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Author: Dr All Ayurvedic

आंखों की सुरक्षा के लिए

सुबह दांत साफ करके, मुँह में पानी भरकर मुँह फुला लें। इसके बाद आखॉं पर ठ्ण्डे जल के छीटे मारें। प्रातिदिन इस प्रकार दिन तीन बार प्रात: दोपहर तथा सांयकाल ठ्ण्डे जल से मुख भरकर, मुँह फुलाकर ठ्ण्डे जल से ही आखॉं पर ह ल्के छींटे...

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शतावर या एस्पेरेगस : बुढापे में शक्ति, त्रिदोष नाशक

यह एक लता होती है जिसमे सुई जैसे पत्ते होते है . फल पक जाने पर सुन्दर लाल रंग के हो जाते है . पर इसका मुख्य अंग है इसकी जड़ जिसमे औषधीय तत्व होता है . कंद जैसी इसकी जड़ का छिलका उतार कर , धो कर , सुखाकर इसका चूर्ण बना लिया जाता...

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दन्तशूल (toothache) के घरेलू उपचार

दांत,मसूढों और जबडों में होने वाली पीडा को दंतशूल से परिभाषित किया जाता है। हममें से कई लोगों को ऐसी पीडा अकस्मात हो जाया करती है। दांत में कभी सामान्य तो कभी असहनीय दर्द उठता है। रोगी को चेन नहीं पडता।। मसूडों में सूजन आ जाती...

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वट वृक्ष या बरगद के औषधीय प्रयोग

वट वृक्ष हमारे धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है . यह पर्यावरण की दृष्टी से भी महत्वपूर्ण है . इसकी जड़ें मिटटी को पकड़ के रखती है और पत्तियाँ हवा को शुद्ध करती है .यह कफ पित्त नाशक ,रक्त शोधक ,गर्भाशय शोधक और शोथहर है....

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पीपल से उपचार

– यह 24 घंटे ऑक्सीजन देता है . – इसके पत्तों से जो दूध निकलता है उसे आँख में लगाने से आँख का दर्द ठीक हो जाता है . – पीपल की ताज़ी डंडी दातून के लिए बहुत अच्छी है . – पीपल के ताज़े पत्तों का रस नाक में...

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