बवासीर की समस्या :
- बवासीर गुदा मार्ग की बीमारी है। इस रोग के होने का मुख्य कारण कब्ज होता है। अधिक मिर्च मसाले एवं बाहर के भोजन का सेवन करने के कारण पेट में कब्ज उत्पन्न होने लगती है जो मल को अधिक शुष्क एवं कठोर करती है इससे मल करते समय अधिक जोर लगना पड़ता है और अर्श (बवासीर) रोग हो जाता है। यह कई प्रकार की होती है, जिनमें दो मुख्य हैं- खूनी बवासीर और वादी बवासीर। यदि मल के साथ खून बूंद-बूंद कर आये तो उसे खूनी बवासीर कहते हैं। यदि मलद्वार पर अथवा मलद्वार में सूजन मटर या अंगूर के दाने के समान हो और उससे मल के साथ खून न आए तो उसे वादी बवासीर कहते हैं। अर्श (बवासीर) रोग में मलद्वार पर मांसांकुर (मस्से) निकल आते हैं और उनमें शोथ (सूजन) और जलन होने पर रोगी को अधिक पीड़ा होती है। रोगी को कहीं बैठने उठने पर मस्से में तेज दर्द होता है। बवासीर की चिकित्सा देर से करने पर मस्से पककर फूट जाते हैं और उनमें से खून, पीव आदि निकलने लगता है।
पेट में गैस बनने की समस्या :
- आजकल हर दस में से एक इन्सान पेट में गैस बनने की समस्या से पीड़ित है। यह शुरू में एक सामान्य बीमारी की तरह होती है लेकिन लगातार इसको नजरंदाज करने से गंभीर रोग को जन्म दे सकता है। पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे – लगातार भूखे रहने से, खट्टे पदार्थ के सेवन से, एसिडिटी, बदहजमी, फूड पॉइजनिंग,कब्ज आदि समस्या होने पर पेट में गैस बनती है। कुछ लोग हमेशा गैस की समस्या से पीड़ित रहते है और कभी-कभी यह बहुत शर्मनाक भी हो सकता है। इससे अक्सर पेट में ऐंठन, सूजन और भारीपन जैसी समस्या हो सकती है। वैद्यकीय रूप से यह एक ऐसी स्थिति है, जहां आपके पाचन तंत्र में अतिरिक्त गैस एकत्रित हो जाती है।
- हमने अकसर देखा है बहुत से लोग पेट की परेशानी से बहुत परेशान रहते है जिसमे पेट की गैस से लोग बहुत परेशान रहते है और इस वजह से बहुत से लोगो का मजाक बन जाता है। और इस परेशानी से बचने के लिए बहुत से लोग चूरन ओर दवाई लेना चालू कर देते है। और इन से लोगो फायदा तो मिल जाता है पर बाद में परेशानी भी झेलनी पड़ती है। अगर किसी रोग से छुटकारा पाना चाहते हैं तो पहले उसके जन्म होने का कारण जानें और फिर कुछ सावधानी बरतते हुए इस रोग से निजात पा सकते हैं. यहाँ हम पेट में गैस बनने की समस्या से छुटकारा पाने के कुछ उपाय बताने वाले हैं।
चित्रक के गुण :
- चित्रक यानि चीता यह वनस्पति पुरे भारत में पाई जाती है। इसकी पत्तियां अंडे के आकार की होती है। यह दो प्रकार की होती है एक सफ़ेद और दूसरी लाल। इस वनस्पति की जड़ों के छाल का औषधीय प्रयोग किया जाता है। यह अत्यंत ही गर्म और तीखे स्वभाव की वनस्पति है जिसे आयुर्वेद में कफ़ एवं वात दोष को ठीक करने वाली श्रेष्ठ औषधि माना गया है। यह मोटापा कम करने वाली, पाचन, बवासीर, पेटदर्द, वायु, आंत के रोग व पीलिया में लाभदायक है। इस औषधि में पाया जाने वाला रस भोजन को ठीक ढंग से पचाने में मदद करता है और पाचन क्रिया को ठीक करता है। आइए इसके अन्य गुणों के बारे में जानते हैं।
चित्रक के 4 बेहतरीन फ़ायदे :
- बवासीर के मस्से : शरीर के जिस भाग में भी दर्द हो अथवा बवासीर का रोग हो, ऐसे में चित्रक के ताजा फूलों का लेप सुबह शाम दर्द वाली जगह पर और बवासीर में मस्सों पर करना चाहिए। दस दिन के प्रयोग से ही बवासीर के मस्से ठीक हो जाएंगे तथा दर्द से मुक्ति मिलेगी।
- मुंह में छाले : जिन लोगों के मुंह में छाले हो जाते हैं उन्हें चित्रक के ताजा फूलों का छालों पर लेप करना चाहिए। तीन दिन के सेवन से ही मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे।
- गैस अथवा खांसी के रोग : गैस अथवा खांसी के रोग में चित्रक के फूल काफी लाभदायक होते हैं। गैस और खांसी होने पर चित्रक के ताजा फूलों का रस मिश्री घोलकर दो चम्मच सुबह और दो चम्मच शाम को भोजन करने के बाद लेना चाहिए। तीन दिन के सेवन से ही यह दोनों रोग खत्म हो जाएंगे।
- नकसीर : दो चम्मच चित्रक के चूर्ण को शहद के साथ लेने से नकसीर तुरंत ठीक हो जाती है।
कृपया ध्यान दे :
