यदि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर है, तो आप सेहत की समस्याओं से बचे रह सकते हैं, लेकिन अगर आपकी प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है तो इसका सीधा असर आपकी सेहत पर पड़ता है और बीमारियां आपको आसानी से घेर सकती हैं।
क्या आप अक्सर सर्दी-जुकाम, एलर्जी या शारीरिक कमजोरी से पीड़ित रहते हैं? अगर हां, तो ये रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के लक्षण हो सकते हैं। दोस्तों संक्रमण और बीमारियों से लड़ने के लिए इम्यूनिटी का मजबूत रहना बहुत जरूरी है।
अगर कोई व्यक्ति रोग प्रतिरोधक शक्ति की कमजोरी से गुजर रहा है, तो उसके संक्रमण की चपेट में आने के आसार बढ़ जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए All Ayurvedic का यह लेख फायदेमंद साबित हो सकता है। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं, जिनके सेवन से आप अपने इम्यून सिस्टम को बूस्ट कर सकते हैं।
जीरा हमारे खाने के स्वाद और खुशबू को बढ़ा देता है। बिना जीरे के तड़के के सब्जी, दाल और रायते का स्वाद फीका सा लगता है। वहीं गुड़ की मिठास से मीठे पकवानों का जायका और भी बढ़ जाता है। जीरा और गुड़ यूं तो हमारे खाने का बहुत ही अहम हिस्सा है। लेकिन क्या आपको पता है गुड़ और जीरे का पानी आपको और आपके परिवार को कई बीमारियों से बचा सकता है।
दरअसल आज हम आपके लिए जो जानकारी लाये है वो आपको कई बीमारियों से मुक्त करने में मदद करेगी। जानिए सुबह नाश्ते से पहले गुड़ व जीरे के पानी को पीने से हमारे शरीर में क्या होता है?
आजकल की बदलती लाइफस्टाइल व बढ़ती उम्र के कारण जिसे देखो हर आदमी कोई न कोई छोटी छोटी बीमारियों से पीड़ित रहता है। पहले यह जानेंगे की रोग प्रतिरोधक क्षमता क्या है, इसका कम होने का कारण, लक्षण और इसके रामबाण घरेलू उपाय।
रोग प्रतिरोधक क्षमता क्या होती है?
रोग प्रतिरोधक क्षमता को समझना बेहद आसान है। दरअसल, रोग प्रतिरोधक क्षमता के अंतर्गत हमारे शरीर की कोशिकाएं और टिशू विभिन्न बीमारियों से बचाए रखने का काम करते हैं।
रोग प्रतिरोधक शक्ति हमारे शरीर को ऐसा सुरक्षा कवच प्रदान करती है, जिससे शरीर जल्दी किसी साधारण बीमारी की चपेट में नहीं आता।
इम्यून सिस्टम के कमजोर हो जाने पर अक्सर सर्दी-जुकाम और बुखार जैसी समस्या बनी रहती है। एक मजबूत रोग प्रतिरोधक शक्ति विभिन्न रोगाणुओं और संक्रामक बीमारियों से हमें बचा सकती है।
इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण
इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं। यह आपके खाने से लेकर आपकी दिनचर्या तक से प्रभावित हो सकता है। नीचे जानिए इम्यून सिस्टम कमजोर होने के विभिन्न कारण।
प्रतिरोधक क्षमता का जन्म से कमजोर होना। कैंसर के लिए कीमोथेरेपी या अन्य दवाओं के चलते।
अंग प्रत्यारोपण के बाद, उस अंग को सक्रिय रखने के लिए ली जाने वाली दवाओं का सेवन करने से।
संक्रमण के कारण। अल्कोहल का सेवन करना। धूम्रपान करना। शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना। एचआईवी एड्स का मुख्य कारण।
इम्यून सिस्टम कमजोर होने के लक्षण
बलगम वाली खांसी या सूखी खांसी, कंपकंपी लगना, जल्दी थकान का अनुभव होना, बेचैनी बनी रहना, बुखार आना, सिरदर्द होना, भूख न लगना, जी मिचलाना या उल्टी होना, गहरी सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द आदि।
