Constipation | Diabetes | Yoga | Ayurvedic | Ayurveda

अक्सर हम शिकायत करते हैं कि इतना एक्टिव होने के बाद भी शारीरिक परेशानियां और बीमारियां क्यों हो जाती हैं। कभी आपने किसी को कहते सुना होगा ‘दिन भर काम करता हूं’ खूब चल भी लेता हूं फिर भी हेल्दी महसूस नहीं करता…’ या एक्टिव होने के बाद भी रक्तचाप, दिल से जुड़ी कई परेशानियां हो जाती हैं।

इसकी वजह है शरीर का सही दिखा में क्रियाशील न होना। जी हां, आप अगर सिर्फ काम में व्यस्तता को एक्टिव होना कहते हैं, तो इस लाइन को जरा सुधारिए… और खुद को एक्टिव करने के लिए कुछ योगा शुरू करें।

शुगर, कब्ज आजकल की तेजी से दौड़ती जीवनशैली की सबसे आम बीमारियों में से एक हैं, लेकिन अब इन बीमारियों से घबराने की जरूरत नहीं है।

योगासन पीठ के दर्द, तनाव में आराम देने, ऑक्सीजन का स्तर सुधारने के साथ बेहतरीन मानसिक स्वास्थ्य पाने में मदद करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि योगासन आपकी पाचन व्यवस्था को बेहतर करने में भी अहम भूमिका निभाता है। योगासन में ऐसी कई मुद्राएं हैं, जो पाचन-तंत्र को सुधारने में मदद करती हैं।

जो लोग ऐसी बीमारियों से जूझ रहे हैं उनके लिए मयूरासन सबसे अच्छा है। कहते हैं जो व्यक्ति नियमानुसार मयूरासन करते हैं उन्हें जीवन में कभी भी डायबीटिज नहीं होती।

इस आसन की मुद्रा में व्यक्ति का आकार मोर की तरह बन जाता है, इसलिए प्राचीन योगाचार्यों ने इसका नाम मयूरासन रखा है। इस आसन में शरीर को संतुलित करना बहुत जरूरी है, क्योंकि इस आसन में पूरे शरीर का भार दोनों हाथों पर संतुलित करना होता है।

आसन की विधि | मयूरासन | Mayurasana Yoga

इस आसन के अभ्यास के लिए स्वच्छ स्थान पर दरी या चटाई बिछाकर पहले घुटनो के बल बैठ जाएं और फिर आगे की ओर झुककर अपने दोनों हाथो को कोहनियों से मोड़कर नाभि पर लगाकर हथेलियों को जमीन से सटाकर रख लें।

अब अपने शरीर का संतुलन बनाते हुए घुटनों को धीरे-धीरे सीधा करने की कोशिश करें। इस तरह शरीर का संतुलन दोनो हथेलियों पर बनाते हुए पूरे शरीर को सीधा करें।

यह आसन कठिन है इसलिए शुरूआत में अपनी क्षमता के अनुसार ही अभ्यास करें। इसका अभ्यास प्रतिदिन करने से शरीर का संतुलन बनाने में सफलता मिलती है। या 

मयूरासन को करने के लिए सबसे पहले घुटनों के बल बैठें फिर आगे की ओर झुके। इसके बाद दोनों हाथों की कोहनियों को मोड़कर नाभी के करीब ले जाएं, फिर जमीन पर सटा लें।

इतना करने के बाद धीरे-धीरे अपना बैलेंस बनाते हुए घुटनों को सीधा करें। इस प्रकार आपका शरीर सीधी दिशा में रहता है और सिर्फ आपके हाथ जमीन से सटे हुए होते हैं। इस योगासन में बैलेंस का रोल सबसे अहम है इसलिए बैलेंस जरूर बना के रखें।

आवश्यक सावधानी 

इस आसन में संतुलन बनाना बहुत कठिन है परंतु धीरे-धीरे इसका अभ्यास करते रहने से इसमें सफलता मिलती है। इसके अभ्यास में पहले घुटनों को मोड़ कर भी संतुलन बना सकते हैं और फिर धीरे-धीरे पैरों को सीधा करके संतुलन बनाकर अभ्यास किया जा सकता है।

