1. मेष राशि का वार्षिक राशिफल
मेष राशि का स्वामी मंगल है। इस राशि वाले व्यक्ति स्वभाव से थोड़े उग्र होते हैं। इस वर्ष पारिवारिक जीवन में धूप और छांव की स्थिति बनेगी। पिताजी का स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। आपके निवास में परिवर्तन हो सकता है और आपको परिजनों से दूर जाना पड़ सकता है।
आपके परिवार में कोई शुभ कार्य संपन्न होने के संकेत हैं। विद्यार्थियों को अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी और वे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में काफी अच्छा प्रदर्शन कर पाने में सफल रहेंगे। आर्थिक रूप से उन्नति करने का अवसर भी आपको ईश्वर से मिलने वाले हैं और विदेशी संपर्क से सभी को अच्छा लाभ प्राप्त होगा।
इस साल आपको अचानक से धन प्राप्ति भी हो सकती है। रिश्तेदारों और सहयोगियों की ओर से भी सहयोग मिलेगा। यह वर्ष करियर को नई ऊंचाइयां देने वाला है इसलिए इस वर्ष का भरपूर स्वागत करें और हर अवसर को भुनाने का प्रयास करें।
वर्ष 2020 की शुरुआत में शनि के परिवर्तन से कर्मक्षेत्र में काफी उन्नति के योग बनेंगें। काफी समय से आया हुआ विचार जो कि अभी तक पूरा करने का जोखिम नहीं उठा पा रहे थे उसे अब आप बहुत ही अच्छे तरीके से कर पाएंगें।
24 जनवरी को शनि का मकर राशि में प्रवेश करना, जहां सूर्य पहले से विराजमान हैं आपके लिये पिता के साथ संबंधों में मतभेद बढ़ सकते हैं। साथ ही कुछ समय के लिये आपके कामकाज में भी बाधाएं आ सकती हैं जिसके लिये आपको तैयार रहने की आवश्यकता रहेगी।
क्योंकि कहते हैं ना सावधानी हटी दुर्घटना घटी। इसलिये कुछ चीज़ों को आप सचेत रहकर टाल सकते हैं अन्यथा नुक्सान को कम तो निश्चित तौर पर कर सकते हैं। सीनियर्स व अधिकारियों के साथ अपने व्यवहार को अच्छा रखें अन्यथा आपके लिये परिस्थितियां विकट भी हो सकती हैं।
अपने स्वभाव में भी सुधार लाने की आवश्यकता होगी क्योंकि उग्र स्वभाव में भी वृद्धि हो सकती है।कर्मेश शनि का कर्म में विराजमान होना आपके लिये आगे आने वाले महीनो में आपको अपनी कड़ी मेहनत का फल अवश्य दिलाएगा। विशेषकर जो जातक न्याय के क्षेत्र में या रिसर्च आदि में कार्य कर रहे हैं, उन्हें शनि उन्नति दिला सकते हैं।
सितंबर महीने के लगभग अंत में 29 सितंबर 2020 को शनि मार्गी हों जायेंगे जिससे अब तक अगर आपको कामकाज में किसी तरह की बाधा का सामना करना पड़ा है तो उससे निजात मिल सकती है। लंबित कार्य भी सिरे चढ़ सकते हैं।
11 नवंबर 2020 को गुरु के पुन: राशि बदलकर मकर राशि में शनि के साथ आने पर नीचभंग राजयोग का लाभ आपको मिलने लगेगा। कामकाजी जीवन में सफलता तो मिलेगी ही साथ ही आपके करियर में उन्नति के योग भी बनेंगें। कार्यों में तेजी आएगी।
2. वृषभ राशि का वार्षिक राशिफल
वृषभ राशि के जातक शांत और कोमल हृदय वाले होते हैं। राशिचक्र में इस राशि का दूसरा स्थान है। इस राशि का स्वामी शुक्र है। इस राशि वाले स्वभाव से अंतर्मुखी और विश्वसनीय होते हैं। ये किसी न किसी कार्य में व्यस्त रहते हैं।
इन्हें परिश्रम से भय नहीं रहता है। इन्हें नृत्य गायन खेलकूल, अच्छी चीजों का संग्रह करना व पुस्तकें पढ़ना अच्छा लगता है। इस राशि वाले व्यक्ति चतुराई से अपना काम निकलवा लेते हैं। महत्वपूर्ण बातों को गुप्त रखना पसंद करते हैं।
दूसरों के प्रति उदार भाव व दया भाव बना रहता है। प्रयत्न व परिश्रम को महत्व देना पसंद करते हैं। इन्हें शांति का वातावरण अच्छा लगता है। इस राशि के जातक योजनाएं बनाने में माहिर होते हैं।
वर्ष 2020 की शुरुआत के समय भाग्य के कारक शनि अपने से 12वें स्थान में होने से आपके भाग्य को थोड़ा कमजोर कर रहे हैं जिससे कि हो सकता है पिछले कुछ समय से आपके कार्य बनते-बनते अटक रहे हों।
