूरिन पास करने की ज़रूरत महसूस होगी।
पेट के निचले हिस्से में आपको दर्द होना भी इसका एक लक्षण है।
बैक्टीरिया होने के कारण आपको पेशाब से अजीब सी दुर्गंध भी आएगी।
इस समय आपको हल्का बुखार भी हो सकता है। कमर के निचले हिस्से में दर्द होना भी एक लक्षण है।
यही नहीं, इस इन्फेक्शन से मितली या उल्टियां भी हो सकती हैं।
यूरिन इंफेक्शन के कारण | Urine Infection Causes
मूत्र मार्ग में संक्रमण या ब्लैडर में सूजन, किडनी में पथरी होना, शरीर में पानी की कमी, लीवर प्रॉब्लम होना, रीढ़ की हड्डी में चोट लगना, शुगर की बीमारी होना आदि सभी यूरिन इंफेक्शन के मुख्य कारण है।
अधिकांश यूटीआई बैक्टीरिया के कारण होते हैं, लेकिन कुछ कवक और दुर्लभ मामलों में वायरस के कारण भी हो सकता है। यूटीआई इंसानों में होने वाला आम संक्रमण है।
यूरिन इन्फेक्शन आमतौर पर तब होता है जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग से मूत्र पथ में प्रवेश करता है और मूत्राशय में आकर उनकी संख्या बढ़ जाती हैं।
मूत्राशय में मौजूद बैक्टीरिया अपनी संख्या बढाकर संक्रमण को बढ़ा देता है। ब्लैडर में यूरिन इन्फेक्शन (सिस्टिटिस इन्फेक्शन) – सबसे आम यूरिन इन्फेक्शन महिलाओं में पाया जाता है जो मूत्राशय और मूत्रमार्ग को प्रभावित करता है।
इस प्रकार का यूरिन इन्फेक्शन आमतौर पर महिलाओं को प्रभवित करता हैं। इसका मुख्य कारण एस्चेरीचिया कोलाई (ई कोलाई) नमक बैक्टीरिया के कारण होता है जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) ट्रैक्ट में उत्पन्न होता है। हालांकि इस बैक्टीरिया के अलावा यूरिन इन्फेक्शन के लिए अन्य बैक्टीरिया भी जिम्मेदार होते हैं।
ब्लैडर में यूरिन इन्फेक्शन का एक कारण असुरक्षित यौन सं.भोग हो सकता है। लेकिन कभी-कभी ब्लैडर में यूरिन इन्फेक्शन का अन्य कारण मूत्रमार्ग से अनस की दूरी और ब्लैडर से कम दूरी भी होता।
यूरिन इंफेक्शन का उपचार | Urine Infection Remedies
मुलहठी : पेशाब में जलन, पेशाब रुक-रुककर आना, अधिक आना, घाव और खुजली और पेशाब सम्बंधी समस्त बीमारियों में मुलहठी का प्रयोग लाभदायक है। इसे खाना खाने के बाद रोजाना 4 बार हर 2 घंटे के उंतराल पर चूसते रहना लाभकारी होता है। इसे बच्चे भी आसानी से बिना हिचक ले सकते हैं। या 1 चम्मच मुलहठी का चूर्ण 1 कप दूध के साथ लेने से पेशाब की जलन दूर हो जाती है।
आंवला और इलायची : आंवले का चूर्ण में इलायची मिलाकर पानी के साथ पीएं। इससे यूरिन की जलन कम होगी।
बेकिंग सोडा और पानी : अगर यूरिन इंफैक्शन के दौरान बार-बार पेशाब आए तो 1 गिलास पानी में 1 चम्मच सोडा मिलाकर पीएं। इससे एसिडिटी और जलन की समस्या कम होगी।
गेहूं और मिश्री : रात को सोने से पहले 1 मुट्ठी गेंहू को पानी में भिगोएं और सुबह उसी पानी को छान लें। फिर उसमें मिश्री मिलाकर खाएं।
बादाम और इलायची : बादाम की 5 गिरी में 7 छोटी इलायची और मिसरी डालकर पीस लें। फिर इसे पानी में घोलकर पीएं। इससे दर्द और जलन कम होती है।
यूरिन इंफेक्शन से ऐसे करें बचाव
सफाई रखें : अगर आप गर्भवती हैं यूटीआई संक्रमण से पीड़ित है तो सबसे पहले आपको इस बात का सबसे ज्यादा ध्यान रखना होगा कि आप अपने अंतरवस्त्र बिल्कुल साफ रखें और अपने निचले हिस्से में सफाई रखें। गर्भवती महिलाओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता बाकि लोगों के मुकाबले कम होती हैं तो इसलिए उन्हें यूरिन इन्फेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है।
ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं : यूरिन इन्फेक्शन में डॉक्टर हमेशा ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह देते हैं। आप जितना ज्यादा पानी पिएंगी यह बैक्टीरिया उतनी ही जल्दी बाहर निकलेंगे। क्योंकि ज्यादा पानी पीने से आपको बार बार पेशाब लगेगा और पेशाब के ज़रिए अंदर फैले हुए बैक्टीरिया बाहर निकलेंगे। पानी के साथ साथ आप बाकी तरल पदार्थ जैसे नारियल पानी, ग्लुकोज, जूस जैसी तरल चीजें भी ले सकती हैं।
पेशाब ना रोकें : कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं जो पेशाब को रोक लेती हैं और देर देर में शौच जाती हैं। लेकिन आप इस बात को गांठ बांध लें कि आप जितनी बार पेशाब जाएंगी यह बैक्टीरिया उतनी जल्दी बाहर निकलेंगे।
खुद से दवाई ना लें : आपको इस बीमारी के बारे में सबसे पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कभी भी खुद से दवाई लेने की कोशिश ना करें क्योंकि इससे बच्चे की सेहत पर असर पड़ सकता है।
मसालेदार चीज़ें ना खाएं : अगर आपको यूरिन इन्फेक्शन हो गया है तो आप मसालेदार और तली हुई चीज़ें बिल्कुल ना खाएं। इससे आपकी समस्या और भी बढ़ सकती है।