- हिंदू धर्म के अनेक ग्रंथों में गौमूत्र से मिलने वाले फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी मिलती है. यहां तक कि वैज्ञानिकों ने भी गौमूत्र को कीटाणुनाशक और शरीर की कई बीमारियों को दूर करने में सहायक माना है। गोमूत्र में कार्बोलिक एसिड, यूरिया, फास्फेट, यूरिक एसिड, पोटैशियम और सोडियम होता है यानि शरीर की बीमारियों को ठीक करने के लिए जितने तत्वों की जरूरत होती है वो सब गौमूत्र में उपलब्ध हैं।
- प्राचीन काल से ही हम गाय को माता का नाम देते आए हैं क्योंकि यह माता के समान हमारी रक्षा करती है। गाय का दूध, गोबर, घी सभी हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है यहां तक की गाय का मूत्र हमें रोग मुक्त करता है, रोग प्रतिकारक शक्ति को बढ़ता है और शरीर के माँस-तंतुओं को स्वस्थ्य रखता है। हमारे देश में गायों की कई नस्लें पाई जाती हैं। वैसे तो सभी प्रकार की गाय हमारे लिए लाभकारी है। लेकिन अगर शुद्ध देसी गाय की नस्ल हमारे पास है तो समझ लीजिये की हमारे हाथ कोई जादुई चिराग लग गया हो। वैसे तो शुद्ध देसी गाय दूध कम देती है लेकिन कम दूध देने की वजह से देसी गाय के मूत्र में औषधीय गुण काफी मात्रा में बढ़ जाते हैं। गायके दूध से होने वाले 100 फायदे तो हम जानते ही हैं लेकिन गौमूत्र से होने वाले अनगिनित फायदों से हम अभी तक अनजान हैं।
- गौमूत्र के नाम से कई लोगों के मुंह बन जाते हैं, क्योकि वह गौमूत्र के नियमित सेवन से होने वाले बड़े-बडे लाभ से अंजान होते हैं। बूढ़ी, बीमार और गर्भवती गायों के मूत्र को नहीं पीना चाहिए। गौमूत्र को कांच या मिट्टी के बर्तन में लेकर साफ सूती कपड़े से 3 बार छानकर चौथाई कप खाली पेट पीना चाहिए। गाय का मूत्र स्वाद में गरम, कसैला और कड़क लगता है। यह जीवाणु नाशक और जल्द ही पचने वाला होता है। इसमें नाइट्रोजन, कॉपर, फॉस्फेट, यूरिक एसिड, पोटैशियम, क्लोइराइड और सोडियम जैसे कई लाभकारी तत्व पाये जाते हैं।
- आपको बता दे कि गौ मूत्र भारतीय नस्ल की देशी गाय का जितना फायदेमंद है उतना दूसरी नस्ल का नही यही कारण है कि आज इसके सेवन के लिए विदेशो से लोग भारत आते है लेकिन भारत वासी अभी भी इसके चमत्कारी गुणों से अनजान है ऐसा कोई रोग नही जिसमे ये फायदा ना पहुँचाये, आज की बढ़ती टेक्नोलॉजी के युग मे रोग भी उतनी ही तेज़ी से ज्यादा घातक सिद्ध हो रहे है, अगर इस युग में जीवन भर रोगों से मुक्त रहना है तो गौ मूत्र बहुत अच्छा विकल्प है ये संजीवनी है। आइये इसके बारे में विस्तार से जाने…
गौमूत्र सेवन की मात्रा
- गौमूत्र ही खाली पेट लेना चाहिए। बीमार व्यक्ति को 100 ग्राम गौमूत्र पीना चाहिए। खाली पेट, कुछ भी खाने से 1 घंटे पहले इसे पीना चाहिए और जो बीमार हैं वह दिन में दो बार भी ले सकते हैं। स्वस्थ लोगों को 50 ग्राम से ज्यादा नहीं पीना चाहिए।
गौमूत्र से होनेवाले 14 फायदे
- वात,कफ और पित्त में कारगर : वात,कफ और पित्त के कुल 148 रोग होते हैं. इन रोगों को अकेले खत्म करने की क्षमता अगर किसी वस्तु में है तो वो है देसी गाय का गौमूत्र. वात, कफ और पित्त को सम अवस्था में लाने के लिए गौमूत्र सबसे ज्यादा कारगर साबित होता है।
- पेट की समस्याओं के लिए फायदेमंद : एसिडिटी, हाईपर एसिडिटी, अल्सर, कब्ज और पेट में घाव जैसी समस्या होने पर गौमूत्र का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है. इसके साथ ही पित्त के रोगियों के लिए गौमूत्र और पानी को बराबर मात्रा में मिलाकर उसका सेवन करना काफी फायदेमंद होता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए : गौमूत्र का नियमित रुप से सेवन करने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और इसके सेवन से कई बीमारियां आपसे कोसों दूर भागने लगती हैं. जिससे बीमारियां शरीर में प्रवेश नहीं कर पाती हैं।