इस समय आप पर शनि की ढ़ैय्या भी चल रही है। ऐसे में आपको थोड़ा धैर्य, थोड़े विवेक से काम लेने की आवश्यकता रहेगी। क्योंकि 24 जनवरी से शनिदेव भाग्य स्थान में ही विराजमान होंगे जो कि आपके भाग्योद्य का कार्य करेंगें साथ ही आपको शनि की ढ़ैय्या से मुक्ति इस समय मिल जायेगी।
इस तरह आगामी समय आपके लिये काफी सुखद रहने की उम्मीद कर सकते हैं।सितंबर के आखिर में शनि मार्गी हो जाएंगें जिससे भाग्य का फिर से आपको साथ मिलने लगेगा। कामकाज में तेजी आएगी। अपनी कामकाजी व्यस्तता के चलते हो सकता है आप अपनी पर्सनल लाइफ की ओर थोड़ा कम ध्यान दे पाएं।
हमारी सलाह है कि पर्सनल व प्रोफेशनल लाइफ में जितना हो सके संतुलन बनाकर चलें। नवंबर के उतर्राध में गुरु के मकर राशि में आते ही पुन; नीच भंग राजयोग का लाभ आपको मिलने लगेगा।
3. मिथुन राशि का वार्षिक राशिफल
मिथुन राशि का स्वामी बुध होता है। राशि चक्र में इसका तीसरा स्थान माना जाता है। इस राशि के व्यक्ति शारीरिक रूप से फुर्तीले और हाजिर जवाबी होते हैं। लोग इनकी बौद्धिक क्षमता की प्रशंसा करते हैं।
इस राशि वाले धार्मिक और दया भाव रखने वाले होते हैं। अपनी बहुमुखी प्रति के कारण आप भीड़ से अलग नजर आते हैं। आपके अंदर जितना क्रोध रहता है उतना ही संयम होता है। यह राशि मृगशिरा नक्षत्र के तीसरे और चौथे चरण तथा आर्द्रा नक्षत्र के चारों चरण तथा पुर्नवसु नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण से मिलकर बनी होती है।
इस प्रकार नो चरण नवांश के होकर प्रत्येक चरण 3अंश 20 कला का होता है। वैसे आपकी राशि वालों के लिए वर्ष का पूर्वार्ध अनुकूल रहेगा आपका काम-काज एवं कोर्ट कचहरी के प्रकरणों में संतोषजनक स्थिति निर्मित होने के योग बनते हैं 24 जनवरी 2020 से सूर्य पुत्र शनि का मकर राशि में प्रवेश होने पर ढैया शनि का प्रभाव रहेगा।
21 जून 2020 को आपकी राशि तथा मृगशिरा नक्षत्र में घटित होने वाले सूर्य ग्रहण के नेस्ट एवं अशुभ प्रभावों से ग्रसित रह सकते हैं यह समय आपके लिए संयम एवं धैर्य बरतने की ओर इंगित करता है। इस अवधि में आप हनुमान जी अथवा दुर्गा की आराधना करें, जिससे मन में भय, संशय, दुविधा एवं कार्य अवरोध से बचा जा सके।
इस राशि के जातक लक्ष्य बनाकर कार्य करना पसंद करते हैं। अपने जीवन में नए और अच्छे विचार बनाए रखते हैं। आपके अंदर कार्यों के प्रति उत्साह भी बना रहता है। अनुशासित व निमितता रखना पसंद करते हैं।
खानपान का शौक रहता है। मेहनती ईमानदार तथा सहनशील होते हैं। इस राशि के जातक लोगों की भलाई के लिए सदैव आगे रहते हैं किंतु इसका परिणआम इन्हें कमजोर ही प्राप्त होता है।
4. कर्क राशि का वार्षिक राशिफल
इस राशि का स्वामी चंद्रमा होता है। राशिचक्र में इसका स्थान चौथा है। इस राशि के जातक का मन चंचल होता है। इसलिए इनके कार्यों और विचारों में चंचलता पाई जाती है। ये अपने ऊपर आने वाले संघर्ष को टालने में सक्षम होते हैं। इन्हें स्वतंत्रता पसंद है।
हालांकि इनके जीवन में कई बार अनियमितताएं पाई जाती हैं। अपने जिद्दी स्वभाव के कारण इन्हें कई बार कष्ट झेलना पड़ता है। व्यर्थ के कार्यों और बातों में आपको रुचि नहीं रहती है। इस राशि में गुरु श्रेष्ठ का होता है। संस्था या सामाजिक कार्यों की जिम्मेदारी इनके कंधों पर रहती है।
परंतु इनका स्वास्थ्य कुछ कमजोर रहता है। यह राशि पुनर्वसु नक्षत्र के चौथे चरण तथा पुष्य के चारों चरण तथा आश्लेषा के चारों चरण से मिलकर बनी होती है । इस प्रकार नो चरण नवांश के होकर प्रत्येक चरण 3अंश 20 कला का होता है।
वैसे आपकी राशि वालों के लिए यह वर्ष उत्तम फल प्रदान करने वाला रहेगा। वर्षभर नित नए नए कार्य के संपन्न होने की संभावनाएं रहेगी। राजनीति से जुड़े लोगों को कई नए अवसर प्राप्ति के योग बनेंगे।
पद प्रतिष्ठा, यश, सामाजिक उन्नति, भाइयों में प्रगाढ़ता, मित्रों का सहयोग, आर्थिक उन्नति, नए-नए आय के स्त्रोत, संचित पूंजी में वृद्धि, तकनीकी संसाधनों का भरपूर उपयोग, धार्मिक यात्राएं लेकिन सट्टा या शेयर मार्केट से हानि की संभावना बनती है।
