यह
एक लता होती है जिसमे सुई जैसे पत्ते होते है . फल पक जाने पर सुन्दर लाल
रंग के हो जाते है . पर इसका मुख्य अंग है इसकी जड़ जिसमे औषधीय तत्व होता
है . कंद जैसी इसकी जड़ का छिलका उतार कर , धो कर , सुखाकर इसका चूर्ण बना
लिया जाता है .
– यह त्रिदोष नाशक और शक्ति वर्धक होता है .
– यह एक रसायन है अर्थात बुढापे में शक्ति प्रदान करने वाला , नेत्र ज्योति बढाने वाला है .
– रात में दूध में उबालकर और एक चम्मच घी डालकर पीने से गहरी नींद आती है .
– शतावरी के कोमल पत्तों का घी में साग बनाकर सेवन करने से रतौंधी दूर हो जाती है .
– दाह ,शूल और अन्य पित्तज रोगों में लाभकारी .
– अगर गाय या भैंस दूध ना दे रहे हो तो उन्हें इंजेक्शन लगाने से प्राप्त
दूध ज़हरीला बन जाता है . इस स्थिति में अगर पशुओं को शतावर का चूर्ण
खिलाया जाए तो वे पुनः दूध देने लगते है .
– गोखरू के साथ इसे लेने पर किडनी के रोगों में लाभ देता है .
– इसे दूध के साथ लेने पर विष की शान्ति होती है .
– रक्तार्श में लाभकारी .
Kya asparagus sabji ki bhi same hi gun hote hai .Uske dantal ki jo sabji ke rup me bideso me istemal hota hai
Kya asparagus sabji ki bhi same hi gun hote hai .Uske dantal ki jo sabji ke rup me bideso me istemal hota hai