जिसके इलाज के लिए पहले तो वो एक अच्छे डॉक्टर की तलाश में घूमता रहता है और ढेर सारी दवाइयों पर पैसा खर्च करता है। लेकिन इससे एक तो पैसे की बरबादी होती है दूसरे हमारे समय व सेहत को नुक्सान पहुंचता है। ऐसे में हम आपको इन बीमारियों से बचाने के लिए गुड़ व जीरे से बना पानी लाये है।
गुड़ व जीरे से पानी कैसे तैयार करना है और इसे कैसे इस्तेमाल करना है
एक चममच जीरा जिसमे एंटी ऑक्सीडेंट व एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण पाए जाते है। और इसमें आयरन, कैल्शियम, विटामिन, पोटैशियम, मैग्निसियम व मगनीज पाया जाता है।
एक चममच गुड़ का चुरा जिसमे कैल्शियम, फास्फोरस, पोटैशियम, आयरन, विटामिन A व विटामिन बी पाया जाता है।
दो कप पानी अब आपने एक बर्तन में सारी सामग्री डालकर गैस पर रख दे और इसे जब तक उबले जब तक एक कप न रह जाये और इसे एक कप में छान ले।
आपका गुड़ व जीरे वाला पानी तैयार है और आपने इसे सुबह नाश्ते से पहले खाली पेट सेवन करे। फिर देखे आपके शरीर में इससे क्या क्या चमत्कारी फायदे होते है।
हमें इस पानी को पीने से हमें क्या क्या फायदे मिलते है
रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ती है – गुड़ व जीरे में प्राकृतिक गुणों से भरपूर होते है। जो शरीर में से सारे विषले तत्व व गंदगी बाहर निकल जाते है और जिससे हमारे शरीर की इम्युनिटी पावर बढ़ती है। जिससे कोई भी गंभीर बीमारिया आसानी से नहीं लग पाती है।
एनीमिया को दूर करे – इन दोनों चीजों में आयरन होता है जिससे हमारे शरीर में खून की कमी दूर हो जाती है और हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है और हमें एनीमिया का खतरा नहीं रहता है। और इस ड्रिंक से हमारा खून भी साफ़ होता है।
इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के 2 अन्य उपाय
अदरक और गर्म पानी : एक चम्मच कूटा हुआ अदरक, एक कप से थोड़ा ज्यादा पानी लीजिए। सबसे पहले पानी को गर्म होने के लिए रख दें। पानी को हल्का गर्म हो जाने पर इसमें अदरक को डाल दें। अब इसे ढककर तीन मिनट तक उबलने दें। अब इसे छानकर सेवन करें। इस प्रक्रिया को हफ्ते में दो बार कर सकते हैं।
अदरक कैसे है लाभदायक है आइये जाने। आमतौर पर स्वास्थ्य संबंधी फायदे में अदरक का प्रयोग किया जाता है। यह इम्युनो न्यूट्रीशन और एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रतिक्रिया से शरीर के कई प्रकार के रोगों को ठीक कर सकता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण मांसपेशियों के दर्द पर प्रभावी असर दिखा सकते हैं।
लहसुन और शहद : लहसुन की 3 से 4 कलियां, आधा चम्मच शहद लीजिये। सबसे पहले लहसुन को कूटकर पेस्ट बना लें।अब इसमें शहद मिला लें। अब इस पेस्ट का सेवन सुबह या शाम करें।
लहसुन और शहद कैसे है लाभदायक है आइये जाने लहसुन के प्रयोग से भी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, लहसुन में इम्यूनो मॉड्यूलेटरी गुण पाया जाता है, जो इम्यून सिस्टम को मॉड्यूलेट करने में अहम भूमिका निभाते हैं, जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने में मदद मिलती है।
इम्मयून पावर के लिए मौसमी, संतरा, नींबू लें। जिंक का भी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में बड़ा हाथ है। जिंक का सबसे बड़ा स्त्रोत सीफूड है, लेकिन ड्राई फ्रूट्स में भी जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है। फल और हरी सब्जियां भरपूर मात्रा में खाएं।