कई क्षेत्रों में आपका वर्चस्व बढ़ सकता है, संतान के लिए शुभ कार्य, नए विवाह के प्रस्ताव, आर्थिक अनुबंधों की संख्या में प्रगति, मांगलिक कार्य की रूपरेखा, पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति, राज्य पक्ष मैं अगर कोई प्रकरण लंबित है तो उससे लाभ की संभावनाएं बनेगी।
23 मार्च 2020 से 8 जुलाई 2020 तक का समय आपके लिए आर्थिक तंगई, खान पान में सतर्कता, कार्य क्षेत्र में आंशिक रूप से धोखा घड़ी की संभावना व्यक्त करता है। मित्रों में अविश्वास की भावना, गर्मी की बीमारियों से परेशानी की संभावना बनती है।
पेट के रोग पथ्य अपथ्य भोजन को ग्रहण करने से अपच एवं डायरिया आदि की संभावना बनती है। घबराने अथवा डरने की कोई बात नहीं क्योंकि इस अवधि में घटित सूर्य ग्रहण का आपको अनुकूल एवं लाभदायक प्रभाव प्राप्त होने से तथा आपके कार्य में प्रगति दायक स्थिति बनी रहने से संतोष जनक स्थिति का अनुभव करेंगे।
दिनांक 6 नवंबर 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक का समय आपके पक्षधर रहेगा। राजनीति एवं राजनेताओं से लाभ की संभावना बनेगी, नए प्रोजेक्ट कार्य के प्रारंभ होने की संभावना बनेगी। नवीन व्यवसाय अथवा नवीन नौकरी के योग बन रहे हैं। स्थान परिवर्तन की संभावना बनती है।
5. सिंह राशि का वार्षिक राशिफल
यह राशि मघा नक्षत्र के चारों चरण तथा पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के चारों चरण और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का प्रथम चरण से मिलकर बनी है। इस प्रकार कुल नवांश के-9 चरण तथा प्रत्येक चरण 3 अंश 20 कला का होता है।
यह वर्ष आपकी राशि वालों के लिए उत्तरोत्तर प्रगति दायक रहेगा। जो आपको यश, सफलता, पद प्रतिष्ठा एवं मान सम्मान की दृष्टि से सकारात्मक फल दे सकता है। कार्यस्थल में प्रगति एवं लाभ की पर्याप्त संभावनाएं अर्जित कर सकते हैं।
सिंह राशि का स्वामी सूर्य ग्रह है। राशिचक्र में इस राशि का पांचवां स्थान है। ईमानदारी व न्यायप्रियता इस राशि का विशेष गुण होता है। कार्यों में व्यस्त रहना पसंद करते हैं। मगर ज्यादा बातचीत पसंद नहीं करते हैं। कर्ज लेने से दूरी बनाए रखना चाहते हैं।
मित्रों से मिलजुल कर रहते हैं। कोई व्यक्ति इनसे छल करता है तो ये क्रोधित हो जाते हैं। इन्हें स्वतंत्र रहना प्रिय है। ये चापलूसी करना पसंद नहीं करते हैं। किसी भी बात को गोपनीयता बनाए रखना कभी-कभी थोड़ा कठिन हो रहता है।
बड़े बुजुर्गों का सम्मान करते हैं कार्यकुशल एवं परिश्रमी होते हैं। यदि आप आलस्य का त्याग करेंगे, और आत्मविश्वास के साथ परिश्रम पूर्वक कार्य करते हुए आगे बढ़ेंगे, तो निश्चित लाभ प्राप्ति के योग बनेंगे। धार्मिक अभिरुचि के साथ यात्राओं की संभावनाएं बनती है। भूमि, भवन, वाहन आदि के क्रय विक्रय के योग बनेंगे।
पारिवारिक भौतिक संसाधनों एवं सुख के उपभोग के लिए प्रयुक्त होने वाली सामग्री खरीदने की संभावना बनती है। दिनाक 16 मई 2020 से 22 जून 2020 तक 6 ग्रहों का वक्री काल एवं 8 जुलाई 2020 से 3 अगस्त 2020 तक का समय आपके लिए पेट के रोग, स्नायविक विकार, अपच से परेशानी, गैस्ट्रिक ट्रबल, पार्टनर से विरोध, पत्नी से वैचारिक ताल मेलों में गलतफहमी, अति महत्वाकांक्षी और अहमता के कारण गलत निर्णय लेने से बिखराव की संभावनाएं बनती है।
इस राशि के स्वामी सूर्य द्वारा 21 जून 2020 को घटित सूर्य ग्रहण के मध्यम एवं अनुकूल परिणाम प्राप्त हो सकते हे। दिनांक 17 नवंबर से 27 दिसंबर तक आप की महत्वाकांक्षा चरम सीमा पर रहेगी।
इस बड़ी हुई महत्वाकांक्षा के कारण आपको कई क्षेत्रों में मिलते हुए लाभ से वंचित रहना पड़ सकता है। अतः अपनी महत्वाकांक्षा पर नियंत्रण रखें एवं ज्यादा लोभ में ना पड़े। वर्ष में भगवान शंकर एवं गणेश जी की आराधना आपको समय समय पर उपस्थित होने वाले संकटों से बचाने में सार्थक सिद्ध होगी।
