- अजवाइन के गुणों की प्रशंसा में आयुर्वेद में कहा गया है “एका यमानी शतमन्न पाचिका” अर्थात इसमें सौ प्रकार के अन्न पचाने की ताकत होती है। अनेक प्रकार के गुणों से भरपूर अजवायन पाचक रूचि कारक, तीक्ष्ण, कढवी, अग्नि प्रदीप्त करने वाली, पित्तकारक तथा शूल, वात, कफ, उदर आनाह, प्लीहा, तथा क्रमि इनका नाश करने वाली होती है। अजवायन की पत्ती में एंटी बैक्टीरियल गुण होता है जो कि संक्रमण से लड़ने में मदद करता है अजवायन में लाल मिर्च की तेजी, राई की कटुता तथा हींग और लहसुन की वातनाशक गुण एक साथ मिलते है इस लिए यह गुणों का भंङार है यह उदर शूल, गैस, वायुशोला, पेट फूलना, वात प्रकोप आदि को दूर करता है इसी कारण इसे घर पर छुपा हुआ वैध्य भी कहा गया है अति गर्म प्रकृति वालों के लिए यह हानिकारक होती है। अजवाइन गर्म व शुष्क प्रकृति की होती है। अजवाइन एक प्रकार का बीज है जो अजमोद के समान होता है।
- अजवाइन 2 से 5 ग्राम, तेल 1 से 3 बूंद तक ले सकते हैं। अजवाइन का आयुर्वेद में इन रोगों का शमन करने की चमत्कारी औषिधि माना है- पाचक, तीखी, रुचिकारक (इच्छा को बढ़ाने वाली), गर्म, कड़वी, हृदय के लिए हितकारी, कफ को हरने वाली, बुखारनाशक, सूजननाशक, मूत्रकारक (पेशाब को लाने वाला), कृमिनाशक (कीड़ों को नष्ट करने वाला), वमन (उल्टी) , शूल, पेट के रोग, जोड़ों के दर्द में, वादी बवासीर (अर्श) , प्लीहा (तिल्ली) के रोगों का नाश करने वाली गर्म प्रकृति की औषधि है। ऐसे ही इसके और भी फायदे है आईये जानते है……..
अजवायन को रात को सेवन करने के 8 फ़ायदे :
- अजवायन को हल्का तवे पर भून कर या कच्ची अजवाइन को रात में चबाकर गरम पानी पीने से कमर दर्द में तुरंत राहत मिलती है तो सवेरे पेट भी पानी की तरह साफ हो जाता है। इन दोनो समस्याओं से छूटकारा पाने के लिए यह प्रयोग आपको 7 रातों तक लगातार करना है।
- अजवायन का चूर्ण बच्चों को 2 से 4 रत्ती और बड़ों को दो ग्राम, गुड़ में मिलाकर दिन में तीन-चार बार दिया जाये तो पेट के कीड़े बाहर निकल जाते हैं।
- रात को पेशाब आने पर भी इसके सेवन से लाभ होता है।
- अजवायन के फूल को शक्कर के साथ तीन- चार बार पानी से लेने से पित्ती की बीमारी ठीक होती है।
- रोजाना अजवाइन का पानी पीने से डायबिटीज का खतरा 80 प्रतिशत तक कम हो जाती है। इसके अलावा इससे दिन की बीमारियां भी दूर रहती है।
- इसका के पानी का सेवन मेटाबॉलिज्म सिस्टम को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा दिन में 2 बार अजवाइन के पानी का सेवन करने से डायरिया जैसी बीमारी भी खत्म हो जाती है।
- अजवाइन के पानी में एक चुटकी काला नमक मिलाकर सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार और कफ जैसी सारी बीमारियां दूर हो जाएगी।
- रात को नींद न आने की समस्या से परेशान है तो रात को सोने से पहले अजवाइन का पानी पीएं। इससे आपको अच्छी नींद आ जाएगी और कोई साइडइफेक्ट भी नहीं होगा।
अजवाइन (Ajwain) के 20 अन्य अद्भुत फायदे :
- यकृत के रोग : 2 ग्राम पिसी अजवाइन, 1 ग्राम पिसी सोंठ को 1 कप पानी में रात को भिगोएं, सुबह इसे मसलकर छान लें और कम गर्म करके पीयें। इस प्रयोग को 15 दिन तक लगातार करें। इससे यकृत के रोग से लाभ होता है।
