- गर्मियों का मौसम आते ही सबसे बड़ी समस्या जो सामने आती है वह है मच्छरों की समस्या। गर्मियों में मच्छर इतने ज्यादा होते हैं कि वह हमें बहुत परेशान करते हैं। मच्छरों के कारण गर्मियों के मौसम में डेंगू नामक घातक बीमारी होती है। बहुत सारे लोग मच्छरों को मारने के लिए बाजार में आने वाले प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं लेकिन उनका भी कोई असर नहीं होता है इसलिए आज हम आपको मच्छरों को मारने के लिए एक ऐसा उपाय बताएंगे जिससे आपको मच्छरों से पूर्ण रुप से सुरक्षा मिल जाएगी। हमारे देश में बहुत सारी औषधियां ऐसी हैं जिनका इस्तेमाल कर हम किसी भी तरह की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। आज हम आपको एक ऐसे पत्ते के बारे में बताएंगे जिसका इस्तेमाल कर आप अपने कमरे के सारे मच्छरों को खत्म कर सकते हैं । जिस पत्ते की हम बात कर रहे हैं उसे तेजपत्ता के नाम से जाना जाता है ।
- तेजपत्ता मधुमेह, अल्ज़ाइमर्स, बांझपन, खांसी जुकाम , जोड़ो का दर्द, रक्तपित्त, रक्तस्त्राव, दाँतो की सफाई, सर्दी जैसे अनेक रोगो में उपयोगी है। ये हमेशा हरा रहने वाले पेड़ तमाल वृक्ष के पत्ते हैं इसको तमालपत्र, तेज पात या तेजपत्ता कहते हैं। तेजपात मसाले के रूप में बहुतायत में काम लेते हैं। यह सिक्किम, हिमालय, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में पैदा होते हैं। तेजपात पेड़ से पत्ते तोड़कर धुप में सुखाकर पंसारी की दुकानो पर बेचे जाते हैं। तेजपत्ता में दर्दनाशक, एंटी ऑक्सीडेंट गुण हैं। तेजपत्ता मधुर, कुछ तीक्षण, उष्ण, चिकना, तैलीय होता हैं। वात, कफ नाशक और पाचक होता हैं। आयुर्वेद में अनेक गंभीर रोगो में इसके उपयोग किये जाते हैं। आइये जाने।
इस पत्ते को जलाने से दोबारा कभी भी मार्टिन जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी
- तेजपत्ता हमारे देश में लगभग हर घर में मिल जाता है । कमरे के मच्छरों को मारने के लिए सबसे पहले चार तेजपत्ता लें, इन्हें घर के चार कोनों में जलाकर छोड़ दें और 15 मिनट के लिए कमरे के सभी दरवाजे और खिड़कियां बंद कर दें । 15 मिनट के बाद जब आप कमरे में जाएंगे तो आप देखेंगे कि कमरे के सभी मच्छर मर कर कर नीचे गिरे हुए हैं । इन पत्तों को जलाने को जलाने से जो धुआं निकलता है वह मच्छरों के लिए बहुत घातक होता है इसलिए इससे सारे मच्छर मर जाते हैं । इस पत्ते को जलाने के बाद आपके कमरे में दोबारा मच्छर नहीं आएंगे ।
सोने से पहले कमरे में जलाएं केवल 1 तेज पत्ता, सिर्फ़ 15 मिनट में आपको जो फ़ायदा होगा जिसकी आपने कभी कल्पना नही की होगी
- रात को अच्छी नींद सोना है तो ज़रूरी है आपको किसी तरह का कोई तनाव न हो। आपका मन शांत हो। आप सुकून महसूस करें। लेकिन अमूमन ये हो नहीं पाता। दिनभर चाहे आप दफ्तर में रहें, कॉलेज जाएं या घर के कामों में उलझे रहें… तनाव हो ही जाता है। तनाव यानी स्ट्रेस। ये तनाव आपको रात को सोने नहीं देता। ये आपको मानसिक और शारीरिक तरीके से नुकसान पहुंचाता है। अगर आप छोटी सी कोशिश करें तो तनाव को मिनटों में दूर कर सकते हैं। इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं बस एक तेज़ पत्ता चाहिए। तेज़ पत्ता हर किसी की किचन में बड़े ही आराम से मिल जाता है। ये सिर्फ 5 मिनट में आपके तनाव को दूर करने की क्षमता रखता है। एक रशियन साइंटिस्ट ने इस पर स्टडी की और पाया कि यह हमारे तनाव को दूर कर सकता है। यही वजह है कि तेज पत्ते को अरोमाथैरेपी के लिये इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, तेज़ पत्ता यह त्वचा की बीमारियों और सांस से संबन्धित समस्याओं को भी ठीक करने के लिये जाना जाता है।