6. कन्या राशि का वार्षिक राशिफल
यह राशि उत्तरा फाल्गुन नक्षत्र के दूसरे तीसरे और चौथे चरण तथा हस्त नक्षत्र के चारों चरण और चित्रा नक्षत्र का प्रथम तथा दूसरे चरण से मिलकर बनी है। इस प्रकार कुल नवांश के-9 चरण तथा प्रत्येक चरण 3 अंश 20 कला का होता है । कन्या राशि का स्वामी बुध होता है।
राशिचक्र में इस राशि का छठा स्थान होता है। इस राशि के व्यक्ति परिवार की भलाई हेतु हमेशा प्रयासरत रहते हैं। फिर भी इनका सम्मान कुछ कमजोर रहता है। लेकिन ये हमेशा अपने कर्तव्य को भलीभांति निभाते हैं। ये स्वाभिमानी होते हैं।
ये बुद्धिमानी से काम निकलवाना जानते हैं। ये भावुक होते हैं और अपने कार्य को अच्छे तरीके से करना जानते हैं। राजनीति में भाग लेने का अवसर भी प्राप्त होता है। अध्यात्म में इनकी रुचि रहती है। इस राशि वालों को गुरु का फल अच्छा प्राप्त होता है।
यह वर्ष आपकी राशि वालों के लिए ढैय्या शनि का प्रभाव आप पर 24 जनवरी 2020 तक रहेगा जिसके परिणाम स्वरूप आप आलस्य का त्याग करेंगे, और आत्मविश्वास के साथ परिश्रम पूर्वक कार्य करते हुए आगे बढ़ेंगे तो निश्चित लाभ प्राप्ति के योग बनेंगे। वैसे कन्या राशि के स्वामी का मित्र ग्रह शनि है। अतः चिंता की कोई बात नहीं घबराए नहीं।
दिनांक 21 जून 2020 के सूर्य ग्रहण का आपकी राशि पर अशुभ प्रभाव परिलक्षित हो सकता है । तथा 6 ग्रहों की युति योग बनने से चिड़चिड़ा एवं जिद्दी स्वभाव पार्टनर से कार्यस्थल पर अथवा कार्यक्षेत्र में बदलाव के योग देख सकते हैं ।धार्मिक अभिरुचि के साथ यात्राओं की संभावनाएं बनती है।
भूमि, भवन, वाहन आदि के क्रय विक्रय के योग बनेंगे। किंतु मन में भय, संशय, मन का कमजोर होना, दुविधा के साथ कारोबार में बाधाएं और अवरोध की स्थिति का निर्मित होना, माता पिता के स्वास्थ्य की चिंता, स्वयं को गले एवं पेट के रोग, आर्थिक तंगाई, अशांति व क्लेश रह सकता है, संतान को पीड़ा, कारोबार व राज पक्ष में अनुकूलता रहेगी।
दिनांक 16 मई 2020 से 22 जून 2020 तक 6 ग्रहों का वक्री काल आपके लिए शुभ फल देने वाला हो रहेगा। एवं 8 जुलाई 2020 से 3 अगस्त 2020 तक का समय आपके लिए शल्य चिकित्सा के योग, स्नायविक विकार, अपच से परेशानी, गैस्ट्रिक ट्रबल, पार्टनर से विरोध, तकनीकी संसाधनों से हानि, शेयर मार्केट से हानि एवं विद्युत उपकरणों से हानि के योग बन सकते हैं।
अति महत्वाकांक्षी, और अहमता के कारण गलत निर्णय लेने से तनाव की संभावनाएं बनती है। दूसरी सूर्य ग्रहण का अनुकूल परिणाम प्राप्त होने से आपके कार्य में प्रगति हो सकती है। वर्ष में शनि की आराधना आपको समय समय पर उपस्थित होने वाले संकटों से बचाने में सार्थक सिद्ध होगी। इस साल स्वास्थ्य के मामले में भाग्य आपके साथ रहेगा।
सारे साल आप खुद को ऊर्जावान महसूस करेंगे। इस साल आपका प्रेम जीवन भी बहुत अच्छा रहने की संभावना है क्योंकि अपने प्रेमी के प्रति इस साल आप ईमानदार रहेंगे। इस साल आपके पार्टनर को उसके कार्यक्षेत्र में पदोन्नति मिल सकती है जिससे घर में खुशियां आएंगी। आपके बच्चे भी इस साल पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
7. तुला राशि का वार्षिक राशिफल
यह राशि चित्रा नक्षत्र का तीसरे तथा चौथे चरण तथा स्वाति के चारों चरण तथा विशाखा का प्रथम, द्वितीय और तृतीय चरण से मिलकर बनी है। इस प्रकार कुल नवांश के-9 चरण तथा प्रत्येक चरण 3 अंश 20 कला का होता है।
यह वर्ष आपकी राशि वालों के लिए आंशिक तौर पर उतार-चढ़ाव कारी स्थिति निर्मित करने वाला रह सकता है ढैय्या शनि का प्रभाव आप पर 24 जनवरी 2020 तक रहेगा जिसके परिणाम स्वरूप आप आलस्य का त्याग करेंगे, और आत्मविश्वास के साथ परिश्रम पूर्वक कार्य करते हुए आगे बढ़ेंगे, तो निश्चित लाभ प्राप्ति के योग बनेंगे।
