- यूनानी चिकित्सा में कई दवाओं को रोगों के निदान के लिए दूध के साथ या इसमें मिलाकर और उबालकर देते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में-
- माउल्जुब्न के लाभ : दूध फाड़कर निकाला गया पानी माउल्जुब्न कहलाता है। यह सुपाच्य होता है जो शरीर में तुरंत अवशोषित हो जाता है। पीलिया रोग और पेट को साफ रखने के लिए इसका प्रयोग करते हैं। लिवर व पेट संबंधी समस्याओं में भोजन को नियंत्रित कर डाइटोथैरेपी दी जाती है। ऎसे में विशेषज्ञ हल्के भोजन के तौर पर इसे पीने की सलाह देते हैं ताकि शरीर में एनर्जी बनी रहे।
- कमजोर यादाश्त : विभिन्न औषधियों के शीरे (पानी में औषधि को पीसकर उसका रस निकालना) को दूध में मिलाकर इसका हरीरा तैयार किया जाता है, इसे नियमित रूप से लेने से याददाश्त बढ़ती है।
- गले में सूजन : अमलतास की फलियों का गूदा निकालकर दूध में उबालें। गुनगुना होने के बाद इससे गरारे करने से गले के दर्द में आराम मिलता है। कफ की परेशानी होने पर दूध में इलायची उबालकर भी पी सकते हैं। www.allayurvedic.org
- चेहरे पर चमक : दूध रक्तसंचार को दुरूस्त रखता है जिससे त्वचा की कोशिकाएं स्वस्थ रहती हैं। उबटन (गाजा) को चेहरे पर लगाने से त्वचा चमकदार होती है। इस उबटन को बनाने के लिए कई तरह के अनाज को पीसा जाता है और उसमें दूध, हल्दी व चंदन को मिलाया जाता है। इसके बाद इसे प्रयोग में लेते हैं।
- पनिरमाया : बच्चे के जन्म के बाद गाय, भेड़ या ऊंटनी के दूध से तैयार पनीर को पनीरमाया कहते हैं। इसमें इम्युनोग्लोबिन प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर दिल और दिमाग को मजबूत बनाता है। विशेषज्ञ इसे मरीज की अवस्था व उम्र के अनुसार लेने की सलाह देते हैं। दूध को विभिन्न तरह और विभिन्न चीजों के साथ सेवन से अलग-अलग असर होता है।