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक तेज पत्ता लें और उसे किसी कटोरी या एैशट्रे में जला लें। अब इसे कमरे के अंदर लाकर 15 मिनट के लिए रख देंगे। आप पाएंगे कि तेज पत्ते की खुशबू पूरे कमरे में भर जाएगी। साथ ही आपको कमरे का माहौल काफी सुकून वाला लगेगा। ये आपको स्पा एक्सपीरियेंस देगा। कुछ देर इस कमरे में रिलेक्स होकर बैठ जाएं, आपको अपने अंदर सुकून बहता हुआ महसूस होगा और आपका तनाव कम होने लगेगा।
तेजपात या तेजपत्ते के फायदे :
- मधुमेह में तेजपत्ते के प्रयोग : तेजपात को पीसकर बहुत बारीक चूर्ण बना ले। इसकी एक चम्मच नित्य तीन बार पानी से फंकी लेने से मधुमेह के रोगी को शीघ्र लाभ होता हैं। रक्तशर्करा शीघ्र घट जाती हैं।
- रात को एक चम्मच तेजपात का पाउडर एक कांच के गिलास में डालकर तीन चौथाई गिलास पानी से भर कर चम्मच से अच्छी तरह हिलाएं और ढक कर रख दे। सवेरे उस गिलास के पानी पर जैली जैसी परत जमी हुयी दिखेगी। इस परत को हटा कर फेंक दीजिये, और पानी को मलमल के कपडे से छानकर पियें। इसके बाद आधा घंटा कुछ भी ना खाए पियें। रात को पीसी हल्दी आधा चम्मच सोते समय एक कप पानी में घोलकर पियें। इसके बाद ठंडा पानी या दूध ना पियें। यह प्रयोग लम्बे समय तक करते रहे। मधुमेह नियंत्रण में रहेगा।
- स्मरण शक्तिवर्धक – ‘अल्ज़ाइमर्स’ में उपयोगी :तेजपात मस्तक पोषक हैं। तेजपत्ता एसिटिलकोलाइनैस्टेरै नामक खतरनाक को बनने से रोकता हैं जो मस्तिष्क के सन्देश वाहक हॉर्मोन osteocalcin को तोड़ने का काम करता हैं। तेजपत्ता को नित्य खाए जाने वाले भोजन में शामिल करे। इससे स्मरणशक्ति बढ़ेगी और ‘अल्ज़ाइमर्स’ बीमारी पर नियंत्रण होगा।
- माँ बनने का सुख :कभी कभी किसी स्त्री को ग-र्भधान ही नहीं होता और बांझपन की समस्या का सामना करना पड़ता हैं। किसी को गर्भ ठहरने के बाद ग-र्भस्त्राव हो जाता हैं। तेजपात दोनों ही समस्याओ को दूर करता हैं। तेजपात का पाउडर चौथाई चम्मच तीन बार पानी से नित्य फंकी ले। कुछ महीने तेजपात की फंकी लेने से ग-र्भाशय की शिथिलता दूर होकर ग-र्भधारण हो जाता हैं। जिन स्त्रियों को ग-र्भस्त्राव होता हो, वे गर्भवती होने के बाद इसी प्रकार तेजपात पाउडर की फंकी कुछ महीने ले। इस प्रकार तेजपात से गर्भ सम्बन्धी दोष दूर होकर ग-र्भधारण में सहायता मिलती हैं।
- जुकाम खांसी :1. तेजपात कफजन्य रोगों को ठीक करता है। चौथाई चम्मच तेजपात पाउडर की गर्म पानी से नित्य तीन बार फंकी लेने से सर्दी जुकाम और खांसी ठीक हो जाती हैं।
- तेजपात और छोटी पीपल समान मात्रा में पीसकर आधा चम्मच चूर्ण को एक चम्मच शहद में मिलाकर तीन बार चाटने से खांसी ठीक हो जाती हैं।
- जोड़ो का दर्द, मूत्रल, ज्वर या बुखार :तेजपात के चार पत्ते एक गिलास पानी में उबाले। उबलते हुए पानी आधा रहने पर छानकर नित्य तीन बार पियें। इससे पेशाब अधिक आता हैं, ज्वर या बुखार पसीना आकर उत्तर जाता हैं तथा पुन: ज्वर नहीं आता, बढ़ता। बदन का दर्द ठीक हो जाता हैं।
- सिरदर्द :सर्दी या गर्मी में किसी भी कारण से सिरदर्द हो, तो तेजपात डंठल सहित पीसकर हल्का गर्म करके ललाट पर लेप कर दें। दर्द मिट जायेगा।
- रक्तपित्त – रक्तस्त्राव : मुंह, नाक, मल, मूत्र किसी भी रास्ते से रक्त निकलने पर एक गिलास ठन्डे पानी में एक चम्मच पिसा हुआ तेजपात मिलाकर हर तीन घंटे बाद पिलाने से रक्तस्त्राव बंद हो जाता हैं।
- दाँतो की सफाई :सूखे तेज पत्तो को बारीक पीसकर हर तीसरे दिन एक बार मंजन करें। इससे दांत चमकने लगेंगे।
- सर्दी के रोग :सर्दी से शरीर में दर्द, नाक में सुरसुराहट, छींके आना, पानी गिरना, सिर में भारीपन, जलन, गला बैठना, तालु छिलना, आदि होने पर १० ग्राम तेजपात कूटकर तवे पर सेंककर रख लें। इसका १ भाग, २ कप पानी, स्वादानुसार दूध, चीनी मिलाकर चाय की तरह उबालकर, छानकर नित्य ३ बार पीने से सर्दी जनित रोग ठीक हो जाते हैं।
विशेष : जो लोग आहार विहार विहार के नियमो का पालन करते हैं, उनको दवाओ की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। वे घर में ही उपलब्ध दालचीनी, तेजपात आदि के प्रयोगो से स्वस्थ हो सकते हैं।