वैसे तुला राशि के स्वामी शुक्र का मित्र ग्रह शनि है। अतः चिंता की कोई बात नहीं घबराए नहीं। अति महत्वाकांक्षा के चलते आप पार्टनर से कार्यस्थल पर अथवा कार्यक्षेत्र में बदलाव का मानस रख सकते हैं।
दिनांक 29 मार्च 2020 से 16 मई 2020 तक का समय मानसिक दृष्टि से उतार-चढ़ाव कारी बन रहा है । क्रोध की अधिकता, कार्य में आंशिक बाधा धन हानि, कार्यक्षेत्र में बदनामी, पार्टनर की मनमानी, नए व्यवसाय एवं नए रोजगार की प्राप्ति, तकनीकी संसाधनों से लाभ, शेयर मार्केट से लाभ, संपत्ति के मामलों में भाइयों से विरोध एवं उलझन पूर्ण स्थिति का सामना करना, मन में भय, संशय, दुविधा के साथ कारोबार में बाधाएं और अवरोध की स्थिति का निर्मित होना।
अपने तथा परायो के द्वारा ब्लैक मेल की स्थिति का निर्मित होना, प्रेम प्रसंगों में दरार अथवा मनमुटाव, अशांति व क्लेश रह सकता है। संतान को पीड़ा, कारोबार व राज पक्ष में अनुकूलता रहेगी । इस वर्ष दिनांक 16 मई 2020 से 22 जून 2020 तक 6 ग्रहों का वक्री काल आपके लिए शुभ फल देने वाला रहेगा।
इस वर्ष 8 जुलाई 2020 से 3 अगस्त 2020 तक का समय आपके लिए शल्य चिकित्सा के योग निर्मित कर सकता है, स्नायविक विकार, अपच से परेशानी, हैं, अपनी महत्वाकांक्षाओं पर लगाम लगाएं , गलत निर्णय लेने से तनाव की संभावनाएं बनती है।
दिनाक 21 जून 2020 को घटित सूर्य ग्रहण का मध्यम परिणाम प्राप्त होने से आपके कार्य में बाधाएं आ सकती है । राजनीति से जुड़ी व्यक्ति पद प्रतिष्ठा एवं ऊंचा पद प्राप्त कर सकते हैं । 27 सितंबर 2020 से 17 दिसंबर 2020 तक का समय आपके पक्षधर बन रहा है इस अवधि में आपके कार्यों में प्रगति संभव है सभी इच्छित कार्य में लाभ की संभावना बनेगी नवीन प्रोजेक्ट अथवा नित नई नई जिम्मेदारियों से आपका प्रभाव समाज पर गहरी छाप रखने वाला रहेगा सामाजिक प्रतिष्ठा एवं आर्थिक उन्नति के योग बन रहे हैं।
वर्ष में मंगल और शनि की आराधना आपको समय समय पर उपस्थित होने वाले संकटों से बचाने में सार्थक सिद्ध होगी। अथवा दुर्गा सप्तशती के सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ करने से शांति एवं आर्थिक लाभ प्राप्त की संभावना बनेगी।
8. वृश्चिक राशि का वार्षिक राशिफल
वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल ग्रह होता है। राशिचक्र में इसका आठवां स्थान होता है। इस राशि के व्यक्ति का स्वभाव गरम होता है। इनका क्रोध कितना भी क्यों न हो हृदय में दयाभाव रहता है।
इस राशि के लोग दूसरों के कामों बेवजह हस्तक्षेप नहीं करते हैं और न ही किसी को अपने कामों में दखलअंदाजी बर्दाश्त करते हैं। यह राशि विशाखा नक्षत्र के चौथे चरण, अनुराधा नक्षत्र के चारों चरण तथा ज्येष्ठा नक्षत्र के चारों चरण से मिलकर बनी होती है।
इस प्रकार इस राशि के कुल 9 चरण और प्रत्येक चरण 3 अंश 20 कला का होता है ।जो संपूर्ण वृश्चिक राशि का निर्माण , इन नौ चरणों को समाहित करके 30 अंश की बनी होती है। आपकी राशि साढ़ेसाती का अंतिम ढैय्या शनि 24 जनवरी 2020 तक प्रभाव शील रहेगा। 24 जनवरी के बाद साढ़ेसाती का प्रभाव समाप्त हो जाएगा।
वर्ष की शुरुआत में 24 जनवरी को शनि का परिवर्तन हो रहा है जो कि आपकी राशि से सुख भाव के मालिक होकर पराक्रम में स्वराशिगत गोचर कर रहे हैं। यह आपके पराक्रम की उन्नति के लिये इसमें वृद्धि के योग बनाते हैं। परन्तु यह स्थान छोटे भाई का स्थान भी है इसलिये छोटे भाई-बहनों के भविष्य को लेकर भी आप चिंतित रह सकते हैं।
30 मार्च को गुरु राशि परिवर्तन कर शनि के साथ मकर राशि में होंगे। गुरु आपकी राशि से पंचम व धन भाव के स्वामी हैं। शनि के साथ विराजमान होने से यह आपकी राशि से पराक्रम स्थान में नीचभंग राजयोग बना रहे हैं। यह योग आपके पराक्रम के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है क्योंकि यहां आपके अंदर ऊर्जा का संचार करेंगें।
