★ पुरुषों की कमजोरी को जड़ से मिटाने के देसी तरीके ★
- तालमखाना (Talmakhana)– अधिकतर धान के खेतों में पाया जाने वाला तालमखाना लैटिन भाषा में एस्टरकैन्था-लोंगिफोलिया (Asteracantha Longifolia) कहलाता है। रोजाना सुबह और शाम लगभग 3-3 ग्राम तालमखाना के बीज दूध के साथ लेने से वी*र्य गाढ़ा होता है और शी*घ्रपतन, स्वप्नदोष, शुक्रा*णुओं की कमी आदि रोगों से छुटकारा मिलता है। www.allayurvedic.org
- गोखरू (Gokhru)– गोखरू का फल कांटेदार होता है और औषधि के रूप में काम आता है। बारिश के मौसम में यह हर जगह पर पाया जाता है। न*पुंसकता रोग में गोखरू के लगभग 10 ग्राम बीजों के चूर्ण में इतने ही काले तिल मिलाकर 250 ग्राम दूध में डालकर आग पर पका लें। पकने पर इसके खीर की तरह गाढ़ा हो जाने पर इसमें 25 ग्राम मिश्री का चूर्ण मिलाकर सेवन करना चाहिए। इसका सेवन नियमित रूप से करने से न*पुसंकता रोग में बहुत ही लाभ होता है।
- मूसली (Musli)– मूसली काली और सफेद दो तरह की होती है। सफेद मूसली काली मूसली से अधिक गुणकारी होती है और वी*र्य को गाढ़ा करने वाली होती है। मूसली का 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से वी*र्य गाढ़ा होता है और शरीर में काम-उत्ते*जना की वृद्धि होती है। www.allayurvedic.org
- उड़द (Urad)– उड़द के लड्डू, उड़द की दाल, दूध में बनाई हुई उड़द की खीर का सेवन करने से वी*र्य की बढ़ोतरी होती है।
अन्य उपाय- जो जीवन आनंदमय बनाये
- वी*र्य तथा से*क्स क्षमता में वृद्धि के लिए-पीपल का फल और पीपल की कोमल जड़ को बराबर मात्रा में लेकर चटनी बना लें। इस 2 चम्मच चटनी को 100 मि.ली. दूध तथा 400 मि.ली. पानी में मिलाकर उसे लगभग चौथाई भाग होने तक पकाएं। फिर उसे छानकर आधा कप सुबह और शाम को पी लें।
- तालमखाने के बीज, चोबचीनी, ढाक का गोंद और मोचरस (सभी 100-100 ग्राम) तथा 250 ग्राम मिश्री को कूटकर चूर्ण बना लें। रोजाना सुबह एक चम्मच चूर्ण में 4 चम्मच मलाई मिलाकर खाएं। इससे यौ*न रुपी कमजोरी तथा वी*र्य का जल्दी गिरना जैसे रोग दूर होते हैं।
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