जोड़ों से सम्बन्धित अनेक रोगों का उपचार एक्यूप्रेशर चिकित्सा के द्वारा आसानी से किया जा सकता है। इन रोगों का उपचार करने के लिए सबसे पहले यह जानने की आवश्यकता है कि एक्यूप्रेशर चिकित्सा के द्वारा शरीर के किन प्रतिबिम्ब बिन्दुओं पर दबाव देना चाहिए जिससे रोग जल्दी ठीक हो जाए।
कभी-कभी उपचार करने के दौरान रोग को ठीक होने में कुछ समय लग जाता है । एक्यूप्रेशर चिकित्सा के द्वारा 3-4 बार प्रेशर देने से रोगी को पता लगने लगता है कि वह ठीक हो रहा है या नहीं। इस उपचार के द्वारा दर्द ठीक हो जाता है तथा सन्धिशोथ अंगों से सूजन घट जाती है।
इन उपाय का ले सहारा:
चित्र में दिये गये अंगूठे के बीच के भाग के प्रतिबिम्ब बिन्दुओं पर अंगूठे की सहायता से प्रेशर देने से जोड़ों के रोग बहुत जल्दी ठीक होने लगते हैं तथा दर्द भी कम हो जाता है।
पैरों तथा हाथों के स्नायु-संस्थानों पर प्रेशर देने से (जैसा कि चित्र में दिया गया है) जोड़ों के दर्द में बहुत अधिक राहत मिलती है।
आमाशय तथा अंतड़ियों से सम्बन्धित प्रतिबिम्ब बिन्दु (जो हाथ की हथेलियों तथा पैरों के तलुवों पर होते हैं), पर प्रेशर देने से इस रोग में बहुत लाभ मिलता है क्योंकि जोड़ों के अधिकतर रोग तब होते हैं जब किसी व्यक्ति की पाचनक्रिया ठीक नहीं होती है। जोड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए इन बिन्दुओं पर रोगी की सहनशक्ति के अनुसार रोजाना कुछ सेकण्ड के लिए दिन में 2-3 बार प्रेशर देना चाहिए।
जोड़ों के रोगों को ठीक करने के लिए गुर्दे की शक्ति को बढ़ाना बहुत जरूरी है ताकि शरीर से अनावश्यक तत्व पाचनक्रिया से पचकर जल्दी से बाहर चले जाएं। गुर्दे की शक्ति को बढ़ाने के लिए गुर्दे से सम्बन्धित केन्द्र बिन्दु हाथ की हथेलियों तथा पैरों के तलुवों पर होते हैं जैसा कि चित्र में दिया गया है। इन प्रतिबिम्ब बिन्दुओं पर प्रेशर देने से गुर्दे की शक्ति मजबूत हो जाती है जिससे पाचनक्रिया ठीक होने के साथ-साथ जोड़ों के रोग भी ठीक होने लगते हैं।
जोड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए नाभिचक्र तथा डायाफ्राम के प्रतिबिम्ब बिन्दुओं पर प्रेशर देना चाहिए। ये प्रतिबिम्ब बिन्दु पैरों तथा हाथों के ऊपर होते हैं (जैसा कि चित्र में दिया गया है)। इन प्रतिबिम्ब बिन्दुओं पर प्रेशर देने से जोड़ों के दर्द को ठीक होने में काफी मदद मिलती है। इन बिन्दुओं पर प्रेशर हाथ के अंगूठे से देना चाहिए।
सन्धिशोथ के बहुत से रोगों को ठीक करने के लिए टखने के चारों ओर तथा पैर की छोटी अंगुली की तरफ हाथ के अंगूठे या अंगुलियों से प्रेशर देना चाहिए। इन बिन्दुओं पर प्रेशर देने के अलावा मालिश करने से रोग और भी जल्दी ठीक हो जाते हैं।