- त्वचा की समस्याओं को दूर करे : गौमूत्र त्वचा की कई समस्याओं को दूर करता है. अगर आपकी त्वचा पर सफेद धब्बे हैं तो फिर गौमूत्र से अपनी त्वचा की मालिश करें. इससे त्वचा के सफेद धब्बे दूर हो जाएंगे. इसके अलावा दाद, खाज, खुजली और एग्जिमा पर हर रोज गौमूत्र लगाने से राहत मिलती है।
- आंखों के काले घेरे मिटाने में कारगर : अगर आपकी आंखों के नीचे काले धब्बे हो गए हैं तो फिर अपनी आंखों के नीचे हर रोज सुबह के वक्त गौमूत्र लगाएं. इससे आंखों के नीचे के काले धब्बे दूर हो जाएंगे. अगर मौमूत्र ना मिले तो फिर उसके अर्क का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- बुखार और बीमारी से दिलाए राहत : अगर कोई व्यक्ति किसी गंभीर और लंबी बीमारी से पीड़ित है तो फिर पीड़ित को कम से कम 3 महीने तक गौमूत्र का सेवन करना चाहिए. जबकि छोटी बीमारी के लिए 2 हफ्ते से 1 महीने तक गौमूत्र का सेवन करने से पीड़ित को काफी आराम मिलता है।
- कई बीमारियों के इलाज में कारगर : आधा कप गोमूत्र सुबह खाना खाने के एक घंटे पहले पीने से बवासीर, आर्थराइटिस, जोड़ों का दर्द, दिल की बीमारी और कैंसर जैसी बीमारियों में फायदा पहुंचाता है. इससे सर्दी-खांसी, जुकाम, अस्थमा और टीबी जैसी बीमारियों को ठीक करने में मदद मिलती है।
- टीबी रोग का जड़ से करे खात्मा : टीबी की बीमारी से पीड़ित मरीज अगर डाट्स की गोलियों के साथ गौमूत्र का सेवन करे तो इससे होनेवाला फायदा 20 गुना ज्यादा बढ़ जाता है. सिर्फ गौमूत्र पीने से टीबी की बीमारी 3 से 6 महीने में ठीक हो जाती है. जबकि डॉट्स की गोलियों और गौमूत्र का एक साथ सेवन करने से टीबी 2 से 3 महीने में ठीक हो जाती है।
- आंख के रोगों में फायदेमंद : मोतियाबिंद, ग्लुकोमा, रैटिनल डिटैचमेंट जैसी आंखों की गंभीर बीमारियों के साथ-साथ आंखों का लाल होना, आंखों से पानी निकलना और आंखों में जलन जैसी समस्या होने पर गौमूत्र का सेवन करना चाहिए. गौमूत्र का सेवन करने से आंखों से चश्मा भी उतर जाता है।
- मूत्र व किडनी के रोग में कारगर : मूत्र पिंड के सभी रोग जैसे किडनी फेल होने और किडनी के दूसरे तकलीफों से निजात दिलाने के लिए गौमूत्र को काफी कारगर माना गया है. इन समस्याओं से राहत पाने के लिए हर रोज सुबह के वक्त आधा कप गौमूत्र का सेवन करना चाहिए।
- प्रतिरोधक क्षमता : गौरतलब है नियमित रुप से गौमूत्र का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे किसी भी बीमारी का खतरा नहीं होता है और व्यक्ति लंबे समय तक स्वस्थ और सेहतमंद बना रहता है।
- सोराइसिस, एक्जिमा, खुजली, दाद-खाज : गौमूत्र में वही 18 सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कि मिट्टी में भी होते हैं। शरीर की बीमारियों को ठीक करने के लिए शरीर को जितने घटक चाहिए होते हैं वह सब गौमूत्र में उपलब्ध होते हैं। जैसे-सल्फर की कमी से शरीर में त्वचा के रोग होते हैं। गौमूत्र पीने से सोराइसिस, एक्जिमा, खुजली, दाद-खाज जैसे स्कीन के सभी रोग ठीक हो जाते हैं।
- स्मरणशक्ति : गौमूत्र गोल्ड साल्ट्स से भरा होता है। जो हमारे शरीर में मिनरल्स के बैलेंस को कंट्रोल करता है। जिससे हमारी स्मरणशक्ति बढ़ती है और हमारा शरीर रोगों से अच्छी तरह से लड़ सकता है।
- पेट के कैंसर, गले के कैंसर और आहारनली के कैंसर : करक्यूमिन तत्व की कमी से हम कैंसर जैसी बीमारी से घिर जाते हैं। गौमूत्र में करक्यूमिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है और पीने के तुरन्त बाद आसानी से पच जाता है। पेट के कैंसर, गले के कैंसर और आहारनली के कैंसर को गौमूत्र के सेवन से सही किया जा सकता है।