★ अल्जाइमर और पर्किंसंस जैसे न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से बचाती है तिरछा सोने की आदत ★
📱 Share On Whatsapp : Click here 📱
- अगर आप पेट या पीठ के बल सीधा सोने के बजाय तिरछा सोते हैं तो अल्जाइमर और पर्किंसंस जैसे न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से बच सकते हैं. एक अध्ययन में यह बात कही गई है। अध्ययन के मुताबिक, तिरछा सोने से दिमाग में मौजूद हानिकारक रासायनिक विलेय या अपशिष्ट विलेय भली प्रकार निकल जाते हैं। www.allayurvedic.org
- दिमाग में अपशिष्ट विलेय या रासायनिक विलेय के जमा होने से अल्जाइमर और दूसरी न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के पनपने का खतरा बढ़ जाता है।
- अमेरिका के न्यूयार्क स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर के शोधकर्ता मैकेन नेडेर्गार्ड ने कहा, “यह पहले ही पता चल चुका है कि नींद के दौरान खलल पड़ने से अल्जाइमर की बीमारी और याददाश्त खोने का खतरा बढ़ जाता है. हमारे शोध में इससे संबंधित जो नई बात सामने आई है, वो ये है कि सोने का तरीका भी इस विषय में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।”
- नेडेर्गार्ड ने कहा, “तिरछा लेटकर सोना एक आरामदायक तरीका है और ज्यादातर लोग ऐसे सोना पसंद करते हैं. शोध में यह बात भी सामने आई है कि जागने के दौरान दिमाग में जमा होने वाले हानिकारक रायायनिक विलेय को निकालने के लिए हमने तिरछा लेटकर सोने के तरीके को अपनाना चाहिए।” www.allayurvedic.org
- अध्ययन के निष्कर्ष में बताया गया कि सोने का तरीका आराम करने की एक जैविक क्रिया है, जो जागने के दौरान दिमाग में जमा होने वाले मेटाबॉलिक अपशिष्ट को निकालने के लिहाज से महत्वपूर्ण है।