पाद या गैस छोड़ना (Farts) :
पाद (Farts) जी हां इस नाम को सुनते ही हमारे भाव एकदम बदल जाते है कोई हंसने लगना है तो कोई गुस्सा करने लगता है।बात करें पाद की तो ये एक ऐसी हवा है जो हम ना चाहते हुए भी अपने शरीर से निकाल ही देते है। हम इसे कितना भी रोकने की कोशिश करें लेकिन ये कुछ भी कर हमारे शरीर से बाहर चली ही जाती है। पाद को हम नहीं रोक सकते ठीक उस तरह जिस तरह हम ढकार को नहीं रोक सकते है। वैसे तो लोग पाद शब्द बोलते नहीं है क्योंकि यह शब्द उन्हें असहज लगता है और वे इसे गलत मानते है। लेकिन क्यों ? जब आपको पादने में शर्म नहीं आती है तो बोलने में क्यों पादना एक सकारात्मक क्रिया है जो कभी कभी सार्वजनिक स्थान में हो जाती है तो कभी कभी बंद कमरे में, कभी कभी किसी के भी सामने हो जाती है, तो कभी कभी अकेले में भी हो जाती है।
पाद से बदबू क्यों आती है –
पादने के बाद उसमे से आने वाली बदबू हम सभी में से कोई बर्दास्त नहीं कर पाता, वो भी नहीं जो पाद छोड़ता है। ऐसे में वो बदबू क्यों आती है ये हम सभी शायद नहीं जानते है। तो चलिए आज हम आपको बताते है की आखिर ऐसा क्यों होता है ?? दरसल में हम दिनभर में बहुत कुछ खाते पीते है ऐसे में कई चींज़े ऐसी होती है जिनमे सल्फर पाया जाता है। यही सल्फर हमारे शरीर में जाने के बाद टूट जाता है और उसके बाद इसके अंदर से हाइड्रोजन सल्फाइड निकलती है जिसकी बदबू एक सड़े हुए अंडे के समान होती है जो हमारी पाद के रूप में निकलती है। मतलब साफ़ है कि अगर आपने कोई ऐसी चीज़ खाई है जिसमे सल्फर था तो आपको पाद में से बदबू आना स्वभाविक है।
पादना बुरी बात क्यों है –
अब बात की जाए पाद की तो लोगों ने शुरू से ही यह माना है कि यह एक बुरी आदत है। लेकिन यह गलत है पादना एक अच्छी आदत है इससे यह पता चलता है की आपकी सेहत अच्छी है और आप पूरी मात्रा में फाइबर खा रहें हैं।