गुरु की दृष्टि आपके भाग्य स्थान पर भी पड़ रही है जिसके कारण भाग्य का भी आपको भरपूर सहयोग मिलेगा। साथ ही सप्तम भाव में भी गुरु की पंचम दृष्टि भी आपकी फेमिली लाइफ को मधुर बनाएंगें। जीवनसाथी का भरपूर सहयोग प्राप्त होगा। प्रेम प्रसंगों में भी सुख मिलेगा। प्रेम विवाह के भी योग आपके लिये बन सकते हैं।
ज्यादा आत्मविश्वास भी परेशानी खड़ी कर सकता है। धैर्य से कार्य करें आपको सफलता निश्चित रूप से मिलेगी। क्योंकि शनि मंगल की राशि में हैं और केतु का फल अधिकांश मंगल के जैसे ही होता है। 29 सितंबर को शनि के मार्गी होने पर रूके हुए काम बनने लगेंगें। छोटे भाई बहनों से भी कोई शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है।
छोटी छोटी मगर सफलतादायक यात्राएं भी हो सकती हैं। 20 नवंबर को गुरु पुन: मकर राशि में आ जाएंगें जिससे पुन: आपके कार्यों आपके पराक्रम में उन्नति होगी। भाग्य आपका साथ देने लगेगा। तथा अपने दिमाग का पूरा इस्तेमाल करने से आपको मान-सम्मान भी प्राप्त होगा।
वृश्चिक राशि वालों के लिये वार्षिक राशिफल 2020 के अनुसार यह वर्ष आपके लिये सफलता व समृद्धि देने वाला कहा जा सकता है। हालांकि वर्ष के कुछ समय में उतार-चढ़ाव भी आप देखेंगे लेकिन कुल मिलाकर देखा जाए तो आपके लिये इसे उपलब्धियों भरा वर्ष समझा जाना चाहिए।
9. धनु राशि का वार्षिक राशिफल
आपकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा ढैया चल रहा, जो 24 जनवरी 2020 को पूर्ण होकर, शनि के अंतिम ढैया का प्रभाव प्रारंभ हो जाएगा। दिनांक 5 नवंबर 2019 से राशि स्वामी गुरु का प्रवेश आपकी राशि में हो रहा है।
इसके प्रभाव से शनि और गुरु समान रूप से फल देने में आपके लिए मददगार रहेंगे । जो समय-समय पर उतार-चढ़ाव कारी स्थिति का सामना करने के लिए मजबूर कर सकते हैं।
इस राशि के जातक ज्योतिष, कानूनी कार्य, शिक्षण या कला क्षेत्र के जानकार होते हैं। स्वयं के स्तर पर व्यापार करना इनके लिए लाभकारी होता है। भागीादरी में घाटा होने की संभावना रहती है।
राहू 23 सितंबर को आपकी राशि से छठे स्थान पर विचरण करेंगें तथा केतु जो कि आपकी में ही विराजमान थे वो भी अब 12वें स्थान में आ जाएंगें। राहू का वृषभ राशि और रोग स्थान में आना आपके लिये रोग और शत्रुता की उत्पति करने वाला बन सकता है।
छठा स्थान प्रतिस्पर्धा का भी होता है इस लिये यहां भी आपके लिये प्रतिस्पर्धा काफी चुनौतिपूर्ण रहेगी। केतु का लग्न से व्यय स्थान में आना खर्च की बढ़ोतरी करने वाला रह सकता है। यह समय आपके लिये ऋण लेने वाल भी हो सकता है। फिजूल खर्ची से बचकर रहें। बहुत जरूरी हो तो ही खर्चा करें।
शनि 29 सितंबर को मार्गी होंगे। मार्गी होने पर पुन: आपके लिये स्थितियां बदलनी शुरु होंगी। अचानक से धन लाभ की संभावनाएं बन सकती हैं। रूका हुआ धन भी इस समय आपको प्राप्त हो सकता है। 20 नवंबर को गुरु पुन: मकर राशि में आ जाएंगे जिसके पश्चात अपने सपनों को साकार करने के लिये आप मेहनत कर सकते हैं।
ससुराल पक्ष से भी आपको इस समय अपेक्षित सहयोग मिल सकता है।धन के स्थान में शुक्र विराजमान हैं जिनके प्रभाव से इस वर्ष आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी खासी रहेगी क्योंकि शुक्र लाभ स्थान के स्वामी होकर धन के स्थान में विराजमान हैं।
गुरु 30 मार्च को मकर राशि में शनि के साथ प्रवेश करेंगें जो कि आपकी राशि से धन भाव में नीच भंग राजयोग बना रहे हैं। गुरु वैसे भी आपकी राशि के स्वामी भी हैं जिनका धन भाव में नीचभंग राजयोग बनाना आपके व्यक्तित्व में निखार लायेगा।
आपकी प्रतिष्ठा में वृद्धि करेगा। कुटुंब परिवार में आपका मान-सम्मान व रूतबा बढ़ेगा। गुरु की पंचम दृष्टि शत्रु व रोग घर पर पड़ने से रोग भी कम होने की उम्मीद कर सकते हैं। कर्मक्षेत्र पर नवम दृष्टि होने से शुभ परिणाम देखने को मिलेंगें।
