➡ लू लगना (Heat Stroke) :
- आजकल हर तरफ जानलेवा गर्मी की वजह से लोग परेशान हैं। इस गर्मी के मौसम में लोगों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पडता है। गर्मियों के दिनों मे अक्सर लोगों को स्वास्थ्य संबंधी काफी तकलीफों से जूझना पडता हैं। गर्मियों में लू लगना (Heat Stroke) एक बहुत ही गंभीर स्वास्थ्य समस्या हैं।
- कईबार तो लू लगना खतरनाक भी साबित हो सकता हैं। लू लगने से मृत्यु भी ही सकती है। लू लगने पर इसका दुष्प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर पड़ सकता है। हमारे शारीरिक आंतरिक अवयवों के लिए भी लू लगना काफी हानिकारक हो सकता है। लू लगने का मुख्य कारण अधिक समय तक बाहर तेज धूप में रहना तथा शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा में पूर्ति ना होना। www.allayurvedic.org
➡ लू लगने (Heat Stroke) के लक्षण :
- असहनीय सिरदर्द होना।अ
- त्याधिक गर्मी होने पर भी पसीना ना आना।
- त्वचा का खुष्क, गर्म तथा लाल हो जाना।
- माँसपेशियों में कमजोरी आना तथा अत्याधिक दर्द होना।जी
- मिचलाना तथा उल्टी करने का मन होना।
- हृदय गति में बदलाव आकर उसका तेज अथवा कम हो जाना।
- बेहोशी महसूस होना।
- साँस का तेज रूप से चलना।
➡ लू लगने (Heat Stroke) पर ध्यान रखने योग्य बाते :
- किसी भी प्रकार की दवाईयाँ न लें। इनका सेवन करना हानिकारक साबित हो सकता हैं।
- लू लगने पर उस व्यक्ति को तुरंत छाँव में ले जाए तथा यदि संभव हैं, तो उस व्यक्ति को ठंडे पानी से नहलाएं।
- लू लगने पर शरीर का निर्जलीकरण होने लगता हैं। तथा नमक की मात्रा कम होने लगती हैं। ऐसे समय पर उस व्यक्ति को नमक वाला पानी या सादा पानी या अत्याधिक मात्रा में पेय पदार्थ पीने को दें।
- अपने शरीर का सही रूप से जलीकरण करें। तथा गर्मी के मौसम में अत्याधिक मात्रा में पानी तथा पेयपदार्थों का सेवन करें।
- अत्याधिक तेज धूप में बाहर न जाएं। यदि आपको तेज और कडकती धूप में बाहर जाना भी पड रहा है तो सनस्क्रिन लोशन अवश्य लगाएं।
- कोशिश कर के ठंडे वातावरण में ही बाहर निकलें, जैसे शाम को अथवा रात को। www.allayurvedic.org
- अपने पहनावे की और खास प्रकार से ध्यान दें। हमेशा ढीले ढाले, हल्के फुल्के तथा अत्याधिक पसीना सोखने वाले कपडे ही पहनें।
- सुबह 11 बजे से लेकर 3 बजे तक गर्मी के मौसम में धूप अत्याधिक तेज होती हैं। अतः इन समय के बीच कोई भी शारीरिक व्यायाम न करें। यदि आप व्यायाम कर रहे हैं तो, शरीर में पर्याप्त मात्रा में जलीकरण बनाए रखने के लिए व्यायाम करने से पहले तथा बाद में भरपूर मात्रा में पानी पीएं। यदि आप प्राकृतिक रूप से बने पेयपदार्थों (नारियल पानी, फलों का सेवन) का सेवन करेंगे तो आपको लू लगने से अवश्य ही सुरक्षा प्राप्त होगी।
- कॉफी तथा अल्कोहोल जैसे पेयपदार्थों का सेवन बिल्कुल ना करें। इससे शरीर का निर्जलीकरण बढने लगता है।
➡ लू लगने (Heat Stroke) के 7 रामबाण घरेलु उपाय :
- प्याज : यह लू को दूर करने का एक सर्वश्रेष्ठ उपाय हैं। लू लगने पर प्याज का रस अपने कानों के पीछे तथा छाती पर लगाने से आपके शरीर के तापमान को नियंत्रित होने में काफी सहायता मिलती हैं। प्याज के रस की मालिस सुबह और शाम को रोजाना करनी चाहिए
