पिछले कुछ दिनों से देश के कई राज्यों से लगातार महिलाओं की चोटी कटने की घटनाएं सामने आ रही हैं। चोटी कटने का भय जगह-जगह महिलाओं में दिखाई दे रहा है। लोग भयभीत हो रहे हैं। कुछ लोग इसे तंत्र का खेल समझ रहे है तो कुछ लोग इसे भूत, प्रेत, डायन या चुड़ैल का कारण मान रहे हैं। अंधविश्वास में फसे लोग अपनी चोटी को बचाने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। कुछ लोग अपने घरो के गेट पर नीम की पत्तियाँ, हल्दी की छाप आदि लगाकर घर की महिलाओं की चोटियाँ बचाने का प्रयास कर रहे हैं। वही कुछ महिलाएं अपने वालो को कटवाने का मौका पाकर खुद ही अपने वाल काट रही हैं। फिलहाल लोगों में चोटी कटने का भय बना हुआ हैं।

जानिए कहाँ-कहाँ कटी महिलाओं की चोटी :

  • अभी तक चोटी कटने की जो भी घटनाएं सामने आयी हैं वह घटनाएं अधिकांशता छोटी वस्तियों और ग्रामीण क्षेत्रों में ही पाई गई हैं इन क्षेत्रों में अधिकांशता बड़ी कालोनियों की अपेक्षा साफ़ सफाई की व्यवस्था कम पाई जाती है। इन क्षेत्रों में लोगों के घर पूरी तरह से बंद भी नहीं होते हैं।
  • चोटी को काटने वाला कोई भूत, प्रेत, डायन नहीं बल्कि यह कीड़ा है। मैकी नाम का कीड़ा जो कि काले रंग का भबरे की प्रजाति का होता है और यह अधिकतर रेतीले इलाकों में पाया जाता है। इस कीड़े के मुँह के बहार निकले हुए डंक नुमा दाँत तेज ब्लेड या कैंची के सामान होते हैं। यह कीड़ा किसी भी बाल या चोटी को बहुत तेजी से काट सकता है।

क्यों फैला यह कीड़ा और क्यों काटे बाल :

  • यह कीड़ा ज्यादा गर्मी के कारण बाहर निकल आता है और अपने स्वभाव के कारण बाल या बाल जैसी चीजों को खाने की चीज समझ कर बाल या चोटी को तेजी से काट देता है। इस कीड़े में जहर होने के कारण इसकी गंध से लोगों के सर में दर्द और चक्कर आ जाते हैं और लोग अंधविश्वास में फॅसे होने के कारण इस घटना को भूत प्रेत डायन का खेल मान लेते हैं। यह कीड़ा केवल गंदगी की ओर ही आकर्षित होता है। जो महिलाएं या लड़कियाँ अपने बालो को ठीक से साफ़ नहीं करती हैं और सुगन्धित तेलों का ज्यादा इस्तेमाल करती हैं। यह कीड़ा उन महिलाओं के बालों को ही काटता है जिनके बाल या तो साफ़ नहीं होते हैं या ज्यादा सुगन्धित तेलों का इस्तेमाल करती हैं। जिनके बाल साफ़ रहते हैं उन लोगों के बाल नहीं कटते।

यह बचाव इस कीड़े से बचा सकता है :

यदि महिलायें और लड़कियाँ अपने बालों को साफ़ रखें। अपने घर और आसपास साफ़ सफाई रखें। सुगन्धित तेलों का इस्तेमाल न करें, तो यह कीड़ा नुकसान नहीं पहुँचा सकता है। कपूर, लौंग, ईलायची आदि को जलने से या हवन करने से यह कीड़ा इस की सुगन्ध से दूर रहता है। जो महिलायें बालों में तेल लगाती हैं वह नारियल का तेल इस्तेमाल कर सकती हैं। नारियल के तेल की सुगन्ध से भी यह कीड़ा दूर भागता है।

  • निवेदन – कृपया अंधविश्वास में न फॅसे। भगवान श्री कृष्ण ने श्री मद्भागवत गीता में कहा है कि किसी भी समस्या का निवारण करने के लिए परेशानी को और उसके कारण को तत्व से जान लेना चाहिए। तत्व ज्ञान का अर्थ है कि किसी भी चीज को या बात को गहराई से जान लेना। कृपया अंधविश्वास से बचे और लोगों को बचाये। जनहित में जारी, यदि आप इस जानकारी से सहमत हैं तो लोगों को शेयर करें।