बच्चों में इम्युनिटी : इम्युनिटी की नींव गर्भावस्था से ही पड़ने लगती है। इसलिए जो माताएं चाहती हैं कि उनके बच्चे की इम्यूनिटी बेहतर रहे, उन्हें इसके लिए तैयारी गर्भधारण के वक्त से ही शुरू कर देनी चाहिए। गर्भावस्था में स्मोकिंग, शराब, स्ट्रेस से पूरी तरह दूर रहें। पौष्टिक खाना लें। गर्भवती महिलाएं अच्छा संगीत सुनें और अच्छी किताबें पढ़ें।
आयुर्वेद : आयुर्वेद में रसायन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बेहद मददगार होते हैं। रसायन का मतलब केमिकल नहीं है। कोई ऐसा प्रॉडक्ट जो एंटिऑक्सिडेंट हो, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला हो और स्ट्रेस को कम करता हो, रसायन कहलाता है। मसलन त्रिफला, ब्रह्मा रसायन आदि, लेकिन च्यवनप्राश को आयुर्वेद में सबसे बढि़या रसायन माना गया है। इसे बनाने में मुख्य रूप से ताजा आंवले का इस्तेमाल होता है।
इसमें अश्वगंधा, शतावरी, गिलोय समेत कुल 40 जड़ी बूटियां डाली जाती हैं। अलग-अलग देखें तो आंवला, अश्वगंधा, शतावरी और गिलोय का रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में जबर्दस्त योगदान है। मेडिकल साइंस कहता है कि शरीर में अगर आईजीई का लेवल कम हो तो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। देखा गया है कि च्यवनप्राश खाने से शरीर में आईजीई का लेवल कम होता है।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में यह हैं खास – हल्दी, अश्वगंधा, आंवला, शिलाजीत, मुलहठी, तुलसी, लहसुन, गिलोय।
नैचरोपैथी : नैचरोपैथी के मुताबिक बुखार, खांसी और जुकाम जैसे रोगों को शरीर से टॉक्सिंस बाहर निकालने का मेकनिजम माना जाता है।
नैचरोपैथी में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए अच्छी डाइट और लाइफस्टाइल को सुधारने के अलावा शरीर को डीटॉक्स भी किया जाता है। शरीर को डीटॉक्स करने के लिए खूब पानी पिएं। हाइड्रेशन के अलावा यह शरीर पर हमला करने वाले माइक्रो ऑर्गैनिजम को बाहर निकालने का काम भी करता है।
योग और एक्सरसाइज : शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी करने में यौगिक क्रियाएं बेहद फायदेमंद हैं। किसी योगाचार्य से सीखकर इन क्रियाओं को इसी क्रम में करना चाहिए : कपालभांति, अग्निसार क्रिया, सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, उत्तानपादासान, कटिचक्रासन, सेतुबंधासन, पवनमुक्तासन, भुजंगासन, नौकासन, मंडूकासन, अनुलोम विलोम प्राणायाम, उज्जायी प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम, भ्रामरी और ध्यान।
एक्सरसाइज : एक्सरसाइज करने से शरीर के ब्लड सर्कुलेशन में बढ़ोतरी होती है, मसल्स टोन होती हैं, कार्डिएक फंक्शन बेहतर होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है। शरीर से जहरीले पदार्थ निकालने में भी एक्सर्साइज मदद करती है। दरअसल, एक्सर्साइज के दौरान हम गहरी, लंबी और तेज सांसें लेते हैं। ऐसा करने से जहरीले पदार्थ फेफड़ों से बाहर निकलते हैं। दूसरे एक्सर्साइज के दौरान हमें पसीना भी आता है।
पसीने के जरिये भी शरीर से गंदे पदार्थ बाहर निकलते हैं। एक स्टडी के मुताबिक अगर रोजाना सुबह 45 मिनट तेज चाल से टहला जाए तो सांस से संबंधित बीमारियां दूर होती हैं और बार-बार बीमारी होने की आशंका को आधा किया जा सकता है।
Corona Virus Awareness
By DrAmandeep Singh Cheema | All Ayurvedic
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) को अंतरराष्ट्रीय जन-स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है. चीन में अब तक कोरोना वायरस की वजह से लगभग 3000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हुबेई में 14840 और लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. कोरोना वायरस का प्रभाव बार्सिलोना में होने वाली मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस (MWC 2020) पर भी पड़ा है. यह आयोजन 24 से 27 फरवरी तक होने वाला था, लेकिन इस आयोजन को रद्द कर दिया गया है।