- इमली : इमली में विटामिन्स, खनिजपदार्थ, तथा इलेक्ट्रोलाइटस की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। थोडी सी इमली को गरम पानी में भिगोकर थोडी देर बाद उस पानी को छान लें तथा उसमें थोडी सी शक्कर डालकर यह पानी पी लें।इसके साथ ही इमली में से उसकी गुठलियो को निकालकर उसके गुदे को हाथ पैरो के तलवो पर रागडने से लू का प्रभाव ख़त्म हो जाता है। तथा शरीर को भी राहत मिलती है।
- आम : लू लगने पर आम पन्ना पीना एक तरह से स्वास्थ्य टॉनिक की तरह कार्य करता है। यह कच्चे आम के शीतलता प्रदान करनेवाले तत्वों से बना होता है। यह आम पन्ना कम से कम दिन में दो तीन बार पीना चाहिए। आम पन्ना में जीरा, सौंफ तथा काला नमक पाए जाने की वजह से यह आपके शरीर को ठंडक, ताजगी, स्फूर्ती तथा इलेक्ट्रोलाइटस प्रदान करता हैं।
- छाछ तथा नारियल पानी : गर्मी में अत्याधिक पसीना आने के कारण शरीर में आवश्यक विटामिन तथा खनिज पदार्थों की मात्रा कम होने लगती हैं। छाछ पीने से आपके शरीर में यह कमी पूरी होने लगती हैं। लू लगने पर ठंडी ठंडी छाछ पीना बहुत ही फायदेमंद होता हैं। उसी प्रकार यदि नारियल पानी पीया जाए तो प्राकृतिक रूप से आपके शरीर का जलीकरण होता हैं तथा इलेक्ट्रोलाइटस की मात्रा को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित होने में सहायता प्राप्त होती है। www.allayurvedic.org
- धनिया या पुदीने का जूस : ताजे धनिया तथा पुदीने का रस निकालें तथा उसमें थोडी सी शक्कर डालकर यह पानी पीयें। लू लगने पर यह उपाय करने से शरीर के तापमान को कम होने में बहुत मदद मिलती है। धनिया तथा पुदीने का हमारे शरीर पर बहुत ही ठंडा प्रभाव पडने लगता हैं। तथा लू से राहत मिलने लगती हैं।
- तुलसी : तुलसी का पौधा आजकल हर व्यक्ति के घर के आँगन में लगा होता है। क्यूंकि लोग तुलसी की पूजा करते है। धार्मिक कार्य के लिए तो तुलसी का प्रयोग किया ही जाता है। बल्कि इसका औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है. और जब खासतौर पर तुलसी का प्रयोग किया जाता है। जब किसी व्यक्ति को लू लग गई हो, लू लगने के बाद तुलसी को पीसकर उसका रस निकालकर उसमे चीनी को मिलकर पीने से लू से आराम हो जाता है। तुलसी बहुउपयोगी है। इसके प्रयोग करने से बहुत सी बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है.जब किसी को ख़ासी हो जाये तब तो यह बहुत ही उपयोगी सिद्ध होती है।
- आलू बखारे : आलू बखारे को गर्मी में खाने से गर्मी का असर शरीर पर कम होता है। आलू बखारे का रस पीने से लू के प्रभाव से पीड़ित व्यक्ति को आराम मिलता है। आलू बखारे का रस बनाना बहुत ही आसान है। इसे बनाने के लिए 4 या 5 आलू बखारे ले। एक बर्तन में अपनी आवश्यकता के अनुसार पानी डाले। पानी को इतना गरम कर ले की उसमे आलू बखारे फुल जाये। अब इस पानी में आलू बखारे को कुछ समय के लिए डाल 15 से 20 मिनट के बाद आलू बखारे को पानी से निकालकर उसका छिलका निकाल दे। फिर इसके गुदे को पानी में डाल दे और उसे पानी में अच्छी तरह घोल ले। अब इसमे आधा चम्मच गुड डाले फिर इसमें एक चुटकी नमक डाले तथा थोड़ी सी पीसी हुई काली मिर्च का पाउडर डाले, इन्हें अच्छी तरह से घोल ले तथा जिस व्यक्ति को लू लगी है उस व्यक्ति को पिलाये। दिन में आम के पन्ने की तरह ही आलू बखारे के रस का भी दो बार सुबह और शाम को सेवन करने से लू से परेशान व्यक्ति को राहत मिलती है।
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