हरी मिर्च लगभग पूरे भारत में पाई जाती है। खास तौर पर ये पश्चिमी क्षेत्र में होती है। यह कई किस्मों में होती है। इसका पौधा गेंदे के पौधे की तरह छोटा सा होता है, इसमे उंगलियों के समान फल लगते हैं जो `मिर्च´ कहलाती है।
हरी मिर्च के लाभ:
- मलेरिया का बुखार: एक हरी मिर्च के बीज को निकालकर बुखार आने के दो घंटे पहले अंगूठे में पहनाकर बांध दें। इसी प्रकार दो से तीन बार बांधने से मलेरिया बुखार आना बंद हो जाता है। हरी मिर्च बांधने से जलन होती है। ध्यान रहे कि जितनी देर तक सहन हो सके इसे उतनी देर तक ही बांधें।
- गठिया रोग: गठिया के दर्द को दूर करने के लिए लाल या हरी मिर्च को डंठल सहित पीसकर लेप बनाकर लेप करें।
- आग से जलने पर: शरीर के जले हुए भाग पर हरीमिर्च को पानी में पीसकर लेप करने से आराम आता है।
- हरी मिर्च आंखों की रोशनी बढ़ाये: बहुत लोग कहते हैं कि मिर्च खाने से आंखें कमजोर होती है। परन्तु शोध में पाया गया है कि अगर रोज लाल मिर्च पाउडर सेवन की बजाय हरी मिर्च इस्तेमाल किया जाय तो आंखों की कमजोर रोशनी बढ़ाई जा सकती है। हरी मिर्च केरोटीन कम्पलैक्स और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में मौजूद है। जोकि आंखों की रोशनी बढ़ाने में सक्षम है। हरी मिर्च प्राकृतिक एन्टीआॅक्सीडेन्ट है। हरी मिर्च संक्रामण बायरल रोकने में सहायक है
- दर्द निवारण हरी मिर्च: जोड़ों के दर्द, गठिया दर्द होने पर लाल मिर्च पाउडर के बजाय हरी मिर्च का सेवन फायदेमंद है। जोड़ों गठिया दर्द को कम करने में हरी मिर्च सक्षम है। हरी मिर्च में पाये जाने वाला पौटेशियम, विटामिन ए, आयरन और कार्बोहाइड्रेट रक्त संचार को तीव्र और सुचारू कर देता है। हरी मिर्च रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाती है। हरी मिर्च और लहसुन को तेल में पका कर गठिया दर्द निवारण में सहायक है।
- कैंसर रोके हरी मिर्च: हरी मिर्च में क्रीप्टोवरथिंन बी, लुटेन जब्रनथिन और एन्टीआॅक्सीडेन्ट मौजूद है जोकि कैंसर रेडिकल कोशिकओं को बचाने में सहायक है। हरी मिर्च कैंसर से ग्रसित रक्त एवं वहिकाओं को पुन सक्रीय करने में सक्रीय है। जो लोग रोज हरी मिर्च सेवन करते हैं, वें कैंसर जैसी भयानक बीमारी से दूर रहते हैं। विज्ञान हरी मिर्च को कैंसर दवा के रूप में स्वीकार कर चुका है। कैंसर ग्रसित व्यक्ति को लाल मिर्च के वजाय हरी मिर्च सेवन फायदेमंद है। हरी मिर्च भी सीमित मात्रा में सेवन करें। ज्यादा मिर्च सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- त्चवा विकार मिटाये हरी मिर्च: हरी मिर्च मौजूद विटामिन ई मिनरलसे पाये जाते हैं। और पौटेशयम प्रचुर मात्रा में मौजूद है। त्वचा रोगों विकारों को दूर करने में हरी मिर्च सक्षम है।
- वजन घटाये हरी मिर्च: कैलोरी फैटी एसिड की मात्रा मौजूद नहीं है। जोकि वजन घटाने में सहायक है। रोज खाने, पकवाने आदि में हरी मिर्च का सेवन तेजी से वजन घटाने में सहायक है।
- ब्लडप्रेशर घटाये हरी मिर्च: हरी मिर्च फाइबर युक्त भोजन को पाचन क्रिया शीध्र करती है। जिससे ब्लडप्रेशर काबू में रहता है। ब्लडप्रेशर में लाल मिर्च पाउडर का सेवन वर्जित है। खाने पकवान में लाल मिर्च के बजाय हरी मिर्च का सेवन फायदेमंद है।
- हरी मिर्च दांतो हड्डियों को मजबूत रखे: दांतों में लगने वाले कीड़ा, कैल्शियम की कीम से हड्डियों दांतो के दर्द जकडन हिलने की समस्या को दूर करने में हरी मिर्च सहायक है। हरी मिर्च में आयरन, कार्बोहाइड्रेट और कैल्शियम मात्रा मौजूद है।
सावधान:
- हरी मिर्च का अधिक मात्रा में उपयोग मसाने, फेफडे़ और आमाशय के लिए हानिकारक होता है।
- हरी मिर्च सेवन पाईल्स-बवासीर मरीज के लिए मना है।
- हरी मिर्च सेवन हृदय घात, पेट जलन, त्वचा एलर्जी रोग में मना है।
- मूत्र रोग, फूड पाईजन में हरी मिर्च सेवन वर्जित है
- हरी मिर्च का सेवन सीमित मात्रा में करें। ज्यादा मिर्च स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। कई लोग हरी मिर्च की सब्बजी खाना पसन्द करते हैं। जोकि आयु बढ़ने के साथ रोगों को निमंत्रण देती है। 1-2 से ज्यादा हरी मिर्च सेवन न करें।
- लाल मिर्च पाउडर ब्लडप्रेशर को बढ़ावा देता है। लाल मिर्च के बजाय हरी मिर्च का सेवन फायदेमंद है।
- गर्भवती महिलाओं के लिए मिर्च सेवन वर्जित है। लाल मिर्च सेवन कम से कम मात्रा में करें। स्वाद के लिए खाने में 1 हरी मिर्च पीसकर सेवन कर सकते हैं।
- किडनी विकारों में हरी मिर्च और लाल मिर्च का सेवन न करें। स्वाद के लिए हरी मिर्च का सेवन सीमित मात्रा में कर सकते हैं।
- मिर्च भून कर खायें। भुनी मिर्च पेट में जलन दर्द पैदा कर सकती है।