मधुमेह एक ऐसा रोग है जिसके रोगी को बहुत समय तक तो इस रोग के होने का पता ही नहीं चलता है। आधुनिक समय में यह अंग्रेजी के शब्द ´डाइबिटीज´ के नाम से जाना जाता है। इस तरह के रोग में रोगी के पेशाब के साथ शहद जैसा पदार्थ निकलता है, यह रोग धीरे-धीरे होता है। इसके प्रभाव से शरीर की शक्ति घटती जाती है।
इस रोग के शुरुआत में स्वभाव में चिड़चिड़ापन, आलस्य, प्यास अधिक लगना, अधिक पानी पीना, काम में मन न लगना, जी घबराना औ कब्ज की शिकायत आदि लक्षण प्रकट होते हैं। औरतों की अपेक्षा पुरुषों में यह रोग अधिक होता है।
मोटे आदमी अक्सर इस रोग से पीड़ित देखे जाते हैं। पहले यह रोग 40-50 वर्ष की अवस्था में होता था, लेकिन आजकल छोटे बच्चों को भी रोग हो जाता है। मधुमेह रोग में पैतृक (वंशानुगत) प्रभाव का भी बहुत बड़ा योगदान है।
शरीर में इंसुलिन नाम का तत्व पाचन क्रिया से सम्बन्धित पेनक्रियाज गंथि से उत्पन्न होता है। इससे शक्कर रक्त (खून) में प्रवेश करता है, और वहां ऊर्जा में बदल जाता है।
आवश्यक सामग्री :
सदाबहार के फूल या पत्ते
1 कप तेज गर्म पानी
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कैसे करे इस्तमाल :
सदाबहार की तीन-चार कोमल पत्तियां चबाकर रस चूसने से मधुमेह रोग से राहत मिलती है।
1 कप तेज गर्म पानी में से आधा कप पानी अलग लेकर इसमें गुलाबी रंग के सदाबहार के तीन फूल पांच मिनट पड़े रहने दें। 5 मिनट बाद फूल निकालकर फेंक दें, और पानी रोजाना 3 बार पीयें। आधा कप अलग रखा गर्म पानी इसके बाद पीयें। इससे मधुमेह में बढ़ी हुई ब्लड-शुगर सामान्य हो जायेगी। कुछ दिन बाद पुन: इसी प्रकार से सदाबहार के गुलाबी फूलों का पानी पीयें। इससे मधुमेह में लाभ होगा।
4 सदाबहार पौधे के पत्तों को पानी से अच्छी तरह धोकर साफ करके सुबह बिना कुछ खाये उसे चबाने से और ऊपर से 2 घूंट पानी पीने से मधुमेह मिटता है। इस प्रयोग को 90 दिनों तक करना चाहिए।