हमारे शरीर में ऐसे कई अंग हैं जिन्हें साफ करने में हम लोगों को बहुत ज्यादा परेशानी होती है जैसे की आंखों से कीचड़, कानों से गंदगी, नाभि से गंदगी, ऐसी कई जगह है जहां पर हम लोगों को उनकी सफाई करने में बहुत ज्यादा दिक्कत होती हैं।
हम रोज नहाते हैं, महीने मे एक बार बाल भी कटवा लेते हैं, हफ्ते मे एक बार नाख़ून काट लेते हैं लेकिन अक्सर हम कानों को साफ करना भूल जाते हैं, या फिर ये कहें की आपको कान साफ करने का सही तरीका नही पता, आज हम आपको All Ayurvedic के माध्यम से वही बताने वाले हैं।
आपके कान आपके शरीर के बेहद जरुरी अंग है। आपके कानो की समय समय पर सफाई बेहद जरुरी है। ऐसा नहीं करने पर कानो में खुजली जलन या इन्फेक्शन होने का खतरा बना रहता है।
कानो की मैल साफ़ नहीं करने से बहरेपन का खतरा भी बना रहता है। कुछ लोग कान की सफ़ाई के लिए सेफ़्टी पिन डालते है जो बहुत घातक हो सकता है जिससे आपके कानो के पर्दे डैमिज हो सकते है, आप भूलकर भी सेफ़्टी पिन ना डाले।आज की पोस्ट में हम आपको बताएँगे की आप किस तरह आसानी से अपने कानो की मैल साफ़ कर सकते हैं।
कान की गंदगी :
कान हमारे शरीर का एक बेहद संवेदनशील अंग है। इसके साथ कुछ भी ऐसा न करें कि आपको लेने के देने पड़ जाएं। कान में मैल जम जाना या खोंट हो जाना एक सामान्य बात है। इसे ईयर वैक्स के नाम से भी जाना जाता है।
यह सच है कि कई घरेलू उपायों से सावधानी बरतते हुए खोंट को साफ किया जा सकता है लेकिन इस काम को एहतियात के साथ करना अनिवार्य है।
अगर खोंट बहुत कड़ी होकर जम गई हो तो बेहतर है कि इसे निकलवाने आप डॉक्टर के पास ही जाएं। कान को लेकर किसी भी तरह का जोखिम उठाना भारी पड़ सकता है।
कान की खोंट को cerumen के नाम से भी जाना जाता है। यह जेल जैसा ल्यूब्रिकेंट होता है जो डेड सेल्स से बना होता है। इसके अलावा इसमें फैट और सूक्ष्म बाल भी मिले होते हैं।
हालांकि ईयर वैक्स कानों की सुरक्षा के लिए होते हैं लेकिन जब यह बहुत ज्यादा जमा हो जाता है कि तो सुनाई देना कम हो जाता है। कई बार इसकी वजह से कान दर्द और संक्रमण का भी खतरा हो जाता है. यह ईयरड्रम को भी ब्लॉक कर देता है।
ईयरफोन जैसे उपकरणों का इस्तेमाल करने और बार-बार ईयर-बड का इस्तेमाल करने से कानों में खोंट अंदर की ओर जमा हो जाती है। इससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
कानो में जमी मैल को साफ़ करने के 4 घरेलू उपाय :
तेल के उपयोग से : कान में मौजूद गंदगी अगर बहुत सूख गया हो तो सफाई से पहले तेल डालकर इसे फुला लेना चाहिए. फूला हुआ वैक्स आसानी से बाहर निकल आता है जबकि सूखा वैक्स कानों के दीवारों पर चिपका रहता है. इसके लिए गुनगुने तेल को कान में डाल कर थोड़ी देर इंतजार करें फिर तेल को बाहर पलट दें। इसके बाद बड्स की सहायता से दीवारों पर चिपकी मैल को भी साफ कर लें. इसके लिए आप सरसों का तेल, मूंगफली का तेल या जैतून का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं।
