शहद का सेवन करने के नियम:
शहद कभी खराब नहीं होता . यह पका पकाया भोजन है और तुरंत ऊर्जा देने वाला है , पर इसे लेते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए |
– अमरुद , गाना , अंगूर और खट्टे फलों के साथ शहद अमृत के सामान है |
– चाय कॉफ़ी के साथ शहद ज़हर के सामान है |
– शहद को आग पर कभी ना तपाये |
– मांस -मछली के साथ शहद का सेवन ज़हर के सामान है |
– शहद में पानी या दूध बराबर मात्रा में हानि कारक है |
– चीनी के साथ शहद मिलाना अमृत में ज़हर मिलाने के सामान है |
– एक साथ अधिक मात्रा में शहद लेना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है .दिन में २ या ३ बार एक चम्मच शहद लें |
– घी , तेल , मक्खन में शहद ज़हर के सामान है |
– मशहद खाने से कोई परेशानी महसूस हो तो निम्बू का सेवन करें |
– समान मात्रा में घी और शहद ज़हर होता है |
– अलग अलग वृक्षों पर लगे छत्तों में प्राप्त शहद के अलग अलग औषधीय गुण
होंगे . जैसे नीम पर लगा शहद आँखों के लिए , जामुन का डायबिटीज़ और सहजन का
ह्रदय , वात और रक्तचाप के लिए अच्छा होता है |
– शीतकाल या बसंतऋतु में विकसित वनस्पति के रस में से बना हुआ शहद उत्तम
होता है और गरमी या बरसात में एकत्रित किया हुआ शहद इतना अच्छा नही होता
है। गांव या नगर में मुहल्लों में बने हुए शहद के छत्तों की तुलना में वनों
में बनें हुए छत्तों का शहद अधिक उत्तम माना जाता है।
– शहद पैदा करनें वाली मधुमक्खियों के भेद के अनुसार वनस्पतियों की विविधता के कारण शहद के गुण, स्वाद और रंग में अंतर पड़ता है।