आज के समय में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो कि बीमारियों से पूरी तरह मुक्त होगा, वरना आज हर कोई शरीर से जुड़ी किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है।
लेकिन सबसे बड़ी मुसीबत तो तब हो जाती है जब हम आए दिन नज़र आती परेशानियों को नज़रअंदाज़ करते जाते हैं और एक दिन वो एक घातक बीमारी का रुप ले लेता है।
वक्त ना होने के कारण हम बहुत सी ऐसी समस्याओं को आम समस्या समझकर उससे नज़र फेर लेते हैं लेकिन हम ये भूल जाते हैं कि समस्याएं हमें अंदर ही अंदर खोखला करती जाती है और एक बड़ी बीमारी को जन्म दे देती है।
जो कि कई बार इंसान के मौत का कारण भी बन जाती है। इन्ही गंभीर बीमारियों में से एक है- कैंसर। अक्सर लोगों को इस बात का अंदाज़ा नहीं हो पाता कि वे किसी खतरनाक बीमारी से जुझ रहें हैं।
और वे आए दिन नज़र आने वाले चेतावनियों को जैसे कि – वायरल बुखार, सर्दी- ज़ुकाम, बदन दर्द आदी परेशानियों को सामान्य मानकर सहन करते जाते हैं और चिकित्सक को दिखाना ज़रुरी नहीं समझते।
लेकिन हम आपको बता दें कि ये यहीं परेशानियां कुछ ही दिनों में कैंसर बन जाती है। तो आइए आज हम All Ayurvedic के माध्यम से जानेंगे कि कैंसर से पहले शरीर हमें किस-किस तरह की चेतावनियां देती है।
अचानक वज़न घटना : यदि, बिना किसी कोशिश या फिर डाइटिंग के आपका वज़न अचानक घटने लगता है तो ये आपके लिए अच्छी बात नहीं है। क्योंकि ऐसा तभी होता है जब आपको किसी गंभीर बीमारी के होने की संभावना होती है।
बदन दर्द व अकड़न : अगर आपको शरीर में अक्सर दर्द और अकड़न महसूस होती है तो समझ जाएं कि ये आपको किसी आने परेशानी की ओर संकेत कर रहा है। और अगर आपका दर्द 4 सप्ताह तक बरकरार है तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
वायरल बुखार : अगर आपको लम्बे समय से बुखार है और उतरने का नाम नहीं ले रहा तो यह आपके लिए चिंता की बात है। ऐसे में किसी अच्छे चिकित्सक से सलाह ले और इलाज करवाएं। हमेशा ये ध्यान रहे कि ज़्यादा समय तक बुखार रहना रक्त कैंसर की ओर भी इशारा करता है।
थकान : दिनभर या ज़्यादा काम करने से थकान हो आम बात है लेकिन बिना किसी काम को किए अगर आप थकान महसूस करते हैं तो ये आपके लिए एक चिंता की वजह है। बेहतर होगा कि आप वक्त रहते इस कमज़ोरी व थकान का कारण पता कर इलाज करवा लें।
चर्म रोग : हार्मोन्स के बदलने से होने वाले बदलाव अधिकांश तौर पर व्यक्ति के चेहरे पर नज़र आ जाते हैं लेकिन शरीर के किसी और अंग पर लाल रंग के चख्ते किसी अन्य बीमारी की ओर संकेत हैं। त्वचा पर लाल रंग के चख्ते व बालों का ना बढ़ना स्किन कैंसर, फेफड़े व गुर्दे का कैंसर भी हो सकता है।
खांसते वक्त या फिर पेशाब में खून का आना : यदि, आपको खांसते वक्त या फिर पेशाब के वक्त खून आता है तो समझ लिजिए कि ये कोई गंभीर मामला है। वैसे यूरीन में ब्लड आना 2 बीमारियों की तरफ इशारा करता है, या तो आपको बवासिर है या फिर आपको कैंसर भी हो सकता है।
प्रमुख कैंसर और उनके लक्षण | Cancer Symptoms
स्तन कैंसर : अधिक प्रसव व शिशु को स्तनपान न कराने से स्तन कैंसर होता है। डिंबग्रंथि (ओवरी) से उत्सर्जित हार्मोन भी इसको पैदा करते हैं।
गर्भाशय का कैंसर : छोटी उम्र में विवाह, अधिक प्रसव, संसर्ग के दौरान रोग, प्रसव के दौरान गर्भाशय में किसी प्रकार का घाव होना और वह ठीक होने से पहले गर्भधारण हो जाए तो 40 की उम्र के बाद गर्भाशय का कैंसर होने का खतरा रहता है। मीनोपॉज के बाद रक्तस्राव होना, और दुर्गंध आना, पैरों व कमर में दर्द रहना इसके लक्षण हैं।
रक्त कैंसर (ल्यूकेमिआ) : एक्सरे और विकिरण प्रणाली से किरणें यदि शरीर के अन्दर प्रवेश कर जाएं तो अस्थियों को प्रभावित करती हैं, जिससे उसके अन्दर खून के सेल्स भी प्रभावित होते हैं।
मुख से खून निकलना, जोड़ों व हडि्डयों में दर्द, बुखारा का लगातार कई दिनों तक बना रहना, डायरिया होना, प्लीहा व लसिका ग्रंथियों के आकार में वृद्धि होना, सांस लेने में दिक्कत होना इसके प्रमुख लक्षण हैं।
मुख का कैंसर : तंबाकू सेवन मुख व गले के कैंसर का मुख्य कारण है। मुख के भीतर कोई गांठ, घाव या पित्त बन जाना, मुंह में सफेद दाग, लार टपकना, बदबू आना, मुंह खोलने, बोलने व निगलने में दिक्कत होना इसके लक्षण हैं।
फेफड़ो या लंग कैंसर : हल्की निरंतर खांसी आना, खांसी के साथ खून आना, आवाज में बदलाव आना, सांस लेने में दिक्कत होना इसके लक्षण हैं।
आमाशय का कैंसर : पेट में दर्द, भूख बहुत कम आना, कभी-कभी खून की उल्टी होना, खून की कमी। पतले दस्त, शौच के समय केवल खून निकलना, आंतों में गांठ की वजह से शौच न होना इसके प्रमुख लक्षण हैं।
सर्वाइकल कैंसर : इसके फैलने के बाद रक्त-सामान या मलिन योनिक स्राव उत्पन्न करता है जो कि संभोग या असामान्य रक्त स्राव के बाद नजर आता है। सर्वाइकल कैंसर की प्रारंभिक अवस्थाएं पीडा, भूख की कमी, वजन का गिरना और अनीमिया उत्पन्न करती हैं।
ब्रेन कैंसर : ब्रेन कैंसर में मस्तिष्क या स्पाइनल कॉर्ड में गांठ होती है जिससे चक्कार आना, उल्टी होना, भूलना, सांस लेने में दिक्कत होना इसके प्रमुख लक्षण हैं।