• क्या आपको पीठ दर्द, टांगो में दर्द या फिर रीड की हड्डी में दर्द की समस्या है?
  • ये समस्या बहुत ज़यादा शरीरिक काम या देर तक बैठने से होता है |लेकिन खुशकिस्मती से चिंता करने की कोई बात नही है कियोंकि इस लेख में हम आपको 100% प्राक्रतिक और असरदार तरीका बताएँगे जिस के इस्तेमाल से आप इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं|इसके इस्तेमाल के कुछ के दिन बाद आपको सकारात्मक नतीजे नजर आने शुरू हो जायेंगे और 2 महीने से कम समय में आप पूरी तरह से ठीक हो जायेंगे |
  • तो इस प्राक्रतिक नुस्खे को अजमाने में जरा भी संकोच न करें और इस असहनीय दर्द से छुटकारा पायें| ये एक बहुत हे आसान औषधि है इसे रात को सोने से पहले खाए |
  • इसे इस्तेमाल करना बेहद आसान है 2 महीने तक सिर्फ सोने से पहले इन को खाए और आपका दर्द प्राक्रतिक तरीके से ख़तम हो जाएगा |

➡ हर फल के अपने अपने स्वास्थ्य वर्धक लाभ होते हैं :

  1. सुखी अंजीर : इस में फाइबर होता है जो हमारे पाचन तन्त्र को मज़बूत करता है और दिल को सेहतमंद रखने में मदद करता है |फाइबर से कब्ज़ भी ठीक होती है| ये फल कई खनिज पदार्थो से भरपूर होता है जैसे के magnesium, iron, calcium, और potassium. ये खनिज हडिओं की मजबूती के लिए ज़रूरी होते हैं साथ ही प्रतिरोधक क्षमता और चमडी के लिए भी फायदेमंद होता है|अंजीर शरीर से हानिकारक estrogen को कुर्द्र्ती निकालने में मदद करता है| शरीर में estrogens के ज़यादा मत्रा कई समस्याओं को उत्पन करती है जैसे के सर दर्द, uterine और breast cancer भी हो सकता है|     www.allayurvedic.org
  2. सुखी खुबानी : ये फल antioxidants, potassium, non-heme iron, और dietary fiber का बहुत हे अच्छा स्रोत है| खुबानी में पाए जाने वाले anti oxidants हमारे शरीर में प्रतिरोधक क्षमता , सेल की वृद्धि और आँखों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं| Non-heme iron शरीर में iron की कमी को पूरा करता है , जो के संसार में सबसे आम पाई जाने वाली समस्या है |
  3. सुखा आलूबुखारा : सूखे आलूबुखारा में पाए जाने वाले जैविक सक्रिय पदार्थ रेडियोथेरेपी या अन्य विकिरण आवरण से होने वाले अस्थि क्षति को रोकने में प्रभावी होते हैं सूखा आलूबुखारा विकिरण से हडिडयों की रक्षा करता है | फाइबर से भरपूर होने के कारन ये कब्ज से छुटकारा दिलाता है और पाचन शक्ति बढ़ता है |

सेवन करने का तारिक :

  • ऊपर बताए गये तिनो फलो का सेवन आप सूखने के बाद पूरा सेवन करके या इनका चूर्ण बनाकर पानी से सोते वक़्त ले सकते है ध्यान रहे तिनो की मात्रा बराबर और बारी बारी से लेना है, एक साथ ना ले ।