अगर आप सोंचते हैं कि आप जवान हैं और आपकी हड्डी अभी कमजोर नहीं हो सकती, तो आप बिल्कुल गलत हैं। जाने माने हड्डी के सर्जन का कहना है कि आज कल लोगों को कम ही उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी विकार) होने का खतरा पहले की तुलना में ज्यादा बढ गया है।
अगर आप अपने भोजन में कैल्शियम युक्त भोजन नहीं लेते तो आपके घुटने कुछ ही दिनों में कमजोर हो जाएंगे। अगर घुटना किसी भी प्रकार से क्षतिग्रस्त हो गया तो उसे ठीक करना बहुत मुश्किल है।अच्छा है कि आप अपने भोजन में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करें, जो आपके घुटनों के लिये अच्छे हों।
हमारी हड्डीयां हमारे शरीर की ढ़ांचा है जिसमें पूरा शरीर आधारित है। इसलिए हड्डियों को मजबूत बनाने के उपाय आपको पता होने चाहिए। बचपन, किशोरावस्था और शुरुआती वयस्कता के दौरान खनिज पदार्थों का सेवन आपकी हड्डियों के लिए बेहद उपयोगी और लाभकारी होता है। लेकिन उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर के साथ हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं।
यदि इस दौरान हिड्डयों को मजबूत बनाने वाले तरीके न अपनाए गए तो आपको हड्डियों से संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि All Ayurvedic के माध्यम से आज हम आपको अपनी हड्डियों को मजबूत बनाने के प्रभावी और सरल उपाय बताएंगे।
शरीर मे हड्डियों के जोड़ो को मजबूत करने के उपाय
बादाम : बादाम खाने से जोडों का आउटर मेंबरेन खराब होने से बचा रहता है। इसमें विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट होता है जो कि सूजन और दर्द से बचाता है।
पपीता : पपीते में ढेर सारा विटामिन सी होता है। रिसर्च में पाया गया है कि जिन लोगों के अदंर विटामिन सी की कमी होती है उनमें जोड़ो का दर्द आम बात है।
कुछ देर धूप में रहें : धूप शरीर को विटामिन डी का उत्पादन करने में मदद करती है, इसके बिना हमारा शरीर ठीक से खाद्य पदार्थों से कैल्शियम को अवशोषित नहीं कर सकता हैं। इसलिए रोज सुबह जल्दी उठें और सूरज की हल्की धूप में केवल 10 मिनट का समय व्यतीत करें। इससे आपके शरीर में विटामिन डी का स्तर बढ़ने लगेगा।
खाने का चूना : एक गेहूं के दाने के समान चूना तरल पदार्थ में मिलाकर खाये, यह कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं। नोट- कृपया पथरी का रोगी चुना ना खाये।
तिल का सेवन : तिल के उत्पाद अस्थि मृदुता निवारण में महत्वपूर्ण हैं। इससे औरतों में एस्ट्रोजिन हार्मोन का संतुलन बना रहता है। एस्ट्रोजिन हार्मोन की कमी महिलाओं में अस्थि मृदुता पैदा करती है।तिल का तेल उत्तम फ़लकारक होता है।
पत्ता गोभी : बन्द गोभी में बोरोन तत्व पाया जाता है। हड्डियों की मजबूती में इसका अहम योगदान होता है। इससे खून में एस्ट्रोजीन का स्तर बढता है जो महिलाओं मे अस्थियों की मजबूती बढाता है। पत्ता गोभी की सलाद और सब्जी प्रचुरता से इस्तेमाल करें।
गुड़ और तिल : 20 ग्राम तिल थोडे से गुड के साथ मिक्सर में चलाकर तिलकुट्टा बनालें। रोजाना सुबह उपयोग करने से अस्थि मृदुता निवारण में मदद मिलती है।
मूंगफली : केवल एक मुट्ठी मूंगफली से आप हड्डियों से सम्बन्धित सभी परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं। मूंगफली आयरन, नियासीन, फोलेट, केल्सियम और जिंक का अच्छा स्रोत है। इसमें विटामिन ई, के और बी 6 प्रचुर मात्रा में होते हैं। केल्सियम और विटामिन डी अधिक मात्रा में होने से यह हड्डियों की कमजोरी दूर करती है। इससे दांत भी मजबूत होते हैं। इसमें पाया जाने वायलार विटामिन बी-3 हमारे दिमाग को तेज करने में मदद करता है। मूंगफली या मुमफली का तेल इस्तेमाल करना चाहिए इसमे में मौजूद फोलेट तत्त्व गर्भा में पल रहे बच्चे के लिए लाभकारी होता है।
टमाटर का जूस : टमाटर का जूस आधा लिटर प्रतिदिन पीने से दो तीन माह में हड्डियां बलवान बनती है और अस्थि भंगुरता में आशातीत लाभ होता है।
शहद : एक चम्मच शहद नियमित तौर पर लेते रहें। यह आपको अस्थि भंगुरता से बचाने का बेहद उपयोगी नुस्खा है।
बाजरा और तिल का तेल : प्रतिदिन बाजरा और तिल का तेल उपयोग करें। यह ओस्टियो पोरोसिस( अस्थि मृदुता) का उम्दा इलाज है।खोखली और कमजोर अस्थि-रोगी को यह उपचार अति उपादेय है।
सेब : सेब खाने से आप जोड़ों के दर्द तथा उसकी क्षतिग्रस्त से बच सकते हैं। सेब जोडों में कोलाजन बनाने में मदद करता है जो कि घुटने को झटके लगने से बचाता है। जिससे घुटने खराब नहीं होते।
ब्रॉकली : यह शरीर से फ्री रैडिकल्स को बाहर निकालती है जिसकी वजह से जोड क्षतिग्रस्त नहीं होते। इनमें काफी मात्रा में कैल्शियम होता है जिससे जोड़ों में मजबूती आती है।
काली बींस : यह मैग्नीज और अन्य तत्व से भरा हुआ होता है, जो जोडों के स्वास्थ्य के लिये बहुत जरुरी है। इसमे एंथोकायनिन्स होता है जो कि एक एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह शरीर से फ्री रैडिकल्स को बाहर निकालता है और जोडों को खराब होने से रोकता है।
एक्सट्रा वर्जिन ऑइल : इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो कि जोडों के दर्द को दूर करता है। इसी की तरह से आप अखरोट का तेल भी प्रयोग कर सकते हैं। अलसी भी इसका एक बहुत अच्छा स्त्रोत है।
ग्रीन-टी : यह जोड़ों के कार्टिलेज को क्षतिग्रस्त होने से रोकता है। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट होता है जिससे फ्री रैडिकल्स हड्डियों को नुकसान नहीं पहुंचा पाते। रोजाना एक कप ग्रीन टी आपको जोड़ों के दर्द से बचा सकते हैं।
अदरक : इसमें एक तत्व पाया जाता है जो तुरंत ही दर्द और सूजन को दूर करता है। आप चाहें तो इसकी चाय या फिर इसे भोजन में डाल कर पका सकती हैं।