➡ सिंघाड़ा (water caltrop) :
- सिंघाडे (Water caltrop) को वैज्ञानिक नाम Trapa Bispinosa/Natans भी कहा जाता है। यह त्रिकोने आकार का फल होता है।
- शरीर को मैगनीज तत्व की भी जरूरत होती है. आप चाहे जितने टानिक पी लीजिये, ताकत की दवाएं खा लीजिये लेकिन जब तक शरीर में इन तत्वों को पूर्ण रूप से पचाने की क्षमता नहीं होगी ,दवाए कोई असर नहीं दिखाएंगी. अकेला सिघाड़ा एक ऐसा फल है जो शरीर में मैगनीज एब्जार्ब करने की क्षमता बढ़ा देता है. और बुढापे में होने वाली अधिकाश बीमारियाँ सिर्फ मैगनीज की कमी के कारण होती हैं। www.allayurvedic.org
- जिन महिलाओ का गर्भकाल कभी पूरा न होता हो या गर्भ के दौरान गर्भ गिरने का डर लगा रहता हो उन्हें खूब ज्यादा सिघाड़े खाने चाहिए. ये भ्रूण को तो मजबूती देता ही है। गर्भवती महिला की भी रक्षा करता है. ये पुरुषों के लिए शुक्रवर्धक औषधि का काम करता है।
- सिघाड़े में टैनिन, सिट्रिक एसिड, एमिलोज, एमिलोपैक्तीं, कर्बोहाईड्रेट, बीटा-एमिलेज, प्रोटीन, फैट, निकोटेनिक एसिड, फास्फोराइलेज, रीबोफ्लेविन, थायमाइन, विटामिन्स-ए, सी तथा मैगनीज आदि तत्व मौजूद हैं.
- यह जल में पैदा होने वाला फल है, तिकोने पत्ते और सफ़ेद फूलों वाले इस पौधे में फल भी तिकोने ही लगते हैं. छोटे छोटे ताल-तलैयों में आपको इस मौसम में भी इसके पत्ते पानी में फैले हुए मिल जायेंगे।
➡ सिंघाड़े के 33 चमत्कारी फायदे :
- __एक या दो महीने तक ज्यादा से ज्यादा सिंघाड़े के सेवन से मासिक धर्म सामान्य हो जाता है।
- __ सिघाड़े के तने का रस निकाल कर एक-एक बूंद आँख में डालने से किसी भी प्रकार की आँखों की बीमारी दूर हो जाती है।
- __ जिस व्यक्ति को ज़रा सी खरोंच लग जाए और खून बहुत ज्यादा निकलता हो उसे तो खूब सिघाड़े खाने चाहिए ताकि उसकी ये बीमारी दूर हो जाए. सिघाड़े में रक्त स्तंभक का गुण भी पाया जाता है।
- __ गर्भवती महिलाओं को दूध के साथ सिघाड़ा खाना चाहिए, गर्भ के सातवें महीने में तो अनिवार्य रूप से इसका प्रयोग करना चाहिए।
- __ पेशाब में रुकावट महसूस हो रही है तो सिघाड़े का काढा बनाकर दिन में दो बार ले लीजिये।
- __ सिघाड़ा ल्यूकोरिया, दस्त, खून में खराबी जैसी बीमारियों को भी ठीक करता है।
- __जो लोग अस्थमा के रोगी हैं उनके लिए सिंघाड़ा वरदान से कम नहीं है। अस्थमा के रोगीयों को 1 चम्मच सिंघाड़े के आटे को ठंडे पानी में मिलाकर सेवन करना चाहिए। एैसा नियमित करने से अस्थमा रोग में लाभ मिलता है। www.allayurvedic.org
- __बवासीर के रोग में सिंघाड़े के सेवन से लाभ मिलता है। यदि सूखे या खूनी बवासीर हो तो आप नियमित सिंघाड़े का सेवन करें। जल्द ही बवासीर में कमी आयेगी और रक्त आना बंद हो जाएगा।
- __वे महिलाएं जिनका गर्भाशय कमजोर हो वे सिंघाड़े का या सिंघाडे़ का हल्वे का सेवन नियमित करती रहें। लाभ मिलेगा।
- __सिंघाड़े की बेल को पीसकर उसका पेस्ट, शरीर में जलन वाले स्थान पर लगाने से जलन कम हो जाती है। और लाभ मिलता है।
- __यदि मांसपेशियां कमजोर हैं या शरीर में दुर्बलता हो तो आप नियमित सिंघाड़े का सेवन करें एैसा करने से शरीर की दुर्बलता और कमजोरी दूर होती है।
- __जिन महिलाओं को मूत्र संबंधी रोग है वें सिंघाड़े का आटा ठंडे पानी में लें।
- __सिंघाड़ा पित्त और कफ को खत्म करता है। इसलिए सिंघाड़े का नियमित सेवन करना चाहिए।
- __गले से सबंधी बीमारियों के लिए सिंघाड़ा बहुत ही लाभदायक है। गला खराब होने पर या गला बैठने पर आप सिंघाड़े के आटे में दूध मिलाकर पीयें इससे जल्दी ही लाभ मिलेगा। गले में टांसिल होने पर सिंघाड़ा का सेवन करना न भूलें।
