- गठिया (Gout) या वातरक्त एक सामान्य रोग है जिसमें रोगी के एक या कई जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन आ जाती है। इस रोग में जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और चुभन जैसी तेज पीड़ा होती है। यह रोग रक्त में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से होता है,जिसका प्रमुख कारण यूरिक एसिड अपचयन (Metabolism) से है।
- जोड़ हड्डियों से बने होते हैं जो एक कैप्सूल यानि संपुट में होते हैं। इस कैप्सूल के ऊतक (Tissue) एक प्रकार का चिकना द्रव्य बनाते हैं जिसे सायनोवियल फ्लूड (Sinovial Fluid) कहा जाता है।
- इसी फ्लूड की सहायता से उंगलियों के जोड़ आसानी से काम करते हैं। इसी द्रव्य पर कैप्सूल के अंदर के ऊतक भी निर्भर करते हैं। गठिया (Gathiya) की समस्या उस समय पैदा होती है जब शरीर बहुत ज्यादा यूरिक एसिड बनाने लगता है और उसके कण कैप्सूल के अंदर पहुंचने लगते हैं।
गठिया के लक्षण
- जोड़ों में रात को अचानक बहुत तेज दर्द होता है और सूजन आ जाती है। जोड़ लाल और गर्म महसूस होता है। साथ में बुखार और थकावट भी हो सकती है।
- गठिया का दौरा अमूमन 5-7 दिनों में ठीक हो जाता है। गठिया 75 प्रतिशत वंशानुगत होता है और यह ज्यादातर पुरूषों में पाया जाता है।
सामग्री
- नमक- २ ग्राम
- जीरा- २ ग्राम
- हींग- २ ग्राम
- पीपल- २ ग्राम
- काली मिर्च- २ ग्राम
- सौंठ- २ ग्राम
दवाई बनाने की विधि :
- गठिया के रोग में लहसुन बेहद लाभकारी होता है। इसके सेवन से गठिया के रोग में आराम मिलता है। वैसे अगर इसे खाना पसंद न हो तो इसमें सेंधा नमक, जीरा, हींग, पीपल, काली मिर्च और सौंठ की सभी की 2 – 2 ग्राम मात्रा लेकर अच्छे से पीस लें।
- इस पेस्ट को अरंडी के तेल में भून लें और बॉटल में भ लें। दर्द होने पर लगा लें। आराम मिलेगा।