- छुट्टी के दौरान आपने खूब खाया पिया और अब आपको जरूरत है अपने पाचन तंत्र तरोताजा करने की और विषैले तत्वों शारीर से साफ करने की तो हम आपको ऐसी औषधि बताएँगे जो आपके पेट को साफ करने में मदद करेगी , इस औषधि में केवल दो चीज़ों का इस्तेमाल होता है और ये बहुत ही जल्दी असर दिखता है। ये 2 तत्वों से बनी ड्रिंक बनाने में बहुत ही आसान है और हमरे सम्पुरण पाचन तन्त्र को स्वच्छ करने में कारगर है। ये ड्रिंक शरीर से फालतू पदार्थों को निकालने में मदद करता है और पाचन तन्त्र को मज़बूत बनाता है।
ये कैसे काम करता है :
- इस में इस्तेमाल किया जाने वाल एक तत्व है unfiltered सेब का सिरका,जो के आज कल मेडिकल शोधकर्ताओं और वो लोग जो बिमारिओं के लिए प्राक्रतिक तरीकों की खोज में रहते हैं के लिए आकर्षण का कारन बना हुआ है। सेब के सिरके के अनेक गुण हैं लेकिन इसकी कीमत इसके हमारे पेट और सम्पुरण सेहत के लिए होने फायदों के सामने कुछ भी नहीं है। इस सिरके में बहुत सारे nutrients होते हैं कियोंके इसको फ़िल्टर नहीं किया जाता ,ये सिरका पेट साफ करने के लिए सबसे अच्चा है। सेब का सिरका पाचन शक्ति को मज़बूत करता है और हाई ब्लड शूगर और उच्च रकत चाप को ठीक करने भी सहायक है।
ड्रिंक तैयार करने की विधि :
- इसे तैयार करने की विधि बेहद आसान है , इसको तैयार करने के लिए आपको सेब का सिरका और आर्गेनिक शहद चाहीये। सेब का सिरका इस्तेमाल करने से पहले बोतल को अच्छी तरह हिला लें ता के बोतल के नीचे जमा हुआ पदार्थ उपर अ जाये।
- एक गिलास गर्म पानी में : 2 बड़े चमच सेब का सिरका और 2 बड़े चमच शहद ले, इसे अच्छी तरह मिलाये जब तक शहद पानी में घुल न जाये, इस ड्रिंक को सुबह नाश्ते से पहले पिए और दिन में किसी भी समय पी सकते हैं जब भी आपको पेट की कोई समस्या हो।
इस ड्रिंक के फायदे :
- मधुमेह में लाभकारी
- मोटापा कम करता है
- कैंसर को रोकने में मदद करता है
- शक्तिशाली anti oxidant
- रोगाणुरोधी
- कोलेस्ट्रोल कम करता है
- ब्लड प्रेशर कम करता है
- एक स्टडी दुआरा ये प्रमाणित किया गया है के ये कई तरह के कैंसर सेल्स को ख़त्म करने में मदद करता है।
- दूसरी तरफ आर्गेनिक शहद शरीर से विषैले तत्वों को निकालने और पेट को साफ करने में मदद करता है। Biomedicine और Biotechnology नामक जनरल में प्रकाशित हुए एक शोध के अनुसार शहद कोलोन कैंसर को कम करने में मदद करता है इस में एक eugenol नाम का तत्व पाया जाता है जिसमे anti कैंसर गुण पाए जाते हैं।
- कच्चे शहद में और भी कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो कैंसर के सेल्स को ख़त्म करते है। इस में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो हमारे पाचन तन्त्र में अच्छे बैक्टीरिया की तादाद को बढाते हैं जो खाना हजम कारने और nutrients को सोखने में मदद करते हैं।
पेट और आँतो के कीड़े :
- बच्चों या बड़ों की आतों और पेट में पाये जाने वाले यह कीड़े वह परजीवी कीड़े होते है जो दूसरे जीवों पर निर्भर करते हैं। आतों के कीड़े कई प्रकार के होते हैं जैसे, व्हिपवर्म, गिर्डिएसिस, टेपवर्म्स, थ्रेडवर्म्स(फीता कृमि), पिनवर्म्स, राउंडवर्म्स इत्यादि। यह किसी व्यक्ति को संक्रमित भोजन करने से या और किसी कारणवश हो सकते हैं। ज़रूरत से ज़्यादा तकलीफ होने पर जैसे डाइरा या मतली,तो डॉक्टर को दिखाना उचित होगा। चाहे आप बच्चे हो या बड़े, बूढ़े हो या जवान, महिला हो या पुरुष यदि जीवन भर रहना है रोगों से मुक्त तो अपने पेट और आँतो के कीड़ों को साल में एक बार इन उपाय से ज़रूर नष्ट करे। इन्हें कुछ घरेलु नुस्खों से भी ठीक किया जा सकता हैं। किन्तु पहले इसके होने के कारण और लक्षण के बारे में जाना जाए।
पेट और आँतो में कीड़े होने के लक्षण :
- पेट में होने वाले कीड़ों के अनेक कारण पाये जाते हैं। जैसे- पेट के कीड़े (दूषित) गलत खान-पान, गंदे हाथों से खाना, अजीर्ण (भूख का न लगना) में खाना खाने, मक्खियों द्वारा दूषित आहार, दूध, खट्ठी-मीठी वस्तुएं अधिक खाने, मैदा खाने से, पीसे हुए अन्न, कढ़ी, रायता, गुड़, उड़द, सिरका, कांजी, दही और संयोग विरुद्ध पदार्थों के खाने, परिश्रम न करना और दिन में सोना आदि कारणों से पेट में कीड़े पैदा हो जाते हैं।