- चित्रक का इस्तेमाल कम मात्रा में करना चाहिए और काफी कम समय के लिए, क्योंकि लम्बे समय तक इसका प्रयोग शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक है। त्वचा पर इसका इस्तेमाल भी कम मात्रा मात्रा में करना चाहिए क्योंकि ज्यादा लगाने पर यह त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है।
बवासीर या अर्श के अन्य चमत्कारी घरेलु उपाय
- हारसिंगार : हारसिंगार के 2 ग्राम फूलों को 30 ग्राम पानी में रात को भिगोकर रखें। सुबह फूलों को पानी में मसल कर छान लें और 1 चम्मच खांड़ मिलाकर खाली पेट खायें। रोज 1 सप्ताह खाने से बवासीर मिट जाती है। या हारसिंगार का (बिना छिलके का) बीज 10 ग्राम तथा कालीमिर्च 3 ग्राम को मिलाकर पीस लें और चने के बराबर गोलियां बनाकर खायें। रोजाना 1-1 गोली गुनगुने जल के साथ सुबह-शाम खाने से बवासीर ठीक होती है। या हारसिंगार के बीजों को छील लें। 10 ग्राम बीज में 3 ग्राम कालीमिर्च मिलाकर पीसकर गुदा पर लगाने से बादी बवासीर ठीक होती है।
- कपूर : कपूर, रसोत, चाकसू और नीम का फूल सबको 10-10 ग्राम कूट कर पाउडर बनालें। मूली को लम्बाई में बीच से काटकर उसमें सबके पाउडर को भरें और मूली को कपड़े से लपेटे तथा मिट्टी लगाकर आग में भून लें। भुन जाने पर मूली के ऊपर से मिट्टी और कपड़े को उतारकर उसे शिलबट्टे (पत्थर) पर पीस लें और मटर के बराबर गोलियां बना लें। 1 गोली प्रतिदिन सुबह खाली पेट पानी से लेने पर 1 सप्ताह में ही बवासीर ठीक हो जाती है।
- वनगोभी : वनगोभी के पत्तों को कूटकर उसका रस निकालकर दिन में तीन से चार बार बवासीर के मस्सों पर लगायें। इसको लगाने से एक सप्ताह में ही मस्सें ठीक हो जाते हैं।
- मूली : मूली के 125 मिलीलीटर रस में 100 ग्राम जलेबी को मिलाकर एक घण्टे तक रखें। एक घण्टे बाद जलेबी को खाकर रस को पी लें। इस क्रिया को एक सप्ताह तक करने से बवासीर रोग ठीक हो जाता है।
- रीठा या अरीठा : रीठा के छिलके को कूटकर आग पर जला कर कोयला बना लें। इसके कोयले के बराबर मात्रा में पपरिया कत्था मिलाकर चूर्ण बनाकर रखें। लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में लेकर मलाई या मक्खन में मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम खाने से मस्सों में होने वाली खुजली व जख्म नष्ट होते हैं। या रीठा के छिलके को जलाकर भस्म बनायें और 1 ग्राम शहद के साथ चाटने से बवासीर में खून का गिरना बन्द हो जाता है।
पेट में गैस बनने की समस्या से छुटकारा पाने के अन्य घरेलु उपाय
- नीम्बू और बेकिंग सोडा : एक गिलास गुनगुने पानी में एक नीम्बू निचोड़कर उसमें एक चुटकी बेकिंग सोडा मिला लें और इसे सुबह खाली पेट पीएं. ऐसा करने से पेट में गैस बनने की समस्या दूर होती है और एसिडिटी, बदहजमी, फूड पॉइजनिंग,कब्ज आदि बीमारी से भी छुटकारा मिलता है।
- गुनगुने पानी और हींग : एक गिलास गुनगुने पानी में थोड़ा-सा हींग मिलाकर दिन में 3 बार पीने से गैस की समस्या से जल्द आराम मिलता है. अगर हींग उपलब्ध न हो तो, केवल गुनगुने पानी पी सकते हैं, इससे भी गैस में राहत मिलती है।
- छाछ और काला नमक : पेट में गैस बनने की प्रॉब्लम हो तो, छाछ में आवश्यकतानुसार काला नमक मिलाकर पीएं, ऐसा करने से यह बीमारी तुरंत समाप्त हो जाते हैं. यह समस्या होने की स्थिति में छाछ और काला नमक सबसे ज्यादा विश्वसनीय उपाय है।
- खाने के बाद इलायची का सेवन : जब भी आप खाना खाते है तो उसके बाद जरूर इलायची ओर एक लौंग का सेवन करे, ये वस्तुएं आप के पेट मे खाना खाने के बाद एसिडिटी ओर गैस को बनने से रोक देती है।
- अदरक का सेवन : अदरक का छोटा सा टुकड़ा लेकर उसे चबाये फिर उसके बाद गुनगुना पानी का सेवन करे, या फिर आप पानी मे अदरक को पानी मे उबाल कर उसका सेवन कर सकते है।
- अजवाइन के बीज : अजवाइन के बीजों में थाइमॉल नामक एक यौगिक होता है, जो पाचन में मदद करता है। अगर आप भी अक्सर गैस की समस्या से पीड़ित रहते है तो आप रोज खाने के बाद चुटकी भर अजवाइन खा लें। आप चाहे तो आप सुबह एक गिलास पानी में एक चम्मच अजवाइन डालकर खली पेट पी लें, इससे आपको बहुत फायदा होगा।