- अर्जुन घृत, एक हर्बल आयुर्वेदिक घी है। इसे अर्जुन पेड़ की छाल और गाय के घी से बनाया गया है। इसका प्रयोग हर प्रकार के हृदय रोग में किया जाता है। यह अधिक पित्त और वायु से राहत देता है। यह दिल को ताकत देता है और उसके कार्य को व्यवस्थित करता है।
- आयुर्वेद में अर्जुन पेड़ की छाल , हृदय रोगों के लिए बहुत ही लाभप्रद मानी गयी है। अर्जुन की छाल शरीर में पित्त और वात को संतुलित करती है तथा शरीर को शीतलता देती है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है।
- Arjun Ghrita is an herbal medicated ghee prepared from Cow’s ghee and bark of Arjuna tree. It shows beneficial effects in all types of heart diseases. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language. www.allayurvedic.org
➡ अर्जुन घृत के घटक (Ingredients of Arjun Ghrita) :
- पार्थ (अर्जुन) (St.Bk.) 16 भाग
- घृत (Goghrita) 4 भाग
- पार्थ कल्क (St.Bk.) 1 भाग
➡ अर्जुन घृत के लाभ/फ़ायदे (Benefits of Arjun Ghrita) :
- यह एक कार्डियक टॉनिक है।
- यह सभी प्रकार के हृदय रोगों, और रक्त पित्त विकारों में लाभप्रद है।
- यह अत्यधिक पेट में गैस और संबद्ध समस्याओं से राहत देता है।
- यह अत्यंत पौष्टिक है।
- यह स्निग्ध है और आन्तरिक रूक्षता दूर करता है।
- यह वज़न, कान्ति, और पाचन को बढ़ाता है।
- यह कब्ज़ से राहत देता है।
- यह दिमाग, नसों, मांस, आँखों, मलाशय आदि को शक्ति प्रदान करता है।
- यह धातुओं को पुष्ट करता है।
- यह पित्त विकार को दूर करता है।
➡ अर्जुन घृत के चिकित्सीय उपयोग (Uses of Arjun Ghrita) :
- कार्डियक टॉनिक
- एनजाइना
- दिल की धड़कन
- दिल की कमजोरी
- शरीर में पित्त की वृध्दि
- पेट में गैस
➡ सेवन विधि और मात्रा (Dosage of Arjun Ghrita) :
- 3-6 gram दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- इसे मिश्री+ दूध अथवा गर्म पानी के साथ लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
- कृपया ध्यान दें, आयुर्वेदिक दवाओं की सटीक खुराक आयु, ताकत, पाचन शक्ति का रोगी, बीमारी और दवाओं के गुणों की प्रकृति पर निर्भर करता है।
- इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
- You can buy this medicine online or from medical stores.
- This medicine is manufactured by Baidyanath (Arjun Ghrit), and many other Ayurvedic pharmacies.