गरम पानी : पानी को हल्का गुनगुना होने तक गरम कर लें। इसके बाद ईयरबड की सहायता से अपने कान में थोड़ा थोड़ा गरम पानी डालें। गरम पानी आपके कानो की मैल को साफ़ करता है। इसके बाद कान को झुका कर गरम पानी कान से निकाल लें। ये कान की मैल साफ करने का बेहद आसान तरीका है।
नमक और गरम पानी : गरम पानी में थोड़ा सा नमक मिला कर एक मिश्रण तैयार कर लें। इस मिश्रण को ईयर बड पर लगा कर कान में घुमाएं। इससे आपका कान पूरी तरह से साफ़ हो जाएगा।
अदरक और नींबू का रस : अदरक के रस में नींबू का रस मिला लें। अब इस मिश्रण को ईयरबड पे लगा कर कान में घुमाएं। ऐसा करने से आपके कानो का पीए (PH) लेवल बना रहता है। ये आपके कानों को पूरी तरह साफ़ करने का बेहद आसान तरीका है।
बादाम और सरसों का तेल : बादाम के तेल की ही तरह सरसों का तेल भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। पर सरसों के तेल की गुणवत्ता उच्च होनी चाहिए। तेल के इस्तेमाल से खोंट ढीली पड़ जाती है और आसानी से बाहर निकल आती है।
कृपया ध्यान रखे :
कई लोग ऐसे होते हैं कि कान में कुछ भी डाल लेते हैं जैसे कि हेयरपिन, माचिस की तीली, सेफ्टी पिन ऐसा करना खतरनाक हो सकता है।
कान में पीब (मवाद) होने पर :
पहला प्रयोगः फुलाये हुए सुहागे को पीसकर कान में डालकर ऊपर से नींबू के रस की बूँद डालने से मवाद निकलना बंद होता है। मवाद यदि सर्दी से है तो सर्दी मिटाने के उपाय करें। साथ में सारिवादी वटी 1 से 3 गोली दिन में दो बार व त्रिफला गुग्गल 1 से 3 गोली दिन में तीन बार सेवन करना चाहिए।
दूसरा प्रयोगः शुद्ध सरसों या तिल के तेल में लहसुन की कलियों को पकाकर 1-2 बूँद सुबह-शाम कान में डालने से फायदा होता है।
बहरापन :
पहला प्रयोगः दशमूल, अखरोट अथवा कड़वी बादाम के तेल की बूँदें कान में डालने से बहरेपन में लाभ होता है।
दूसरा प्रयोगः ताजे गोमूत्र में एक चुटकी सेंधा नमक मिलाकर हर रोज कान में डालने से आठ दिनों में ही बहरेपन में फायदा होता है।
तीसरा प्रयोगः आकड़े के पके हुए पीले पत्ते को साफ करके उस पर सरसों का तेल लगाकर गर्म करके उसका रस निकालकर दो-तीन बूँद हररोज सुबह-शाम कान में डालने से बहरेपन में फायदा होता है।
चौथा प्रयोगः करेले के बीज और उतना ही काला जीरा मिलाकर पानी में पीसकर उसका रस दो-तीन बूँद दिन में दो बार कान में डालने से बहरेपन में फायदा होता है।
पाँचवाँ प्रयोगः कम सुनाई देता हो तो कान में पंचगुण तेल की 3-3 बूँद दिन में तीन बार डालें। औषधि में सारिवादि वटी 2-2 गोली सुबह, दोपहर तथा रात को लें। कब्ज न रहने दें। भोजन में दही, केला, फल व मिठाई न लें।
कान का दर्द :
अदरक का रस कान में डालने से कान के दर्द, बहरेपन एवं कान के बंद होने पर लाभ होता है।
कान में आवाज होने पर :
लहसुन एवं हल्दी को एकरस करके कान में डालने पर लाभ होता है। कान बंद होने पर भी यह प्रयोग हितकारक है।
कान में कीड़े जाने पर :
दीपक के नीचे का जमा हुआ तेल अथवा शहद या अरण्डी का तेल या प्याज का रस कान में डालने पर कीड़े निकल जाते हैं।
कान के सामान्य रोग :
सरसों या तिल के तेल में तुलसी के पत्ते डालकर धीमी आँच पर रखें। पत्ते जल जाने पर उतारकर छान लें। इस तेल की दो-चार बूँदें कान में डालने से सभी प्रकार के कान-दर्द में लाभ होता है।