- पथरी : अजवाइन 5 ग्राम और जीरा 4 ग्राम को मिलाकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण प्रतिदिन सुबह-शाम पानी के साथ लेने से सभी प्रकार की पथरी निकल जाती है। अजवाइन 6 ग्राम प्रतिदिन सुबह-शाम फांकने से गुर्दे व मलाशय की पथरी घुलकर निकल जाती है।
- अम्लपित्त : 1 चम्मच पिसी हुई अजवाइन, 1 गिलास पानी और 1 नींबू का रस मिलाकर पीने से अम्लपित्त में लाभ होता है।
- यकृत का बढ़ना : 1.5 ग्राम अजवाइन का चूर्ण और 5 मिलीलीटर भांगरे का रस एक साथ मिलाकर पिलाने से यकृत वृद्धि मिट जाती है। अजवाइन, चीता, यवक्षार, पीपलामूल, दन्ती की जड़, छोटी पीपल आदि को एक साथ 5-5 ग्राम की मात्रा में लेकर कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में से एक चुटकी चूर्ण दही के पानी के साथ बच्चे को दें। इससे यकृत रोग मिट जाता है।
- पाचन क्रिया का खराब होना : अजवाइन का रस या पुनर्नवा का रस या मकोए का रस एक तिहाई कप में पानी मिलाकर भोजन के बाद दिन में सुबह और शाम प्रयोग करें।
- पेट में कृमि (पेट के कीड़े) होने पर : अजवाइन के लगभग आधा ग्राम चूर्ण में इसी के बराबर मात्रा में कालानमक मिलाकर सोते समय गर्म पानी से बच्चों को देना चाहिए। इससे बच्चों के पेट के कीड़े मर जाते हैं। कृमिरोग में पत्तों का 5 मिलीलीटर अजवाइन का रस भी लाभकारी है। अजवाइन को पीसकर प्राप्त हुए चूर्ण की 1 से 2 ग्राम को खुराक के रूप में छाछ के साथ पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं। अजवाइन के बारीक चूर्ण 4 ग्राम को 1 गिलास छाछ के साथ पीने या अजवाइन के तेल की लगभग 7 बूंदों को प्रयोग करने से लाभ होता है। अजवाइन को पीसकर प्राप्त रस की 4 से 5 बूंदों को पानी में डालकर सेवन करने आराम मिलता है। आधे से एक ग्राम अजवाइन का बारीक चूर्ण करके गुड़ के साथ मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। इसे दिन में 3 बार खिलाने से छोटे बच्चों (3 से लेकर 5 साल तक) के पेट में मौजूद कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
- गठिया (जोड़ों का दर्द) : जोड़ों के दर्द में पीड़ित स्थानों पर अजवाइन के तेल की मालिश करने से राहत मिलेगी। गठिया के रोगी को अजवाइन के चूर्ण की पोटली बनाकर सेंकने से रोगी को दर्द में आराम पहुंचता है। जंगली अजावयन को अरंड के तेल के साथ पीसकर लगाने से गठिया का दर्द ठीक होता है। अजवाइन का रस आधा कप में पानी मिलाकर आधा चम्मच पिसी सोंठ लेकर ऊपर से इसे पीलें। इससे गठिया का रोग ठीक हो जाता है। 1 ग्राम दालचीनी पिसी हुई में 3 बूंद अजवाइन का तेल डालकर सुबह-शाम सेवन करें। इससे दर्द ठीक होता है।
- मिट्टी या कोयला खाने की आदत : एक चम्मच अजवाइन का चूर्ण रात में सोते समय नियमित रूप से 3 हफ्ते तक खिलाएं। इससे बच्चों की मिट्टी खाने की आदत छूट जाती है।
- पेट में दर्द : एक ग्राम काला नमक और 2 ग्राम अजवाइन गर्म पानी के साथ सेवन कराएं।