- मानव के शरीर में कीड़े दो प्रकार से प्रभाव डालते हैं पहला बाहरी कीड़े जो शरीर के बाहरी परत यानी त्वचा पर असर छोड़ते हैं जैसे- दाद-खाज, फोड़ा-फुंसी,कोढ़ और गलगण्ड आदि में ये कीटाणु पैदा हो जाते हैं जबकि दूसरे प्रकार के भीतरी या अंदरूनी कीड़े होते है जो मानव के पेट में पाए जाते हैं उनके लक्षण सामान्य रूप से माने जाते हैं जैसे- सोते हुए दांत पीसना, बार-बार नाक खुजलाना, मल में कीड़े होना, शरीर का रंग पीला या काला होना, हल्का-सा बुखार, पेट में दर्द, हृदय का दर्द, जी मिचलाना, दस्त, चक्कर आना, भोजन से अरुचि, अफारा, कब्ज, गुदा में खुजली, शरीर का कमजोर होना, त्वचा में रूखा और सूखापन भी रहना, पीलिया, अण्डे के लार्वे जब फेफड़ों में पहुंच जाते हैं तब दमा की बीमारी, जीभ का सफेद होना, आंखे लाल होना, होंठ सफेद होना, गालों पर धब्बे होना, शरीर में सूजन होना, मल में जब कीड़े पक्वाशय (पाचन-क्रिया) में मौजूद होते हैं तो कभी-कभी वह खुद गुदा यानी मलद्वार के रास्ते बाहर खुजली के साथ निकलने लगते हैं, लेकिन जब यह अधिक मात्रा में हो जाते हैं तो यह आमाशय (मेदा) में पहुंचकर रोगी की सांस और डकारों में मल की मिलीजुली गंध आना शुरू कर देते हैं।
- अब जब आप कारण और लक्षण जान चुके हैं तो कुछ घरेलु नुस्खों के बारे में जाना जाए जो यह समस्या अगर बढ़ी न हो तो इस का समाधान करेंगे| नीचे कुछ घरेलु नुस्खे हैं जो आपके बच्चों को ठीक कर सकते हैं।
पेट और आँतो में कीड़े के लिए घरेलू नुस्खे :
1. नींबू :
- नींबू के बीजों को पीसकर चूर्ण बना लें, इस चूर्ण थोड़ी-सी मात्रा में गर्म पानी के साथ 7 दिन तक सेवन करने से कीड़ें मर जाते हैं।
- बिजौरा नींबू के सूखे छिलकों का काढ़ा बनाकर पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
- नींबू के रस को सेवन करने से आंतों के अन्दर टायफायड (मियादी बुखार), अतिसार (दस्त), हैंजा (विशूचिका) आदि में लाभ मिलता है।
- नींबू का रस का सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाते है और आमवात की शिकायत कम होती है।
- 10 मिलीलीटर नींबू के पत्तों का रस और 10 ग्राम शहद मिलाकर 15-20 बार 1 दिन में पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
2. गाजर :
- गाजर का रस 125 मिलीलीटर रोज खाली पेट 14 दिन तक सेवन करने से पेट के कीड़ें मरकर मल के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।
- कच्ची गाजर को 7 दिनों तक खाने से भी पेट के कीड़ों से छुटकारा मिलता है।
- गाजर का 125 मिलीलीटर रस खाली पेट पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
3. लहसुन :
- लहसुन और गुड़ को बराबर मात्रा में लेकर खाने से पेट के कीड़ें मर जाते हैं।
- लहसुन की चटनी बनाकर उसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक को मिलाकर सुबह और शाम खाने से पेट के कीड़ों से राहत मिलती है।
- पेट में कीड़े होने पर 5 कली लहसुन की शहद या मुनक्का के साथ रोज दिन में 3 बार खानें से पेट के कीड़े मर जाते है।
- यह प्रयोग 2 से 3 महिनों तक करें अवश्य लाभ मिलेगा।
- लहसुन की एक फली को पपीते के सूखे हुए थोड़े-से बीजों को पीसकर चटनी बनाकर मरीज को खिलाने से पेट के कीड़े मरकर मल के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।
- 1 पुती (एक फली) लहसुन को देशी घी में भुनकर, आधा चम्मच अजवायन का चूर्ण और 10 ग्राम पुराने गुड़ को मिलाकर दिन में 4 बार खाने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
4. शहतूत :
- शहतूत के पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
- 100 ग्राम शहतूत को खाने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
- शहतूत 20 ग्राम और 20 ग्राम खट्टे अनार के छिलके को उबालकर पीने से पेट के कीड़ें नष्ट हो जाते हैं।
