टमाटर एक गर्म मौसम की सब्जी है और बेहद लोकप्रिय है। हर गार्डनर या किसान अच्छे से अच्छे टमाटर उगाने का सपना देखता है। टमाटर को बीज से उगाना बहुत ही आसान है।

यदि आपके पास ज्यादा जगह उपलब्ध नहीं है या आप ठंडी जलवायु में रहते हैं तो आप किसी गमले या कंटेनर में भी टमाटर ऊगा सकते है। आइए जानते हैं कि टमाटर को बीज से कैसे उगाएं?

आपने किचन गार्डन के बारे में बहुत पढ़ा होगा। आज किचन गार्डन के फ़ायदों के बारे में पढ़ने के बजाय आइए हम टमाटर उगाना सीखते हैं और वह भी आर्गैनिक तरीक़े से।

इन पांच सिम्पल से स्टेप्स से आप अपनी बालकनी की ख़ाली जगह, विंडो सिल, टैरेज या घर के बाहर की जगह को किचन गार्डन में तब्दील कर सकते हैं. घर में टमाटर उगाकर न केवल आप पैसे बचाएंगे, बल्कि ऑर्गैनिक उत्पाद का इस्तेमाल करने वाली संतुष्टि भी आपको मिलेगी।

 

पहले स्टेप –  सबसे पहले ऐसी जगह चुनें, जहां पर्याप्त धूप आती हो. दरअस्ल, टमाटर के पौधे को दिन में कम से कम आठ से 10 घंटे की धूप चाहिए होती है।

दूसरा स्टेप – जितना संभव हो उतना बड़ा गमला चुनें. टमाटर के पौधे को काफ़ी पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है तो इसलिए यह ज़रूरी हो जाता है कि गमले में पर्याप्त मिट्टी हो. आप स्थानीय नर्सरी से गार्डन सॉइल ख़रीद सकते हैं।

जैसे-जैसे पौधा बढ़ेगा आपको समय-समय पर मिट्टी की पोषकता को बढ़ाने का प्रबंध करना होगा. आप बायो‌डीग्रेडेबल किचन वेस्ट को इस गमले में डालें. इससे ख़ाद तैयार होगी. इसके अलावा गमले की मिट्टी में केंचुए या अंडे के छिलके डालने से भी बात बन सकती है।

तीसरा स्टेप – आप किसी टमाटर से बीज निकालें. अगर बीज की क्वॉलिटी को लेकर सुनिश्चित न हों तो स्थानीय नर्सरी से टमाटर के बीज ख़रीद सकते हैं. उसके बाद कुछ पेपर कप्स लें और उन्हें एक इंच तक गमले की मिट्टी डालकर भरें।

फिर टमाटर के बीज डालें. उसके बाद ऊपर से मिट्टी डालकर बीजों को ढंक दें. कुछ दिनों तक पेपर कम पर पानी का छिड़काव करते रहें. कुछ दिनों बाद आपको अंकुर आते दिखेंगे।

जब अंकुर की लंबाई लगभग एक इंच हो जाए तब पेपर कप को काटकर पौधे को गमले में प्लांट कर दें. एक गमले में केवल एक पौधा लगाएं. अगर गमले में एक से ज़्यादा पौधे होंगे तो टमाटरों का उत्पादन कम होगा।

चौथा स्टेप – पौधों की देखरेख के क्रम में यह बहुत ज़रूरी है कि उनकी जड़े खुलने न पाएं. मिट्टी हल्की नम रहे, पर बहुत ज़्यादा गीली नहीं. जब पौधे बड़े होने शुरू हो जाएं तो उन्हें लकड़ी का सहारा दे दें, वर्ना वे फलों के बोझ से झुक जाएंगे।

पौधे रोपने से पहले ही गमले में लकड़ी लगाकर पौधों को सहारा देने का बंदोबस्त कर दें, बाद में यह काम उतना आसान नहीं रह जाता. गमले में लकड़ी घुसाने के चक्कर में जड़ों को नुक़सान पहुंच सकता है।

