कार्तिक महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को रूप चतुर्दशी के रूप मेंमनाया जाता है। भविष्य पुराण और पद्म पुराण के अनुसार, इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर अभ्यंग यानी तेल मालिश कर के औषधि स्नान करना चाहिए।
ऐसा करने से लक्ष्मीजी प्रसन्न होती हैं, स्वास्थ्य सुख मिलता है, उम्र बढ़ती हैं और नरक के भय से भी मुक्ति मिल जाती है। वहीं, शाम को धर्मराज यम की पूजा और दीपदान करने से अकाल मृत्यु नहीं होती।
धनतेरस के अगले दिन और दीवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. इसे यम चतुर्दशी और रूप चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहते हैं। यह पर्व नरक चौदस और नरक पूजा के नाम से भी प्रसिद्ध है. आमतौर पर लोग इस पर्व को छोटी दीवाली भी कहते हैं।
इस दिन यमराज की पूजा करने और व्रत रखने का विधान है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति सूर्योदय से पूर्व अभ्यंग स्नान यानी तिल का तेल लगाकर अपामार्ग (एक प्रकार का पौधा) यानी कि चिचिंटा या लट जीरा की पत्तियां जल में डालकर स्नान करता है, उसे यमराज की विशेष कृपा मिलती है. नरक जाने से मुक्ति मिलती है और सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
स्नान के बाद सुबह-सवेरे राधा-कृष्ण के मंदिर में जाकर दर्शन करने से पापों का नाश होता है और रूप-सौन्दर्य की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि महाबली हनुमान का जन्म इसी दिन हुआ था इसीलिए बजरंगबली की भी विशेष पूजा की जाती है।
नरक चतुर्दशी कब है?
हिन्दू पंचांग के अनुसार नरक चतुर्दशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है. वैसे तो नरक चतुर्दशी धनतेरस के अगले दिन मनाई जाता है, लेकिन पंचांग के अनुसार इस बार यह दीवाली की ही सुबह पड़ रही है।
नरक चतुर्दशी के दिन यम पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन सुबह तड़के उठकर अभ्यंग स्नान किया जाता है मान्यता है कि इस दिन यम की विशेष कृपा मिलती है।
नरक चतुर्दशी के दिन पूजा करने की विधि
मान्यताओं के अनुसार नरक से बचने के लिए इस दिन सूर्योदय से पहले शरीर में तेल की मालिश करके स्नान किया जाता है।
स्नान के दौरान अपामार्ग की टहनियों को सात बार सिर पर घुमाना चाहिए। टहनी को सिर पर रखकर सिर पर थोड़ी सी साफ मिट्टी रखें लें।
अब सिर पर पानी डालकर स्नान करें। इसके बाद पानी में तिल डालकर यमराज को तर्पण दिया जाता है। तर्पण के बाद मंदिर, घर के अंदरूनी हिस्सों और बगीचे में दीप जलाने चाहिए।
यम तर्पण मंत्र
यमय धर्मराजाय मृत्वे चान्तकाय च…
वैवस्वताय कालाय सर्वभूत चायाय च.!!!
नरक चतुर्दशी के दिन कैसे करें हनुमान जी की पूजा?
मान्यता के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन भगवान हनुमान ने माता अंजना के गर्भ से जन्म लिया था. इस दिन भक्त दुख और भय से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जी की पूजा-अर्चना करते हैं. इस दिन हनुमान चालीसा और हनुमान अष्टक का पाठ करना चाहिए।
नरक चतुर्दशी को क्यों कहते हैं रूप चतुर्दशी?
