सूक्ष्म श्वास नलियों में कोई रोग उत्पन्न हो जाने के कारण जब किसी व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होने लगती है तब यह स्थिति दमा रोग कहलाती है, इस रोग में व्यक्ति को खांसी की समस्या भी होती है।कहते हैं के अगर किसी को दम (अस्थमा या श्वांस रोग) हो जाए तो ये उसकी मौत के साथ ही जाता हैं। और फिर दमा का प्रकोप सर्दियों में अक्सर और भी बढ़ जाता हैं। मगर आज हम आपके लिए ले कर आये हैं एक ऐसा प्रयोग जो हमारे बहुत से भाइयो द्वारा अनुभूत हैं और अनेक लोगो का दमा इस से बिलकुल सही भी किया हैं, और अनेक वैद्य लोग भी इस प्रयोग को अक्सर इस्तेमाल करते हैं।
दमा या अस्थमा के लक्षण :
- जब दमा रोग से पीड़ित रोगी को दौरा पड़ता है तो उसे सूखी या ऐठनदार खांसी होती है।
- जब रोग बहुत अधिक बढ़ जाता है तो दौरा आने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिससे रोगी को सांस लेने में बहुत अधिक दिक्कत आती है तथा व्यक्ति छटपटाने लगता है।
- दमा रोग से पीड़ित रोगी को कफ सख्त, बदबूदार तथा डोरीदार निकलता है।
- पीड़ित रोगी को सांस लेनें में बहुत अधिक कठिनाई होती है।
- यह रोग स्त्री-पुरुष दोनों को हो सकता है।
- रात के समय में लगभग 2 बजे के बाद दौरे अधिक पड़ते हैं।
- रोगी को रोग के शुरुआती समय में खांसी, सरसराहट और सांस उखड़ने के दौरे पड़ने लगते हैं।
आवश्यक सामग्री :
- दूध : 30 मिली
- लहसुन की कालिया : कम से कम पांच
बनाने की और सेवन विधि :
- लहसुन दमा के इलाज में काफी कारगर साबित होता है।
- 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से दमे में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है।
- एक बात का ख्याल रखे, इस प्रयोग के दौरान मसले और मिर्च का इस्तेमाल कम करे।