पांचवी स्टेप – पौधे को रोज़ाना पानी दें. गर्मियों में जब पारा काफ़ी चढ़ जाए तो दो बार पानी देने की ज़रूरत होगी. ठंडी के मौसम में एक बार पानी देने से काम चल जाएगा. पौधे को शेप में रखना भी बहुत ज़रूरी है।

मुरझाने वाले ब्रांचेस की बीच-बीच में कटाई-छंटाई करते रहे. सूखी पत्तियों और ब्रांचेस को तोड़कर वापस गमले में डाल दें. इससे मिट्टी की पोषकता बढ़ती है. आपका पौधा ज़्यादा टमाटर देगा। अगर आप हाइब्रिड का बीज लेंगे तो 1 गमला आपको 20kg तक टमाटर दे देगा ताकि आपको बाजार से टमाटर लाने की जरूरत ही नही पड़ेगी।

टमाटर की देखरेख

टमाटर लगाने के बाद आपको पहले 15 से 20 दिन सिर्फ पानी देना है। 20 दिन बाद आप हल्की गोबर खाद लगाना शुरु कर दीजिए।महीने में अधिकतम दो बार आप गोबर खाद लगा सकते हैं।

हर सप्ताह मिट्टी के गुड़ाई और धूप देना जरूरी है ।गुड़ाई करने के बाद 4 घंटे या 1 दिन टमाटर को धूप मिल जाए तो सर्वोत्तम रहता है । पौधे पर फूल आने की स्थिति में पानी ना दें या फिर देना जरूरी हो तो बहुत कम पानी दें फूल आने पर खाद जरूर लगाएं।

गमले में टमाटर की देखरेख

आपने टमाटर गमले में लगाया हुआ है। तो टमाटर के पौधे को सपोर्ट देने के लिए आप बांस की या फिर प्लास्टिक की छड़ का प्रयोग कर सकते हैं।

साथ ही साथ हर सप्ताह गमले को थोड़ा सा घूमाते (दिशा बदले) करते रहे ।अगर आपने टमाटर को इंडोर रखा हुआ है तो दिन में 3 से 4 घंटे की धूप टमाटर के लिए जरूरी है।

टमाटर के लिये खाद

आप सब्जियां उगाने के लिए सदैव जैविक खाद का ही प्रयोग करें इसके लिए आप गोबर खाद या फिर स्वयं द्वारा किचन वेस्ट से बनी खाद का प्रयोग कर सकते हैं।

पौधों की जड़ों को हमेशा मिट्टी में कवर रखें। इसके अलावा मिट्टी हमेशा नम होना चाहिए। हर दिन पौधों को एक निश्चित समय पर पानी दें। गर्मी के मौसम में दिन में दो बार पानी दें। चूहों एवं अन्य खतरों से अपने पौधे को बचा कर रखें।

गमले में अन्य सब्जियां ऐसे उगाये

पॉलीथिन शीट पर 5 इंच गोबर-मिट‌्टी डालकर उगाएं जड़ वाली सब्जियां, मिलेगा भरपूर उत्पादन हरी पत्तियों वाली सब्जी, गमले में नींबू, किन्नू, अनार आदि के पौधे लगाना।

इस तरह के पौधों के लिए गमले का आकार थोडा बड़ा होना चाहिए, जिसमें लगभग 10-12 किलो या अधिक मिट्टी जाए।

गमले को सूखी उपजाऊ मिट्टी से भरकर फिर उसमे से 2 किलो के लगभग मिट्टी निकाल दें तथा शेष मिट्टी को फर्श या जमीन पर डालकर इसमें 200 ग्राम डीएपी 100 ग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश एक किलो वर्मी कम्पोस्ट अच्छी तरह मिला लें।