चीन में कोरोना वायरस के कहर से मरने वालों की संख्या 3200 को पार कर गई है. अब तक 70 देशों में इसके संदिग्ध मामले सामने आ चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही इसे इमर्जेंसी घोषित कर चुका है।
भारत में भी अब तक इसके लगभग 100 ताजा मामले सामने आ चुके हैं। दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या लगभग 1 लाख के पार चली गयी है।
कोरोना से दुनिया भर में अब तक 3200 लोग मरे हैं?
ईरान में अब तक कोरोना से 92 और दक्षिण कोरिया में 32 लोगों की मौत हो चुकी है।
सियेटल में फेसबुक के एक इम्पलॉई में कोविड 19 का संक्रमण पाया गया है।
सिर्फ इटली में ही अब तक कोरोना से 107 लोगों की मौत हो गयी है।
चीन के हुबेई प्रांत में अब तक कोरोना से प्रभावित लोगों की संख्या 67,466 हो गयी है।
चीन के हुबेई प्रांत में अब तक कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या 2,902 हो गयी है।
दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 94,000 के पार चली गयी है।
चीन से बाहर 72 देशों में कोरोना वायरस के कई मामलों की पुष्टि हुई है. इन देशों में थाईलैंड, ईरान, इटली, जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं और अब भारत भी इसमे शामिल हो गया है।
क्या है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है. इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है।
इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था. डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं. अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है।
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?
इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है. यह वायरस दिसंबर में सबसे पहले चीन में पकड़ में आया था. इसके दूसरे देशों में पहुंच जाने की आशंका जताई जा रही है।
क्या हैं इससे बचाव के उपाय?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इनके मुताबिक, हाथों को साबुन से धोना चाहिए. अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
खांसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्यू पेपर से ढककर रखें. जिन व्यक्तियों में कोल्ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें. अंडे और मांस के सेवन से बचें. जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
कोरोना वाइरस पर डॉ अमनदीप चीमाँ जी द्वारा लिखा गया आर्टिकल | Corona Virus | Coronavirus
र साल कोई न कोई वायरस, फ्लू देश – विदेश मैं फैलता है । इस वर्ष कोरोना वायरस का बोलबाला है। जिसकी शुरुआत चीन से हुई है। चीन में अपनी धूम मचाने के बाद , अमेरिका,जापान से होता हुआ अब भारत में गंदगी फैला रहा है।
सबसे जरूरी बात अपने पाठकों को बता दूं कि कोई भी वायरस तब तक आदमी को छू नहीं सकता जबतक immunity power बिल्कुल ठीक हो। यह दवाएं शरीर की बिमारियों से लड़ने की ताकत बहुत बढ़ा देती है । पांच योग बिमारी से बचाव के लिए लिखे हैं । दो योग उन रोगियों के लिए है जो किसी फ्लू या वायरस की चपेट में आकर जीवन से लड़ाई लड़ रहे हैं । उन के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी यह पोस्ट।
सच्चाई कुछ और है?
