लकवा को पैरालिसिस अटैक या स्ट्रोक भी कहते है जिसकी वजह से व्यक्ति चलने फिरने और लकवा ग्रस्त अंग को महसूस कर पाने की ताकत खो देता है। चेहरे (face) पर लकवा होने से मरीज का मुँह आधा टेढ़ा हो जाता है और बोलने पर मुँह से आवाज नहीं निकलती।
- जब हमारे शरीर का कोई अंग या फिर पूरे शरीर की मांसपेशियां काम करना बंद कर दे तो उस अवस्था को फालीज, पक्षाघात या फिर लकवा कहते है। अगर पैरालिसिस अटैक शरीर के एक तरफ के हिस्सा पर हुआ है तो इसे अधरंग कहते है जिसमे शरीर का आधा हिस्सा काम करना बंद कर देता है।
- इस लेख में हम जानेंगे लकवा का उपचार घरेलु उपाय और आयुर्वेदिक नुस्खे अपना कर कैसे करे।
लक़वा किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति या महिला को हो सकता है पर अधिकतर ये जादा उम्र के लोगों में देखा जाता है। इस बिमारी से उबरने में काफी समय लग सकता है और कई बार ये लाइलाज रोग बन जाता है।
आवश्यक सामग्री :
- मधु : 2 चमच
- लहसुन की कालिया : 5 कालिया
- दूध : 100 ग्राम
दवा बनाने की विधि :
- 2 चम्मच शहद में 5 कलियाँ लहसुन की पीस कर उसका सेवन करने पर एक से डेढ़ महीने में लकवे में आराम मिलने लगेगा।
- इसके साथ साथ लहसुन की 5 कालियां दूध में उबाल ले और इसका सेवन करे।
- इस उपाय से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहेगा और लकवा प्रभावित अंग में भी जान आने लगेगी।
ध्यान रखे :
दवाओं और उपायों के साथ लकवा (पक्षाघात) ठीक करने के लिए प्राणायाम, योगासन और एक्यूप्रेशर करने से भी लाभ मिलता है। शरीर के एक तरफ लकवा हुआ हो तो अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से बहुत फायदा मिलता है। अधरंग का उपचार के लिए प्राणायाम और योग सिखने के लिए बाबा रामदेव के विडियो देख सकते है