11 मई को शनि वक्र हो रहे हैं। वक्र होने पर धन हानि व कुटुंब परिवार में कलह की स्थिति बन सकती है। इस समय पर कोई भी लेन-देन न करें क्योंकि वक्र ग्रह के प्रभाव से लिया हुआ पैसा दे नहीं पाएंगे तो दिया हुआ पैसा वापस मिलने में भी आपको परेशानी हो सकती है।
10. मकर राशि का वार्षिक राशिफ़ल
मकर राशि का स्वामी शनि होता है। राशिचक्र की यह दसवीं राशि है। इस राशि वाले जातक गहरी सोच वाले होते हैं। धन एवं व्यापार के मामले इस राशि के जातक बहुत सावधान रहते हैं। ये एक समय में कई कार्य करने में सक्षम होते हैं।
मनोरंजन करने वाले होते हैं। इस राशि की महिलाएँ अपने घर को व्यवस्थित रखती हैं। कभी-कभार इस राशि के जातक अपने स्वार्थ को आगे रखते हैं और इन्हें खुद पर भरोसा भी नहीं होता है। ये बाचाल प्रवृति के होते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को भलिभांति समझते हैं। इसके अलावा इस राशि वाले दृढ़ निश्चयी एवं महत्वाकांक्षी होते हैं।
संदेह करना इनका नकारात्मक पक्ष है।29 सितंबर को शनि मार्गी हो जाएंगें। जो आपके कार्यक्षेत्र के लिये शारीरिक क्षमता, बल बढ़ाने में आपकी सहायता करेंगे। धन प्राप्ति के भी आपके लिये अच्छे योग बनेंगें। इस समय में आप शेयर मार्किटिंग आदि योजनाओं में पैसा लगा सकते हैं। लाभ प्राप्त होगा।
20 नवंबर को गुरु का राशि परिवर्तन कर पुन: मकर राशि में आने से आप अपनी पूर्ण ऊर्जा से अपने कार्य को बनाने में लग जाएंगें। इसके साथ ही बीते समय में देखा हुआ सपना साकार होता हुआ भी दिखाई देगा। वर्ष 2020 की शुरुआत में राहू आपकी राशि से छठे स्थान पर विराजमान रहेंगें जो आपके लिए थोड़ी बहुत परेशानियां उत्पन्न कर सकते हैं।
विशेषकर शारीरिक कष्ट अधिक हो सकता है। कमर में दर्द की समस्या, जोड़ों के दर्द की समस्या, सर्वाइकल उत्पन्न कर सकते हैं। शत्रु भी इस समय बढ़ सकते हैं। छठे स्थान में राहू का होना आपको प्रतिस्पर्धा में बहुत ज्यादा मेहनत करवा सकता है। खासकर जो छात्र विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं। उनको थोड़ा सचेत रहने की आवश्यकता रहेगी।
बुरी संगत से बचकर रहें।इस वर्ष आपकी राशि पर शनि की साढेसाती का प्रथम चरण समाप्त हो जाएगा। जिससे आपको काफी राहत मिलेगी। वर्ष 2020 में 24 जनवरी को शनि राशि परिवर्तन कर आपकी ही राशि में प्रवेश कर जाएंगें। स्वराशि के शनि का होना आपके लिये शनि का शश महायोग बनाएगा। जिससे आपके कार्यक्षेत्र की स्थिति में काफी अच्छा बदलाव देखने को मिलेगा।
11. कुंभ राशि का वार्षिक राशिफल
कुंभ राशि का स्वामी शनि है। राशिचक्र में इसे ग्यारहवां स्थान प्राप्त है। इस राशि वालों का सबसे बड़ा गुण उनकी प्रगतिशीलता है। वहीं उनकी सबसे बड़ी कमजोरी विचार एवं व्यवहार में दोहरापन होता है। इस राशि के जातक अपने उद्देश्य के प्रति पूर्ण ईमानदार एवं प्रतिबद्ध होते हैं।
ये परिश्रम करके अपना जीवनयापन करते हैं। कभी-कभी स्वभाव में उग्रता भी पाई जाती है। किंतु आंतरिक रूप से शांत एवं नम्र होते हैं। दूसरों की सहायता करते हैं। जवाबदारी हो या संघर्ष जीवन में ये इन बातों से घबराते नहीं है। प्रयत्नशील बने रहते हैं।
जीवन में कुछ न कुछ कष्ट बना रहता है। पढ़ने का शौक भी रहता है तथा किसी ज्ञान प्राप्ति हेतु प्रयासरत रहते हैं। कुछ मामलों में कभी कभी बदलापन भी रहता है।
वर्ष के शुरुआती माह में ही 24 जनवरी को शनि आपकी राशि से 12वें स्थान में आ जाएंगे। जिससे आप पर शनि की साढ़ेसाती शुरु हो जाएगी तथा इस वर्ष शनि आपकी राशि से 12वें स्थान पर विराजमान हो जाएंगें।
जो कि आपके धन खर्चों में बढ़ोतरी होने के संकेत दे रहे हैं। शारीरिक कष्ट भी बढ़ सकते हैं स्वास्थ्य का ध्यान रखें, कमजोरी महसूस हो सकती है। सिरदर्द, गला दर्द आदि से परेशान रह सकते हैं।