मान्यता के अनुसार हिरण्यगभ नाम के एक राजा ने राज-पाट छोड़कर तप में विलीन होने का फैसला किया. कई वर्षों तक तपस्या करने की वजह से उनके शरीर में कीड़े पड़ गए. इस बात से दुखी हिरण्यगभ ने नारद मुनि से अपनी व्यथा कही।
नारद मुनि ने राजा से कहा कि कार्तिक मास कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के दिन शरीर पर लेप लगाकर सूर्योदय से पूर्व स्नान करने के बाद रूप के देवता श्री कृष्ण की पूजा करें।
ऐसा करने से फिर से सौन्दर्य की प्राप्ति होगी. राजा ने सबकुछ वैसा ही किया जैसा कि नारद मुनि ने बताया था. राजा फिर से रूपवान हो गए. तभी से इस दिन को रूप चतुर्दशी भी कहते हैं।
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। इस दिन शाम को मत्यु के देवता यमराज के नाम से एक दीपक जलाने की काफी पुरानी परंपरा है।
मान्यता है कि ऐसा करने से घर के पूर्वज प्रसन्न होकर अपना आशीष घर के सभी सदस्यों पर बनाए रखते हैं। लेकिन इस बार नरक चतुर्दशी का शनिवार के दिन संयोग बनने से इसका असर हर राशि पर पड़ेगा।
आइए जानते हैं All Ayurvedic के माध्यम से आखिर किन राशि के लिए खुशियां तो किसके लिए परेशानियां लेकर आया है यह संयोग।
मेष राशि : थोड़ी-सी मेहनत करने से मिलेगा अच्छा फल। हर काम के मिलेंगे पॉजिटिव रिजल्ट। आज शाम को घर के आंगन में दीपक जलाएं, सब अच्छा होगा।
वृषभ राशि : आज आप जिस भी काम को करेंगे उसे समय से पूरा करने में सफलता हासिल होगी। आज चौमुखी दीपक जलाकर हनुमान जी की उपासना करने से लाभ मिलेगा।
मिथुन राशि : आज आपके सभी रूके हुए काम दूसरों की मदद से पूरे होने की उम्मीद है। आज के दिन स्नान करते समय पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर नहाएं, ऐसा करने से सुख की प्राप्ति होगी।
कर्क राशि : इस राशि के लिए आज का दिन मिलाजुला रहने वाला है। आपको परिवार का सहयोग मिलेगा, जिससे आपको राहत मिलेगी। इस राशि के जातकों को शाम के समय दीपक जलाकर शनि मंदिर में काला कपड़ा भेंट करना चाहिए। ऐसा करने से लंबी आयु का वरदान मिलेगा।
सिंह राशि : आज के दिन इस राशि के जातकों के सारे काम पूरे हो जायेंगे। तुलसी के पास दीपक जलाएं और गाय को रोटी खिलाने से लाभ होगा।
कन्या राशि : इस राशि के लोगों का ध्यान आध्यात्म की ओर लगा रहेगा। इन लोगों को अपने लिए नए लक्ष्य निर्धारित करने के लिए आज का समय बेहद शुभ है।आज के दिन घर के पास मन्दिर में जाकर दीपक जलाने से लाभ मिलेगा।
तुला राशि : इस राशि के जातक शाम को थोड़ी थकान महसूस कर सकते हैं। आज के दिन सुबह नहाने से पहले तेल मालिश करने से बेहतर फील करेंगे।
वृश्चिक राशि : आज नौकरी पेशा लोगों के लिए अच्छे योग बन रहे हैं। संतान पक्ष से आपको खुशी मिलेगी। शाम को हनुमान जी के दर्शन कर उन्हें सिंदूर चढ़ाकर दीपक अवश्य जलाएं।
धनु राशि : आज किस्मत इस राशि के लोगों पर मेहरबान रहने वाली है। इस राशि के लोगों को आज तरक्की मिलने के योग बन रहे हैं। आज के दिन माता-पिता का आशीर्वाद लेकर घर से निकलें।
मकर राशि : आज अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए किसी मित्र से आर्थिक मदद मिल सकती है। अच्छा फल प्राप्त करने के लिए चौमुखी दीया जलाएं।
कुंभ राशि : आज इन राशियों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है। प्रमोशन के मौके मिल सकते हैं। आज तुलसी के पौधे के नीचे दीपक जलाएंगे तो रुके हुए काम आसानी से बनने लगेंगे।
मीन राशि : आज का दिन मिलाजुला रहने वाला है। लंबे समय से झेल रहे आर्थिक परेशानियां आज खत्म हो सकती हैं। आज हनुमान जी को बूंदी का भोग लगाने से लाभ मिलेगा।