- शहतूत के पेड़ की जड़ को पानी में उबालकर सेवन करने से आंतों के कीड़े समाप्त होते हैं।
5. आंवला :
- आधा चम्मच आंवले का रस 2 से 3 दिन तक पिलाने से पेट के कीड़ों में आराम देता है।
- ताजे आंवले का लगभग 60 मिलीलीटर रस को 5 दिन तक पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
6. अनार :
- अनार की जड़ की छाल 50 ग्राम को 250 मिलीलीटर पानी में उबाल लें, जब पानी 100 मिलीलीटर की मात्रा में बच जाऐ, तब इस बने काढे़ को दिन में 3-4 दिन बार पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
- 3 ग्राम अनार के छिलकों का चूर्ण दही या छाछ के साथ सेवन करें। अनार की जड़ की छाल 50 ग्राम को 250 मिलीलीटर पानी में उबाल लें, जब पानी 100 मिलीलीटर की मात्रा में बच जाऐ, तब इस बने काढे़ को दिन में 3-4 दिन बार पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
- 3 ग्राम अनार के छिलकों का चूर्ण दही या छाछ के साथ सेवन करें।
7. अजवायन :
- सूखी अजवायन को पीसकर प्राप्त हुए चूर्ण को 1 से 2 ग्राम को खुराक के रूप में छाछ के साथ पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
- 4 ग्राम अजवायन के बारीक चूर्ण को 1 गिलास छाछ के साथ पीने या अजवायन के तेल की लगभग 7 बूंदों को प्रयोग करने से लाभ होता है।
- 4 से 5 बूंद अजवायन के रस को पानी में डालकर सेवन करने से आराम मिलता है।
- 2 चुटकी अजवायन को गुड़ के साथ प्रयोग करें पेट के कीड़ों में लाभ मिलेगा।
8. पपीता :
- पपीते के 5-7 बीजों को ताजे पानी के साथ 5 दिन तक सेवन करने से पेट में कीड़ो के कारण होने वाला दर्द कीड़ों के मरने के साथ मिट जाता है।
- पपीता के बीजों को पीसकर चूर्ण बनाकर दो चुटकी खुराक के रूप में दिन में 3 बार पानी के साथ पीने से लाभ होता है।
- पपीते के 10 बीजों को पानी में पीसकर चौथाई कप पानी में मिलाकर पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। ऐसा प्रयोग लगातार 7 दिन तक करें।
- 10 से 15 पपीते के बीज को पानी में पीसकर 7 दिनों तक खाने से लाभ होता हैं।
9. नीम :
- नीम के पेड़ की छाल को उतारकर बारीक पीसकर चूर्ण बना लें, इस बनें चूर्ण की 2 ग्राम को खुराक के रूप में हींग और शहद के साथ सेवन करने से पेट के कीड़ें समाप्त हो जाते हैं।
- नीम के पेड़ की छाल, इन्द्रजौ और बायबिडंग के चूर्ण को 2 ग्राम, भुनी हींग 250 ग्राम को शहद के साथ मिलाकर दिन में सुबह और शाम सेवन करने से आंतों के कीड़ों मल के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।
- सब्जी या बैंगन के साथ नीम के 8-10 पत्तों को छौंक कर खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
- एक मुट्टी पत्तों का काढ़ा बनाकर 20 मिलीलीटर की मात्रा में खाली पेट 3 दिन तक पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
10. कालीमिर्च :
- कालीमिर्च के 10 दानें और 25 ग्राम पुदीना को पीसकर 1 गिलास पानी में मिलाकर 4 दिन तक रोज पीने से लाभ होता हैं।
- पिसी हुई कालीमिर्च एक ग्राम को छाछ के साथ पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
क्या-क्या खाना चाहिए :
- केला, सरसों का साग, कांजी, मट्ठा (छाछ), शहद, हींग, नींबू का रस, पुराने चावल, मूंग, अरहर और मलका की दाल, साबूदाना, बथुआ, करेला, परवल,तोरई, लौकी, अनार, कच्चा आंवला, संतरा, अनन्नास का रस, अदरक की चटनी, सेब, राई, मुनक्का, अजवाइन का रस, हींग, जीरा, धनिया, कड़वे चटपटे और कफनाशक पदार्थ का प्रयोग रोगी को खाने में करना चाहिए।
इन चीज़ों का सेवन ना करे :
- बेसन की बनी खाने की वस्तुएं, तिल, जौ, उड़द, जौ, मोठ, पत्तेवाली सब्जी, आलू, मूली, अरबी, ककड़ी, खीरा, दही, दूध, अधिक देशी घी, खटाई, मांस, मछली, अण्डा, मुल्तानी मिट्टी, मीठी चीजों का सेवन, रात को अधिक देर बाद सोना, दिन में सोना, दिन भर बैठे रहना, बीड़ी-सिगरेट को पीना और तेल की मालिश, सड़ी और बासी वस्तु, नमकीन, अधिक सूखे और लाल मिर्ची आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।