- __सिंघाडे़ में आयोडीन की प्रर्याप्त मात्रा होने की वजह से यह घेघां रोग में फायदा करता है।
- __आखों की रोशनी को बढ़ाने में भी सिंघाडा फायदा करता है क्योंकि इसमें विटामिन ए सही मात्रा में पाया जाता है।
- __नाक से नकसीर यानी खून बहने पर सिघाड़े के सेवन से फायदा होता है। यह नाक से बहने वाले नकसीर को बंद कर देता है।
- __प्रसव होने के बाद महिलाओं में कमजोरी आ जाती है। इस कमजोरी को दूर करने के लिए महिलाओं को सिंघाड़े का हलवा खाना चाहिए यह शरीर में होने वाली कमजोरी को दूर करता है।
- __कैल्शियम की सही मात्रा की वजह से सिंघाड़ा हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है।
- __ सिंघाड़े के इस्तेमाल से पुरूषों के वीर्य में बढ़ोत्तरी होती है। साथ यह काम की क्षमता को भी बढ़ता है। इसका प्रयोग आप सिंघाड़े के हलवे के रूप में भी कर सकते हैं। अथवा दूध में दो चम्मच सिंघाड़े का आटा मिलाकर भी प्रयोग कर सकते हैं।
- __नीबू के रस में सूखे सिंघाड़े को घिसकर दाद पर प्रतिदिन लगाया जाए तो दाद में आराम मिलता है हलांकि ऐसा करने से दाद वाली जगह पर पहले जलन होती है और फिर ठंडक महसूस होती है। www.allayurvedic.org
- __ सिंघाड़े के आटे में बबूल गोंद, देशी घी और मिश्री मिलाकर लगभग 30 ग्राम प्रतिदिन दूध के साथ लेने से वीर्य की दुर्बलता दूर होती है।
- __शक्कर और पिसा हुआ सूखा सिंघाड़ा की समान मात्रा (50-50 ग्राम) लेकर मिला लें। इस चूर्ण को चुटकी भर मात्रा में पानी के साथ सुबह शाम देने से बच्चे बिस्तर में पेशाब करना बंद कर देते है।
- __गले में टांसिल्स होने पर सिंघाड़े को पानी में उबालकर इस पानी से प्रतिदिन कुल्ला किया जाए तो टांसिल्स की सूजन दूर होती है।
- __कच्चे सिंघाड़े को कुचलकर शक्कर और नारियल के साथ चबाने से शरीर को जबरदस्त ऊर्जा मिलती है, माना जाता है कि यह नुस्खा शारीरिक स्फूर्ति प्राप्त करने के लिए अचूक है।
- __पीलिया के मरीज इसे कच्चा या जूस बनाकर ले सकते हैं। यह शरीर से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में काफी मददगार होता है।
- __मैग्नीज और आयोडीन की पर्याप्त मात्रा होने के कारण यह थायरॉइड ग्रंथि की कार्यशैली को सुचारू रखने में भी मदद करता है।
- __सिंघाड़ा सूजन और दर्द में मरहम का काम करता है। शरीर के किसी भी अंग में सूजन होने पर सिंघाड़े के छिलके को पीस कर लगाने से आराम मिलता है।
- __एड़ियां फटने की समस्या शरीर में मैग्नीज की कमी के कारण होती है। सिंघाड़ा ऐसा फल है, जिसमें पोषक तत्वों से मैग्नीज ग्रहण करने की क्षमता होती है। www.allayurvedic.org
- __इसके नियमित सेवन से शरीर मोटा और शक्तिशाली बनता है।
- __बुखार व घबराहट में फायदेमंद रोज 10-20 ग्राम सिंघाड़े के रस का सेवन करने से आराम मिलता है।
- __पेशाब में जलन, रुक-रुक कर पेशाब आना जैसी बीमारियों में सिंघाड़े का सेवन लाभदायक है।
- __जिन लोगों की नाक से खून आता है, उन्हें बरसात के मौसम के बाद कच्चे सिंघाड़े खाना फायदेमंद है।
➡ सिंघाड़ा खाने में सावधानियां :
- एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 5-10 ग्राम ताजे सिंघाड़े खाने चाहिए। पाचन प्रणाली के लिहाज से सिंघाड़ा भारी होता है, इसलिए ज्यादा खाना नुकसानदायक भी हो सकता है। पेट में भारीपन व गैस बनने की शिकायत हो सकती है। सिंघाड़ा खाकर तुरंत पानी न पिएं। इससे पेट में दर्द हो सकता है। कब्ज हो तो सिंघाड़े कम खाएं।