• अधिकांश महिलाएं अपने गुप्तांग को साफ रखने का ध्यान नहीं रखतीं। स्नान करते समय या शौच करते समय ऊपर से तो धुलाई हो जाती है पर योनि के अन्दरूनी मार्ग की धुलाई-सफाई नहीं हो पाती। इसका परिणाम यह होता है या हो सकता है कि आंख की पलक पर फुंसी (गुहेरी) निकले, योनि मार्ग में शोथ (Inflammation) कण्डु यानी खुजली (itching), जलन (Burning) या श्वेत प्रदर (Leuorrhoea) आदि कोई व्याधि पैदा हो जाए। स्नान के समय रोजाना, योनि के अन्दरूनी भाग (योनि मार्ग) को जितना सम्भव हो सके उतना धो कर साफ करना चाहिए। साथ ही सलाह में दो बार निम्नलिखित विधि से योनि-प्रक्षालन (डूश) करना चाहिए। यह नुस्खा बड़ा सरल व सस्ता है। www.allayurvedic.org
  • डूश-विधि : अनार का सुखाया हुआ छिलका और लाल फिटकरी- दोनों समान मात्रा में लेकर खूब कूट पीस कर बारीक महीन चूर्ण करके मिला लें और शीशी में भर लें। एक गिलास पानी में दो चम्मच चूर्ण डाल कर गरम करें फिर उतार कर जब कुनकुना गरम रहे तब छान लें। डूश करने के उपकरण से इस पानी से योनि प्रक्षालन (Vaginal douche) करें। इस प्रयोग से योनि के सब विकार और दुर्गन्ध आना दूर हो जाता है, पति के साथ सहवास करने में असुविधा और पीड़ा नहीं होती। यदि योनि में अन्दर घाव हो तो इस पानी को बिल्कुल ठण्डा करके इसमें दो चम्मच शहद डाल कर घोल दें फिर डूश करें। घाव ठीक हो जाएंगे।