उदाहरण के लिए छोटी सी कहानी बता रहा हुं :
“कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना”
एक बार किसी आदमी की उसकी पत्नी ने खूब पिटाई की। पति अब पहुंचा डाक्टर के पास अपना इलाज करवाने। डाक्टर ने चैक करने के बाद बताया कि मारपीट के कारण जो चोट आई है, उसका इलाज करना पड़ेगा।
लेकिन पति इज्जत बचाने की खातिर कहने लगा, डाक्टर साहब वैसे तो यह चोटें car accident में आई है। लेकिन आप इलाज मारपीट वाला ही करना।
चोट चाहे मारपीट की है, कार हादसे या किसी भी कारण आई है दवा तो एक ही होगी न । बात अपनी अपनी समझ की है। दवा एक ही होगी ।ऐसे ही वायरस की बात है ।
यानि रोग कोई भी है, आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान में उसके मूल सिद्धांत को समझकर इलाज करना बहुत आसान है । अंधाधुंध प्रचार से डराकर मोटी रकम का इलाज/दवा बेचना दवा कंपनियों का काम है, लेकिन आयुर्वेद ऐसा नहीं करता । यहां जो मैं दवाएं बताऊंगा, बहुत ही कारगर साबित होती है । कोरोना वायरस को जड़ से उखाड़ फेंकने का दम रखती है।
कोरोना वायरस से बचाव के लिए आयुर्वेदिक उपाय | Corona Virus
1. च्यवनप्राश किसी अच्छी कंपनी का एक चम्मच साथ में गिलोय घनवटी दो-दो गोली दिन में एक बार, ताजा जल से लें।
2. आमलकी रसायन 100 ग्राम, गिलोय का चूर्ण -50ग्राम, मुलेठी-25 ग्राम, दालचीनी -25 ग्राम, मिश्री -200ग्राम, सबको मिलाकर रख लें। 2-2 ग्राम ताजे जल से सुबह शाम सेवन करें।
3. तुलसी के पत्तों का रस एक चम्मच, अदरक का रस एक चम्मच शहद एक चम्मच दिन में एक बार ले सकते है।
4. महासुदर्शन घनवटी दो गोली त्रिभुवन कीर्ति रस आधी गोली गुनगुने पानी से लें।
5. गिलोय घन वटी दो गोली, संजीवनी वटी एक गोली ताजा जल के साथ लें।
उपरोक्त नुस्खों में से जो आपको मिलें, कोई एक का इस्तेमाल करें।
यह दवाएं आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बहुत ज्यादा बढ़ा देती है। जिससे कोई बाहरी वायरस आपके पास नहीं फटकेगा।
कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले या जिनको इस वायरस से खतरा हो सकता है, बेहतरीन इलाज | Corona Virus Ayurvedic Treatment
1. महालक्ष्मी विलास रस 1 गोली,
महामृत्युंजय रस 1 गोली, सितोपलादि चूर्ण 2 ग्राम + अश्वगंधा चूर्ण 1 ग्राम मिलाकर दूध के साथ लें।
2. अभ्रक भस्म 1000 पुट्टी 2 ग्राम, मल्ल सिंदूर 2 ग्राम, फिटकरी भस्म 2 ग्राम, सिद्ध मकरध्वज 2 ग्राम, गिलोय का सत 2 ग्राम।
सबसे पहले मल्ल सिंदूर और सिद्ध मकरध्वज को इतना खरल करें कि यह चमक रहित हो जाएं, फिर बाकी की दवाएं मिलाकर 21 पुड़िया बना लें। सुबह दोपहर शाम एक एक पुड़िया शहद, शहद + अदरक रस के साथ लें।
यह सफल इलाज नहीं लेकिन इसके बचाव के लिए कारगर उपाय है। जनहित में इस जानकारी को शेयर करे।