एक “आहार मिश्रण” का विवरण दिया जा रहा है । इस मिश्रण को “अमृत भोज” कहा जाता है क्योंकि यह अमृत के समान गुणकारी है-
- सामग्री • मात्रा
- चना15 ग्राम
- मूँगफली10 ग्राम
- मूँग8 ग्राम
- मोठ6 ग्राम
- मसूर6 ग्राम
- तिल5 ग्राम
इन सबको एक साथ अंकुरित कर लें । यह अंकुरित मिश्रण पोषक तत्वों – प्रोटीन, एंजाइम, वसा आदि से भर्पूर होता है।
चाहे तों अदरक को बारीक कतर कर इसमे मिला लें । चाहें तो सलाद की चीजें, जैसे- प्याज, टमाटर, ककड़ी, गाजर, हरा धनिय, हरी मिर्च, चकुंदर, मूली, पत्ता गोभी, पालक के पत्ते और नीम्बू आदि भी मिला सकते हैं । इन सबको बारीक काट कर अंकुरित अमृत भोज में मिला लें और नीम्बू निचोड़ लें । पिसा हुआ सेंधा नमक एवं पिसी काली मिर्च बुरक लें और खूब चबा चबा कर खायें । प्रारम्भ में कुछ दिन इसे पचाने में कठिनाई होगी क्योकि कच्चा आहार पहले अंदर आहार प्रणाली की शुद्धि करने और आँतों की कार्य पद्धति में थोड़ा परिवर्तन करने का काम करता है । इसलिये शुरू के 5-6 दिन तक इसके सेवन से पेट में भारीपन का अनुभव हो तो कोई चिंता न करें । एक सप्ताह बाद हमारी पाचन प्रणाली इस अपक्व कच्चे आहार को पचाने की अभ्यस्त हो जाती है । इस “अमृत भोज” का सेवन किसी भी आयु वाला, किसी भी ऋतु में, उचित अपनी पाचन शक्ति के अनुकूल मात्रा में कर सकता है । गर्भवती महिलाओं के लिये तो यह बहुत उपयोगी है।
विशेष नोट :
- यह लेख अपने समय की बहुत प्रमुख आयुर्वेद पत्रिका “निरोगधाम” में वर्ष 1989 में अक्टुबर माह में छपा था, वहीं से यह लेख लिया गया है । इस लेख के मूल लेखक को ही इसका श्रेय जाता है ।
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