हमारी आँखें शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और आकर्षक अंग है। सुंदर आँखों का महत्व तब तक है जब तक आँखों की रौशनी अच्छी हो अन्यथा आपकी सुंदर आँखों पर मोटे नाटे चश्मे आपकी सुन्दरता को ग्रहण लगा देते है अथवा आपको लेंस लगाने की परेशानियों में पड़ना होगा
जैसा कि आप सभी जानते है आँखे हम सभी के लिए काफी अनमोल चीज है। अगर आँखे ना हो तो जिंदगी में बिलकुल अन्धेरा छा जाएगा। इस लिए हमें अपनी आँखों का ख़ास ख्याल रखना चाहिए। बिना आँखों के कोई व्यक्ति किसी चीज को नहीं देख सकता सिर्फ महसूस कर सकता है।
वर्तमान में आंखों के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक :
वर्तमान में आज के इस डिजिटल जमाने में सभी के पास मोबाइल फोन मौजूद है। जिससे लोग हमेशा चिपके रहते है। खासकर आजकल के नौजवान और बच्चे लोग हमेशा मोबाइल से चिपके रहते है। कई लोग रात-रात भर मोबाइल पर चैटिंग करते रहते है। जिसमे वो मोबाइल स्क्रीन पर उनकी निगाहें टिकी रहती है।
अक्सर यह देखने मे आया है कि कई बार लगातार मोबाइल चलाने के कारण आँखों से आंसू निकलने लगते है। तो लोग उसे पोछकर फिर से मोबाइल चलाने लगते है। यही वो सबसे बड़ी गलती करते है। मोबाइल चलाते समय आँखों से तब आंसू आते है। जब आपकी आँखे थक चुकी होती है। या मोबाइल से निकलने वाली रौशनी को अब वो बर्दास्त नहीं कर सकती। अगर आप आँखों के इस संकेत को नजरअंदाज करते है। आपकी आँखे बर्बाद हो सकती है।
आइये जानते है आँखों की रौशनी बढाने और चश्मा उतारने के लिए कौन कौन से देशी उपाय अपना सकते है
नेति उपचार किसी योगप्रशिक्षक की सहायता से करने से आँखों की रौशनी बढती है और चश्मा उतर जाता है।
सुबह सो कर उठने के बाद मुंह की लार आँखों में काजल की तरह लगाओ अगर छोटे बच्चो को आँखों पर चश्मे लगे है तो उन्हें इस उपाय से जल्दी लाभ मिलेगा लेकिन बड़ों को थोडा समय लग सकता है लेकिन फायदा जरुर होता है।
मुंह की लार कन्जक्टीवाइटिस जैसे रोग में लगाने से 24 घंटे में ही लाभ करती है।
मुहं की लार आँखों का भेंगापन दूर करने में भी सहायक है।
केसर की चाय नियमित पिने से आँखों की रौशनी बढती है और चश्मा उतर जाता है।
त्वचा रोगों में जैसे की सोरायसिस अथवा दाद -खुजली में भी मुहं की लार का प्रयोग कर सकते है।
देशी गाय का गौमुत्र एक एक बूँद प्रतिदिन आँखों में डालने से आँखों का चश्मा उतर जाता है।
देशी गाय का गौमूत्र प्रतिदिन आँखों में डालने से मोतियाबिंद दूर होता है।
बादामगिरी, सोंफ बडिवाली और मिश्री को बराबर मात्रा में कूटपीसकर चुर्ण बना लें और किसी कांच के बर्तन में इसका संग्रह कर लें। अब प्रतिदिन रात्री में सोने से पुर्व 10 ग्राम की मात्रा में देशी गाय के 250 ग्राम दूध के साथ 40 दिन तक लेने से आँखों की रौशनी बढती है और चश्मे की आवश्यकता नहीं पड़ती। छोटे बच्चो को मात्रा आधी कर के दें और इस चुर्ण का सेवन करने के बाद कम से कम 2 घंटे कुछ भी खाना/पीना नहीं है। इस प्रयोग से मस्तिष्क की कमजोरी भी ठीक होती है।