उम्र बढ़ने के साथ अक्सर लोगो को घुटनों और जोड़ों का दर्द होने लगता है जो गठिया का लक्षण भी हो सकता है। गठिया की वजह यूरिक एसिड को माना जाता है।
शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाने पर इसके कण घुटनों और अन्य जोड़ों में जमा होने लगते है जिस वजह से जोड़ो में दर्द होने लगता है। कई बार ये दर्द इतना असहनीय होता है की व्यक्ति का बुरा हाल हो जाता है।
गठिया की बीमारी हो तो रात के समय जोड़ो का दर्द बढ़ जाता है और सुबह अकड़न होती है। अगर आपके घुटनो में दर्द रहता है तो सही समय पर इसकी जाँच करवाना जरुरी है।
अगर ये गठिया का रोग है तो तुरंत इसका इलाज करना चाहिए नही तो इससे जोड़ो को नुकसान भी हो सकता है। इसके लिए आप कुछ घरेलू उपचार कर आराम पा सकते है। आइए जानते है।
गठिया, जोड़ों के दर्द और घुटनों के दर्द के सरल घरेलू उपाय
अखरोट : एक महीने तक लगातार रात को 15 से 20 गिरी अखरोट की भिगो कर सुबह खाली पेट खाने से घुटनो के दर्द में आराम मिलता है। दो महीने लगातार इस उपाय को करने से गठिया का रोग जड़ से ठीक हो जाता है।
लहसुन और दूध : दस कलियां लहसुन की 100 ग्राम पानी या दूध में मिला कर पीने से दर्द में जल्दी आराम मिलता है।
बथुआ : बथुआ के ताज़ा पत्तों का रस आधा कप सुबह शाम खाली पेट पीने से गठिया ठीक हो जाता है। इसके सेवन के 2 घंटे बाद तक कुछ भी खाये पिये नहीं।
अमरूद की पत्तियाँ : अमरूद की 4 से 5 नई कोमल पत्तियों को पीस ले और उसमें थोड़ा काला नमक मिला कर खाने से जोड़ो के दर्द में राहत मिलती है।
पानी : गठिया के मरीज को 4 से 6 लीटर पानी हर रोज पीना चाहिये। इससे पेशाब अधिक आएगा और युरिक ऐसिड बाहर निकलेगा।
सरसों और लहसुन : तेल एक चम्मच सरसों के तेल में 3 से 4 कलियाँ लहसुन की पीस कर डाले और लहसुन के ठीक से पकने तक गरम करे। इस तेल से जोड़ो की मालिश करने पर दर्द से जल्दी आराम मिलेगा।
गुग्गुल और सोंठ का चूर्ण : गुग्गुल और सोंठ का चूर्ण समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और इसे घी में मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को जोड़ों पर लगानें से आराम मिलता है।
3 ग्राम शुद्ध की हुई गुग्गुल को 10 ग्राम घी और 3 ग्राम शहद के साथ सेवन करने से जोड़ा के दर्द से आराम मिलता है।
240 से 960 मिलीग्राम की मात्रा में गुग्गुल को शिलाजीत के साथ मिलाकर दिन में 2 से 3 सेवन करें इससे गठिया के दर्द में आराम मिलता है।
10 ग्राम गुग्गुल लेकर इसे 20 ग्राम गुड़ में मिलाकर पीसकर इसकी छोटी-छोटी गोलिया बना लें। सुबह-शाम कुछ दिनों तक 1-1 गोली घी के साथ लेने से घुटने का दर्द दूर हो जाता है।
हारसिंगार (पारिजात) : अगर घुटनों की चिकनाई (Smoothness) हो गई हो और जोड़ो के दर्द में किसी भी प्रकार की दवा से आराम ना मिलता हो तो ऐसे लोग हारसिंगार (पारिजात) पेड़ के 10-12 पत्तों को पत्थर पे कूटकर एक गिलास पानी में उबालें-जब पानी एक चौथाई बच जाए तो बिना छाने ही ठंडा करके पी लें।
इस प्रकार 90 दिन में चिकनाई पूरी तरह वापिस बन जाएगी। अगर कुछ कमी रह जाए तो फिर एक माह का अंतर देकर फिर से 90 दिन तक इसी क्रम को दोहराएँ निश्चित लाभ की प्राप्ति होती है।
शहद और दालचीनी : दो बडे चम्मच शहद और एक छोटा चम्मच दालचीनी का पावडर सुबह और शाम एक गिलास मामूली गर्म जल से लें।
एक शोध में कहा है कि चिकित्सकों ने नाश्ते से पूर्व एक बडा चम्मच शहद और आधा छोटा चम्मच दालचीनी के पावडर का मिश्रण गरम पानी के साथ दिया। इस प्रयोग से केवल एक हफ़्ते में 30 प्रतिशत रोगी गठिया के दर्द से मुक्त हो गये।
एक महीने के प्रयोग से जो रोगी गठिया की वजह से चलने फ़िरने में असमर्थ हो गये थे वे भी चलने फ़िरने लायक हो गये।