खानपान और अनियमित दिनचर्या के कारण पेट से संबंधित कई बीमारियां हो जाती हैं, इसमें से एक है पेट में सूजन होना। पेट में सूजन की समस्या के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार कब्ज और गैस बनना है। यह शिकायत तब होती है जब खाना पचने में समस्या हो। इसके अलावा कुछ आहार ऐसे भी हैं जो इसके लिए जिम्मेदार होते हैं।
पेट में सूजन के लिए फूड एलर्जी भी जिम्मेदार है। फूड एलर्जी के लिए अस्वस्थ खानपान जिम्मेदार है। अधिक तला-भुना, फास्ट फूड, डिब्बाबंद आहार खाने से बचें, क्योंकि ये फूड एलर्जी का कारण बन सकते हैं। शुगर का अधिक सेवन करने से पेट में सूजन होती है। इसलिए शुगरयुक्त आहार का अधिक सेवन करने से बचें।
खाने में जल्दबाजी न करें, जल्दी में ना खाएं। खाने को अच्छे से पचाने के लिए जरूरी है कि चबा-चबा कर खाया जाए। अच्छे से ना चबाने से शरीर के अंदर हवा चली जाती है जिससे पेट में सूजन की समस्या हो सकती है।
इसलिए खाने को धीरे-धीरे और अच्छे से चबा कर खाएं इससे खाना अच्छे से पचता है और सूजन नहीं होती। कोल्ड ड्रिंक्स या अन्य तरल पदार्थ पेट में सूजन का कारण हो सकता है।
इसलिए इनसे दूर रहने कोशिश करें, इसकी जगह सादा पानी पिएं। अगर आप चाहें तो नींबू पानी भी ले सकते हैं। इसके अलावा ग्रीन टी, पिपरमिंट टी भी पेट की सूजन को कम करती है।
पेट की सूजन के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार कब्ज होता है, यह शिकायत खाना ठीक से न पचने के कारण होता है। कम फाइबर और तरल पदार्थ का सेवन करने से कब्ज की शिकायत हो सकती है।
इससे निजात पाने के लिए आहार में फाइबर के स्रोतों जैसे – दालें, नट्स, बीज, हरी सब्जियां और ताजे फलों को शामिल कीजिए। फाइबर आपकी पाचन क्रिया को ठीक रखने में बहुत मददगार है। आगे जानिए पेट की सूजन कम करने के आसान तरीकों के बारे में।
किन बातों का ध्यान रखे :
शुरू के दिनों में उपवास रखें, बाद में पका हुआ केला, पपीता, शरीफा, चीकू, उबली हुई सब्जियां, चावल-दाल, कच्चे नारियल का पानी और सेब का स्टयू आदि खिलाना चाहिए।
कच्चा सलाद और पत्तेदार सब्जियां नहीं खानी चाहिए क्योंकि इनमें फाइबर काफी मात्रा में होता है। मसाले, अचार, चाय, काफी, ऐल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए।
धूम्रपान व उसके आस-पास जाने से बचना चाहिए। मैदा आदि से बनाई गई चीजें, तली हुई चीजें, पेस्ट्री, केक वगैरह नहीं खाना चाहिए। हाई प्रोसेस्ड फूड में सोडियम की मात्रा अधिक और फाइबर की मात्रा कम होती है जो पेट में भारीपन और सूजन का कारण हो सकता है।
जब भी डिब्बाबंद आहार या प्रोसेस्ड आहार लें तो सोडियम की मात्रा जांच लें। 500 ग्राम से अधिक सोडियम का सेवन नुकसानदेह है और यह पेट में सूजन का कारण बनता है।
पेट की सूजन कम करने का कैसे करे इलाज :
अजवायन, जीरा, छोटी हरड़ और काला नमक : पेट की सूजन कम करने के लिए घरेलू नुस्खे आजमाइए। अजवायन, जीरा, छोटी हरड़ और काला नमक बराबर मात्रा में पीस लें, इसे खाने के बाद खाने से पेट में सूजन की शिकायत नहीं होती। हर बार खाने के साथ अजवायन का सेवन करने से पाचन दुरुस्त होता है।
पालक का साग : आंतों से सम्बन्धित रोगों में पालक का साग खाना फायदेमंद है।
चौलाई : चौलाई का साग लेकर पीस लें और उसे लेप करे। इससे शांति मिलेगी और सूजन दूर होगी।
गाजर : गाजर में विटामिन बी-कॉम्पलेक्स मिलता है जो पाचन-संस्थान को शक्तिशाली बनाता है। इसके प्रयोग से कोलायटिस में लाभ मिलता है।
बरगद : बरगद के पेड़ के नीचे जो जटाएं लटकती हैं, उनमें अंगुली की मोटाई की जटायें एक किलो लेकर एक-एक इंच के टुकड़े काट लें। इसे पांच लीटर पानी में उबालें। उबलते हुए जब एक लीटर पानी रह जाये तब ठंडा करके छान लें और बोतल में भर लें। इसको दो चम्मच सुबह-शाम पीयें। इससे लाभ होगा।
पानी : खाना खाने के बाद एक गिलास गरम-गरम पानी, जितना गर्म पिया जा सके, लगातार पीते रहने से कोलाइटिस ठीक हो जाती है। पानी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है, यह शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालता है और बीमारियों से बचाता है। पेट में सूजन की समस्या होने पर पानी का सेवन करने से सूजन कम हो सकती है। इसलिए नियमित 10-12 गिलास पानी का सेवन करना चाहिए।
सिनुआर : सिनुआर के पत्तों का रस 10 से 20 मिलीलीटर तक लेने से आंतों की सूजन मिट जाती है। सिनुआर, करंज, नीम और धतूरे के पत्तों को पीसकर हल्का गर्म-गर्म ऊपर से पेट पर बांधा जाये तो और अच्छा परिणाम मिलता है।
नागदन्ती : नागदन्ती की जड़ की छाल 3 से 6 ग्राम सुबह-शाम दालचीनी के साथ लेने से जलन और दर्द दूर होता है।
राई : बड़ी आंत की सूजन में राई पीसकर लेप करें परन्तु एक घंटे से ज्यादा यह लेप न लगायें वरना छाले पड़ जायेंगे।
हुरहुर : आंत की सूजन में पीले फूलों वाली हुरहुर के सिर्फ पत्तों का ही लेप करने से लाभ होता है।
बड़ी लोणा (लोना) : बड़ी लोणा का साग पीसकर आंत के सूजन वाले स्थान पर लेप लगायें या उसे बांधें दर्द कम होकर सूजन दूर हो जाता है।
चांगेरी : चांगेरी के साग को पीसकर लेप बना लें और उसे पेट के जिस हिस्से में दर्द हो वहां पर बांधने से लाभ होगा।
चूका साग : चूका साग सिर्फ खाने और ऊपर से लेप करने व बांधने से ही दर्द दूर कर देता है।