23 सितंबर को राहू का परिवर्तन आपकी राशि से चौथे स्थान में होने जा रहा है जो कि माता व आपके घर, वाहन, सुख का स्थान माना गया है। इस घर में राहू का उच्च राशि में जाना घर को विस्तार देने के योग बना रहा है।
पुनर्निमाण का कार्य पेंडिंग है तो इस समय यह पूर्ण हो सकता है। नये वाहन की प्राप्ति के योग भी बनेंगें। इस वर्ष कार्यक्षेत्र में भी बदलाव के योग बन सकते हैं। इसके साथ ही केतु भी लाभ स्थान से कर्म के स्थान पर विराजमान हो रहे हैं जो कि मंगल की राशि वृश्चिक राशि के हैं। इसका फल भी मंगल की ही तरह आपको मिलेगा।
काम के मामले में तरक्की के योग बनेंगें, काफी समय से यदि कोई साक्षात्कार, या परिणाम मिलना बाकि है तो उसका सकारात्मक परिणाम आपको मिल सकता है। शारीरिक तौर पर भी आप स्वयं में एक नई ऊर्जा महसूस करेंगें।
29 सितंबर को शनि मार्गी हो जाएंगें जिसके पश्चात समस्याएं कम होती हुई दिखाई पड़ेंगी। इसके साथ ही आप अपने खर्चों पर भी नियंत्रण कर सकेंगें और इस समय आपके शत्रु भी कमजोर होंगे।
2020 में 20 नवंबर को गुरु फिर से मकर राशि में आ जाएंगे। इसके पश्चात शत्रुओं पर विजय प्राप्ति होगी। नया घर मिल सकता है। अच्छे मित्र बनेंगें। शिक्षा संबंधी लाभ भी आपको प्राप्त होगा।
12. मीन राशि का वार्षिक राशिफल
मीन राशि का स्वामी गुरु है। इसे राशि चक्र में बारहवां स्थान प्राप्त है। राशि के जातक किसी भी प्रकार के लालच में फंसना पसंद नहीं करते हैं। तर्क वितर्क की स्थिति में निर्णय लेने में असुविधा महसूस करते हैं।
इनकी कार्यक्षमता अच्छी होने के कारण परिश्रमपूर्वक अपना काम निकलवा लेते हैं। कानूनी कार्यों में कई कठिनाइयां रहती हैं। खर्च की अधिकता रहने से कभी-कभी आर्थिक कष्ट झेलना पड़ता है।
इन्हें परिवार का सहयोग समय पर नहीं मिल पाता स्वभाव में विनम्रता बनी रहती है। ईमानदारी से कार्य करना पसंद करते हैं। इस राशि वाले दिखावे से परहेज करते हैं। मंगलवार के दिन लेनदेन करना अशुभ होता है।
2020 में भाग्य के स्वामी मंगल स्वराशिगत होकर भाग्य स्थान में ही विराजमान हैं। ये भी आपके भाग्योदय के लिए शुभ संकेत दे रहे हैं। सुखेश और सप्तमेश कारक ग्रह बुध आपकी पत्रिका में धनु राशि व सूर्य के साथ बुधादित्य योग बनाए हुए हैं।
जिससे पता चलता है कि आपके जीवनसाथी के करियर के लिये भी यह साल शुभ परिणाम देने वाला है। बृहस्पति के साथ बुध का विराजमान होना, अविवाहित जातकों के लिये विवाह का योग बना रहा है।
प्रेम प्रसंगों का ग्रह शुक्र लाभ स्थान में विराजमान है। यह भी आपकी रोमांटिक लाइफ खुशनुमा रहने का संकेत दे रहा है। अविवाहित सिंगल जातक अपनी लव लाइफ की शुरुआत इस वर्ष कर सकते हैं। इस वर्ष आप किसी हिल स्टेशन या विदेश की यात्रा बतौर पर्यटक कर सकते हैं।
वर्ष 2020 की शुरुआत में ही 24 जनवरी को शनि का परिवर्तन आपकी राशि में यानी की कर्मभाव से आय के स्थान में हो रहा है। आय स्थान में शनि के जाने से धन की वर्षा होगी। खर्चे भी बढ़ेगें। लेकिन शारीरिक रूप से स्वास्थ्य में हानि की संभावना भी दिखायी दे रही है।
29 सितंबर को शनि मार्गी हो जांएगें। शनि के मार्गी होने पर पुन: आपके कार्यों में तेजी आनी शुरु हो जाएगी व पिछले समय से जो चीजें आपकी रूक गई थी वह तेजी से आगे बढ़ती हुई दिखाई देंगी। जैसे ही 20 नवंबर को गुरु दोबारा शनि की राशि मकर में आ जाएंगें वैसे ही आपकी योजनाएं सफल होनी शुरु हो जाएंगी।
राहू भी इस वर्ष की शुरुआत में सुख स्थान में विराजमान रहेगा जो कि मित्र व मां का घर भी कहा जाता है यहां पर राहू का होना आपको थोड़ा भ्रमित भी कर सकता है। यहां आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है।
विशेषकर तब जब आप नया वाहन, नया घर अपने मित्र या किसी से ले रहे हैं। इसके साथ ही केतु भी दशम स्थान में विराजमान हैं जो कि यहां खूब मेहनत करवाते हैं लेकिन मेहनत से लाभ व सफलता भी दिलाते हैं।