• हम सबको खाने के बाद मीठा खाना पसंद होता है। जब एक मील की बात की जाती है तो उसमें भी स्टार्टर-मेन कोर्स-डेज़र्ट होता है। डेज़र्ट यानि कुछ मीठा। कुछ घरों में तो ये परंपरा जैसी बन गई है कि खाने के बाद कुछ न कुछ मीठा खाया जाता है। 
  • हमने मुंबई की एक जानी मानी डायटीशियन और ओबेसिटी कंसल्टेंट नैनी सीतलवाड़ से इस बारे में बात की। लेकिन उन्होंने हमें जो बताया, वो चौंकाने वाला था।
  • नैनी सीतलवाड़ के अनुसार, खाने के बाद मीठा खाना सेहत के लिहाज़ से सही आदत नहीं है। ये न सिर्फ आपका शुगर इनटेक बढ़ाती है बल्कि बाद में जाकर ये मोटापे और सेहत से जुड़ी दूसरी समस्याओं का जोखिम पैदा करती है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके खाने में, खासतौर से अनाज और दालों में शुगर मौजूद होता है। यही आपके खाने का बड़ा हिस्सा होते हैं। 
  • इसलिए इन्हें खाने भर से ही आपकी रोज़ की शुगर की जरूरत पूरी हो जाती है। फिर जब आप खाने के बाद मीठा खाते हैं तो आपका ब्लड ग्लूकोज लेवल बढ़ सकता है। ब्लड ग्लूकोज लेवल के अचानक बढ़ जाने से इम्यूनिटी कम होती है, और कई तरह की गंभीर बीमारियों जैसे कि डायबिटीज़, मोटापा, किडनी की बीमारी या दिल की बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है।

तो फिर कब खाये मीठा..?

  • मीठे या डेज़र्ट में गर्मियों के दौरान फल और सर्दियों में ड्राई फ्रूट लिए जा सकते हैं। ये नैचुरल शुगर के स्रोत हैं। इन्हें खाने की बीच में लें, न कि खाने के बाद। ये आपको तुरंत एनर्जी देते हैं और ब्लड ग्लूकोज लेवल गिरने से रोकते हैं।
  • नैनी सीतलवाड़ कहती हैं, ‘अगर आपने बैलेंस डायट ली है जिसमें शुगर, फैट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और ढेर सारे ताज़े फल-सब्जी हों तो मैं खाने के बाद मीठा खाने की सलाह नहीं दूंगी।’ अगर आप लंबे वक्त से खाने के बाद मीठा खाने के आदि हैं तो धीरे-धीरे इस आदत को छोड़ें।