आसन से रोगों में लाभ | Benefits of Mayurasana Yoga

इसके अभ्यास से हाथ, पैर व कंधे की मांसपेशियां शक्तिशाली बनती हैं। इस आसन से अपच, कब्ज व वायु-विकार की शिकायतें दूर होती हैं।  पेट की मांसपेशियों की मालिश अच्छे तरह से हो जाती है।

यह जठराग्नि को प्रदीप्त करता है तथा शरीर में रक्त संचार को तेज करता है। पाचनशक्ति को ठीक करता है तथा भूख को बढ़ाता है।

यह आंखों के रोगों को दूर करता है तथा पाचनशक्ति को बढ़ाता है। यह मधुमेह, पेट के रोग, अफारा, पेट का दर्द, गैस आदि को दूर करता है। यह चेहरे के मुहांसे आदि त्वचा के रोगों को खत्म कर चेहरे को लाली प्रदान कर सुन्दर बनाता है।

यह आसन जहरीले तत्वों को शरीर से बाहर निकालता है और शरीर को स्फूर्ति एवं शक्ति देता है। इस आसन से जिगर, तिल्ली, आमाशय, गुर्दे आदि को शक्ति मिलती है। नीचे के अंगों में रक्त को ले जाने वाले धमनी जहां से दो भागों में विभक्त होती है इस आसन के द्वारा उस पर दबाव पड़ने पर वे बंधने लगती हैं।

जिनको ये प्रॉब्लम है वो लोग ना करें 

खासतौर पर ब्लडप्रेशर, टीबी, हृदय रोग, अल्सर या फिर हर्निया जैसी बीमारियों से जूझ रहे व्यक्ति इस आसन को योग चिकित्सक की सलाह के बिना ना करें।

इस आसान के फायदे 

शुगर के रोग को दूर भगाने में मयूरासन काफी कारगर है। इसे करने से शुगर की प्रॉब्लम कभी नहीं होती है।

कब्ज को हमेशा दूर करता है।

इस योगासन से चहरे की चमक बढ़ती है और ग्लो आता है।

बाजू मजबूत होते हैं।

पवनमुक्तासन योग | Pawanmuktasana Yoga

अगर आप निष्क्रिय पाचन से परेशान हैं या फिर आपके पेट में गैस फंस रही है तो, कब्ज और डाइबिटीज में पवनमुक्तासन योग बहुत असरदार है।

इस मुद्रा को आराम से करें और यह सुनिश्चित करें कि इसे अपनी सांसों से संयोजित करने के लिए कर रहे हैं।

अपने घुटनों को अपनी छाती के पास लाते हुए सांस छोड़ें और इन्हें दूर ले जाते हुए सांस अंदर लें। सोने से पहले इसका अभ्यास करें।

नौकासन योग | Nokasana Yoga

नौकासन मुद्रा में जाते हुए और बनाए रखते हुए अपनी शरीर को धीरे-धीरे मोड़ने से, यह मुद्रा आपके पेट के हिस्से में अंदरूनी अंगों की धीरे-धीरे मसाज करती है। इसमें आपकी किडनी और आंतें भी शामिल हैं।

इसे आरंभ करने के लिए अपनी पीठ के बल लेट जाएं और अपने हाथों को अपने सिर के नीचे रखें। अपने घुटनों को 90 डिग्री पर मोड़ें, जिसमें आपके पैर सतह के समानांतर हों। जब आप सांस छोड़ते हैं तो जितना ऊपर संभव हो अपने हाथ उठाएं और 10 से 30 सेकंड के लिए थामे रखें।

यह बोट पोज आपके अमाशय में रक्त संचार को बेहतर करता है, जो पाचन को नियमित करने और पाचन से संबधित दिक्कतों को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। आप डायरिया से पीड़ित हैं तो इस आसन को न करें।