यदि मिट्टी में पोषक तत्वों (जिंक, सल्फर, कॉपर, मैग्नीज़, बोरोन आदि) की कमी हो तो बाजार से लेकर इनकी थोड़ी मात्रा मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें, फिर इस मिट्टी को गमले में भर दें। गमला ऊपर से लगभग 2-3 इंच खाली रखना चाहिए।

गमलों में लगाने के लिए कलम, बडिंग या गूटी से तैयार, अच्छी प्रजाति के पौधे ही लगाने चाहिए। ऐसे पौधे एक से दो वर्ष में फल देने लगते हैं। नींबू की प्रजाति ऐसी लगाएं, जिन पर वर्ष में दो बार फल अवश्य आएं या बारह महीने फल-फूल लगे रहें। गमले में पौधे लगाकर उसमें पानी लगाएं इस तरह मिट्टी नीचे दब जाएगी।

गमला ऊपरी सतह पर 2-3 इंच खाली रहना चाहिए ताकि समय समय पर पानी लगाया जा सके। गमलों में पानी लगाते रहें। फूल आते समय ज्यादा पानी लगाएं। पौधों को प्रकाश भी मिलना चाहिए। पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, टमाटर, धनिया, पुदीना, बथुआ, पालक, मेथी उगाने से मिलेगा खूब मुनाफा।

जिन गमलों में सीधे बीज बोकर सब्जी जैसे भिंडी, पालक, मेथी, धनिया, आदि लगानी हो उनमें बीजों को मिट्टी में मिलाकर फिर हल्का पानी लगाएं आने वाले दिनों में पर्याप्त नमी बनाए रखें। घर हो या खेत गमलों की नियमित देखभाल करते रहें।

रोग कीट नियंत्रण

बैंगन, भिंडी, फूल गोभी, पत्तागोभी, टमाटर में सफ़ेद मक्खी सुंडी की समस्या ज्यादा होती है। यदि पत्तियां हिलाने से हरे रंग के कीट/रस चूसने वाले कीट या बारीक़ सफ़ेद मक्खी दिखाई दे तो पौधों पर पानी की फुआर मारकर धुलाई करें या नीम कि पत्तियों को पानी में उबाल कर, उस पानी को ठंडा करके छानकर पौधों पर छिड़काव करें। विषय विशेषज्ञों से भी संपर्क कर सकते हैं।

अब यदि आपको गमले में सब्जी की तैयार नर्सरी बैंगन, टमाटर, पत्ता गोभी, फूल गोभी, ब्रोकोली, मिर्च, शिमला मिर्च आदि में से कोई भी जिसका मौसम हो लगानी है तो उसका एक पौधा या बड़े गमले में एक से अधिक पौधे लगाकर उसमें पानी डालें तथा ध्यान रखें पानी गमले से बाहर निकलें, इसके लिए गमलों को लगभग दो इंच खाली रखें पानी लगाने पर अगर पौधा गिर जाता है तो उसे सीधा खड़ा कर मिट्टी का सहारा दें।

अगर आपके मकान की छत खुली हुई है तो उस पर पॉलीथिन की शीट डालकर उसके ऊपर 4-5 इंच मोटी गोबर की सड़ी हुई खाद मिली मिट्टी की पर्त डालकर भी उथली जड़ वाली सब्जियां, जैसे पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, टमाटर, धनिया, पुदीना, बथुआ, पालक, मेथी आदि उगा सकते हैं।

बाराह इंची या आवश्यक्तानुसार उगाए जाने वाले पेड़-पौधों के अनुसार इससे बड़े मिट्टी, सीमेंट या प्लास्टिक के बने गमलों का प्रयोग करें। गमलों को सूखी उपजाऊ मिट्टी से भर लें तथा फिर लगभग एक किग्रा. मिट्टी को गमले से वापस निकाल लें शेष मिट्टी को फर्श या जमीन पर पलट दें।

अब इसमें 50 ग्राम डीएपी 50 ग्राम म्युरेट ऑफ़ पोटाश या फिर 100 ग्राम डीएपी 500 ग्राम केंचुआ की खाद या वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद मिला दें।