• आज हम आपको बताएंगे कि मूली के साथ ऐसी कौन-कौन सी चीजें हैं जो कभी नहीं खानी चाहिए। मूली एक ऐसी चीज है जिसे खाने से आपके पेट से जुड़ी सारी समस्या ठीक हो जाती है परंतु मूली खाने के बाद अगर आपने कोई ऐसी चीज खा ली जो मूली के साथ रिएक्शन करती है तो वह मूली पेट में जहर बन जाएगी जिससे आपको बहुत बड़ी बीमारी हो सकती है इसलिए दोस्तों आज हम आपको बताएंगे कि मूली खाने के बाद ऐसी कौन सी दो चीजें हैं जो कभी नहीं खानी चाहिए वरना पेट में जहर बन जाएगा। 
  • सलाद और सब्जी के रूप में इस्तेमाल होने वाली मूली सेहत के लिए वरदान साबित होती है। मूली से सिर्फ सब्जियां ही नहीं बल्कि इससे पराठे और आचार भी बनाए जाते हैं। मामूली सी दिखने वाली मूली से कई रोगों का इलाज किया जा सकता है। जी हां, मूली कई औषधिय गुणों से भरपूर होती है। मूली का रंग सफेद होता है। इसका स्वाद तीखा होता है।मूली गाजर की तरह जमीन के भीतर कन्दरूप में पैदा होती है। मूली के पत्ते नए सरसों के पत्तों के समान, फूल-सफेद सरसों के फूलों के आकार के और फल भी सरसों ही के समान परन्तु उससे कुछ मोटे होते हैं। इसके बीज सरसों से बड़े होते हैं। मूली की तासीर खाने में सर्द, गर्म (उष्ण) और ठंडी होती है। 
  • मूली और मूली के पत्तों का साग भी बनता है। मूली के पत्तों में बेसन मिलाकर स्वादिष्ट तरकारी भी बनाते हैं। मूली के बीजों से तेल निकलता है। भोजन के मध्य में कच्ची मूली खाने से भोजन करने में रुचि बढ़ती है। मूली के गोलाकार टुकड़े कर थोड़ा-सा नमक छिड़ककर सुबह के समय रोटी के साथ खाना लाभदायक है। आइये जानते है मूली के साथ किसका सेवन नही करना चाहिए और इससे होने वाले फायदों के बारे में…

मूली खाने के बाद कभी ना खाएं ये 2 चीजें :

  1. मूली खाने के बाद कभी भी संतरे का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि मूली और संतरा पेट में जाने के बाद रिएक्शन करते हैं क्योंकि इनके एंटीऑक्सीडेंट आपस में एक दूसरे से काफी अलग होते हैं और इसमें एंटीऑक्सीडेंट काफी ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं इसलिए यह पेट में जाने के बाद रिएक्शन कर के पेट में जहर बना देते हैं।
  2. मूली खाने के बाद करेले का भी सेवन कभी नहीं करना चाहिए क्योंकि मूली और करेला काफी जल्दी एक दूसरे के साथ रिएक्शन करते हैं और मात्र कुछ सेकेंडों में ही यह पेट में जहर बना देते हैं जिससे आप बहुत बीमार हो सकते है।

मूली के फायदे :

  1. मूली शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड को निकालकर जीवनदायी ऑक्सीजन पैदा करती है।
  2. मूली में विटामिन-ए पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी को बढ़ाता है। इसके नियमित प्रयोग से चश्मे का नंबर कम हो जाता है और चश्मा उतर भी जाता है।
  3. मूली के सोडियम और क्लोरीन तत्त्व मल को आसानी से निकालने में सहायक होते हैं। मूली में पाया जाने वाला मैग्नीशियम पाचन-क्रिया को नियमित करता है। गंधकीय तत्व चर्म (त्वचा) रोगों से छुटकारा दिलाते हैं।
  4. मूली में काफी मात्रा में लौह-तत्व मौजूद होते हैं, जो खून को साफ करते हैं। खून साफ होने से शरीर में प्राकृतिक निखार आता है। नाखूनों में लाली आ जाती है और चेहरा गुलाबी आभा से चमकने लगता है।
  5. मूली में कैल्शियम प्रचुर मात्रा मे पाया जाता है, जिससे हडि्डयां और दांत मजबूत हो जाते हैं।
  6. मूली शरीर की शुष्कता (सूखापन) को दूर करती है। जठराग्नि (भूख को बढ़ाती) प्रदीप्त करती है और पेट की गर्मी को दूर करती है। मूली के सेवन से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
  7. चेहरे के मुंहासे, कील, झांईयां और दाग कम करने में मूली का बड़ा सहयोग रहता है।
  8. मूली खांसी और दमे में लाभदायक है, लेकिन इसको खाने के बाद पानी नहीं पीना चाहिए।
  9. मूली के 5 ग्राम बीज मक्खन के साथ सुबह के समय 1 महीने तक नियमित रूप से लेंने से पौरुष ताकत बढ़ती हैं।
  10. जोड़ों में दर्द हो या कंधे और घुटने में दर्द हो तो मूली का सेवन करने से जकड़न भी खुल जाती है।
  11. शरीर के किसी ऊपरी भाग मे सूजन आ गई हो तो मूली का रस गर्म करके लगाने से लाभ होता है।
  12. गुर्दे की बीमारी में मूली लाभदायक हैं। मूली के सेवन से पेशाब सम्बंधी बीमारियां, जैसे रूक-रूककर पेशाब आना, उसमें जलन होना आदि रोग दूर होते हैं।
  13. मूली के रस से सिर को धोने से लीखें और जुएं समाप्त हो जाती हैं।
  14. डायबिटीज के रोगियों के लिए मूली काफी लाभकारी है।
  15. कान की सुनने की शक्ति कमजोर हो गई हो, तो मूली के रस में नींबू का रस मिला लें और उसे गुनगुना करके कान में डालें और उल्टा लेट जाएं, ताकि कान की सिंकाई के बाद रस बाहर निकल जाए। इससे कान का मैल बाहर आ जाएगा और साफ सुनाई देने लगेगा।
  16. कान में दर्द हो तो मूली के पत्ते सरसों के तेल में उबाल लें। इस रस की 2-2 बूंदे कान में टपकाने से दर्द अवश्य शांत होगा।
  17. मूली को उबालकर खाने से गर्भ मे स्थिरता आती है और ग-र्भपात नहीं होता है।

मूली के हानिकारक प्रभाव :

  • खाली पेट मूली खाने से छाती में दाह (जलन) होती है और पित्त उत्तेजित होता है। शरद ऋतु (सर्दी के मौसम में) में मूली का सेवन लाभदायक नहीं है। मूली खाकर ऊपर से दूध पीना नहीं चाहिए। रात को मूली नहीं खानी चाहिए।