- शीतपित्त : अजवाइन 50 ग्राम अच्छी तरह कूटकर 50 ग्राम गुड़ के साथ 6-6 ग्राम की गोलियां बनाकर सुबह-शाम 1-1 गोली ताजे पानी के साथ लें। एक हफ्ते में ही सारे शरीर पर फैली हुई पित्ती दूर हो जायेगी। आधा चम्मच अजवाइन और एक चम्मच गुड़ मिलाकर सेवन करने से जल्द ही लाभ होगा।
- मोटापा नाशक : अजवाइन 20 ग्राम, सेंधानमक 20 ग्राम, जीरा 20 ग्राम, कालीमिर्च 20 ग्राम की मात्रा में कूटकर छानकर रख लें। रोजाना एक पुड़िया सुबह खाली पेट छाछ के साथ पीयें। यह प्रयोग शरीर में चर्बी को कम करके मोटापा दूर कर देता है।
- रक्तपित्त : अजवाइन 5 ग्राम, पिपरमेंट 10 दाने और गुड़ 10 ग्राम। तीनों को मिलाकर दो खुराक बनायें तथा सुबह-शाम इसका प्रयोग करें। इससे रक्तपित्त खत्म हो जाता है।
- नींद न आना : जब किसी व्यक्ति को नींद नहीं आ रही हो तो अजवाइन के तेल को कान के पीछे कनपटियों पर मलने से नींद आ जाती है। लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग खुरासानी अजवाइन का चूर्ण सुबह-शाम लेने से अच्छी नींद आती है।
- नाक के कीड़े : खुरासानी अजवाइन के काढ़े से नाक के जख्म को साफ करने से दर्द कम हो जाता है।
- प्लीहा (तिल्ली) में वृद्धि होने पर : सुबह के समय 2 कप पानी मिट्टी के बर्तन में लें। इसमें 15 ग्राम अजवाइन डालकर दिन में घर के अंदर और रात में खुले में रख दें। अगले दिन सुबह उठकर छानकर इसे पियें तथा इसका प्रयोग लगातार 15 दिनों तक करें, इससे बढ़ी हुई तिल्ली कम हो जाती है। केवल अजवाइन का भी प्रयोग किया जा सकता है।
- नाक के रोग : 10 ग्राम अजवाइन और 40 ग्राम पुराने गुड़ को लगभग 450 मिलीलीटर पानी में डालकर उबालने के लिए रख दें। उबलने पर जब 250 मिलीलीटर के करीब पानी बाकी रह जाये तो उस पानी को थोड़ी देर तक रखकर थोड़ा ठंडा होने पर पीकर ऊपर से चादर ओढ़ कर सो जाये। इससे छींक आना बंद हो जाती है।
- वात रोग : खुरासानी अजवाइन का प्रयोग गठिया, घुटने के रोग की सूजन में बहुत ही फायदेमंद होती है।
- आक्षेप (बेहोशी अवस्था में कांपना) : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग खुरासानी अजवाइन सुबह और शाम को खाने से आक्षेप, मिर्गी और अनिद्रा में बहुत लाभ प्राप्त होता है।
- नजला, नया जुकाम : 10 ग्राम अजवाइन को एक साफ कपड़े में बांधकर पोटली बनाकर तवे पर रखकर गर्म कर लें। इसको बार-बार नाक से सूंघने से बंद नाक खुल जाती है और जुकाम भी ठीक हो जाता है नाक का गंदा पानी निकल जाता है और सिर का भारी होना भी ठीक हो जाता है।
- पेट के दर्द में : अजवाइन और काला नमक को बराबर मात्रा में पीस लें। इसे 3 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ पीने से पेट में दर्द मिटता है। 20 ग्राम अजवाइन तथा 10 ग्राम नौसादर को पीसकर रख लें। इसे 2 ग्राम की खुराक के रूप में गर्म पानी के साथ पीने से पेट के दर्द में लाभ होता है।
अजवाइन के हानिकारक प्रभाव :
- अजवाइन का अधिक सेवन सिर में दर्द उत्पन्न करता है। अजवाइन पित्त प्रकृति वालों में सिर दर्द पैदा करती है और दूध कम करती है। अजवाइन ताजी ही लेनी चाहिए क्योंकि पुरानी हो जाने पर इसका तैलीय अंश नष्ट हो जाता है जिससे यह वीर्यहीन हो जाती है। काढ़े के स्थान पर रस या फांट का प्रयोग बेहतर है।