Vastu dosh | Vastu shastra | Kitchen Vastu

हमारे जीवन में तीन आवश्यकताएँ महत्त्वपूर्ण होती है रोटी, कपड़ा और मकान। आवासीय मकान में सबसे मुख्य घर होता है रसोईघर। इसी दिशा में अग्नि अर्थात ऊर्जा का वास होता है। इसी ऊर्जा के सहारे हम सभी अपनी जीवन यात्रा मृत्युपर्यन्त तय करते है।

अतः इस स्थान का महत्त्व कितना है आप समझ सकते है। कहा जाता है कि व्यक्ति के स्वास्थ्य एवं धन-सम्पदा दोनो को रसोईघर प्रभावित करता है। अतः वास्तुशास्त्र के अनुसार ही रसोईघर बनाना चाहिए।

रसोई को बनवाते समय काफी बातों का ध्यान रखा जाता है जैसे रसोई का फर्श बनवाने जैसी बेहद छोटी चीज का भी ध्यान रखा जाता है।

अगर आपसे पूछा जाए कि घर में आपकी मां, पत्‍नी, बहन या भाभी का मनपसंद कोना कौन सा है, तो जवाब होगा रसोई. हर घर में रसोई एक अहम हिस्सा होती है. लेकिन फिर भी रसोई बनवाते समय कई बार कोताही बरत ली जाती है. कोताही से यहां मतलब है वास्तु की अनदेखी।

रसोई को बनवाते समय काफी बातों का ध्यान रखा जाता है जैसे रसोई का फर्श बनवाने जैसी बेहद छोटी चीज का भी ध्यान रखा जाता है।

कई बार ऐसा देखा गया है कि घर में रसोईघर गृहिणी के अनुरूप बना हुआ है फिर भी रसोईघर में खाना बनाकर ही खुश नही होती है या खाना बनाने के बाद उसमे कोई बरकत नहीं होता है बल्कि घट जाता है । उसका मुख्य कारण है रसोईघर का वास्तु सम्मत नहीं होना अर्थात वास्तुदोष का होना।

प्रस्तुत लेख में रसोईघर के वास्तु को सविस्तार बताने का प्रयास किया गया है । आशा है कि आप अपने रसोई के वास्तुदोष को जानकार, बताए गए वास्तुसम्मत सुझाव को अपनाकर अपने घर के सदस्यों के साथ सुख शान्ति और समृद्ध जीवन व्यतीत करेंगे।

वास्तु के अनुसार रसोई अहम और खास

वास्तु के अनुसार रसोई का निर्माण करते समय कई बातें बेहद अहम और खास हो जाती हैं और उन पर अमल किया जाना भी जरूरी होता है. इसमें सबसे पहले रसोई और चूल्हे के लिए सही स्थान का चुनाव किया जाता है. उसके बाद दरवाजों और खिड़कियों के लिए सही दिशा और जगह का भी ख्याल रखना जरूरी है. इसके साथ ही साथ रसोई के चूल्हे, गैस सिलेण्डर, सिंक, फ्रिज और दूसरे इलैक्ट्रानिक गेजेट्स का भी सही जगह पर होना बेहद जरूरी है।

वास्तु अनुसार आपके घर के लिए टिप्स

डालते हैंवास्तु शास्त्र की नजर से देखा जाए तो रसोई के लिए सबसे उचित स्थान दक्षिण पूर्व ‘आग्नेय कोण’ कार्नर होता है, अगर किसी वजह से वहां पर रसोई का निर्माण संभव नहीं, तो वैकल्पिक दिशा के तौर पर उत्तर पश्चिम का भी चुनाव किया जा सकता है।

वास्तु के नियमों के अनुसार रसोई के लिए कुछ जगह बिल्कुल भी ठीक नहीं समझी जातीं, जैसे उत्तर पूर्व दक्षिण पश्चिम दिशा का चुनाव नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही उत्तर में तो रसोई का निर्माण बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए. इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि मिड वेस्ट और साउथर्दन साउथ वेस्ट में रसोई का निर्माण न करें. अगर दक्षिणी दिशा में रसोई का निर्माण करवाया गया है तो चूल्हा पूर्वी दिशा में ही रखना चाहिए।

ध्‍यान रहे कि कुकिंग प्लेटफार्म पश्चिमी या उत्तरी दिशा की दीवारों के साथ न हो।

पीने का पानी उत्तर पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए।

सिंक नार्थ वेस्ट दिशा में रखना बेहतर रहता है।

रसोई में काले रंग के ग्रेनाइट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. उनके स्थान पर हरा महरून या फिर सफेद रंग के पत्थरों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

खाना बनाते समय पूर्व दिशा की मुंह करना सबसे बेहतर रहता है. इस दिशा को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

किचन में अगर फ्रिज रखा गया हो तो उसे नार्थ-वेस्ट, उत्तर-पश्चिम में रखा जा सकता है।

कोशिश यह करनी चाहिए कि सिंक और चूल्हा एक ही प्लेटफार्म पर न हो।

ध्यान रखें कि खिड़की के नीचे चूल्हा न हो।

चूल्हे के ऊपर किसी तरह का शेल्फ भी उचित नहीं समझा जाता.
किचन की दीवारों पर नीले या आसमानी रंग के प्रयोग से बचना चाहिए।

एक ओर बात प्रयास करें कि दरवाजा ठीक आपकी पीठ के पीछे न हो इससे बार बार मुडने से आपको परेशानी हो सकती है।

रसोईघर की दिशा | Direction of Kitchen

वास्तुशास्त्र के अनुसार रसोईघर | Kitchen आग्नेय अर्थात दक्षिण-पूर्व दिशा (South-East ) में ही होना चाहिए। इस दिशा का स्वामी अग्नि है तथा इस दिशा का स्वामी ग्रह शुक्र होता है। आग्नेय कोण में अग्नि का वास होने से रसोईघर तथा सभी अग्नि कार्य के लिए यह दिशा निर्धारित किया गया है। यदि आपका किचन इस स्थान पर तो सकारत्मक ऊर्जा Positive Energy का प्रवाह घर के सभी सदस्यों को मिलता है।

आग्नेय कोण/ दिशा का विकल्प | Option of South East Direction

वैसे तो इस दिशा का स्थान कोई अन्य दिशा नहीं ले सकता फिर भी यदि आप किसी कारण से आग्नेय कोण / दिशा में रसोई नही बना सकते तो विकल्प के रूप में आप वायव्य दिशा का चुनाव कर सकते है।

ईशान कोण /दिशा मे रसोईघर | Kitchen in North-East Direction

घर के ईशान कोण मे रसोईघर का होना शुभ नहीं है। रसोईघर की यह स्थिति घर के सदस्यों के लिए भी शुभ नहीं है। इस स्थान में रसोईघर होने से निम्नप्रकार कि समस्या आ सकती है यथा —

खाना बनाने में गृहिणी की रूचि नहीं होना, परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य खराब रहना, धन की हानि, वंश वृद्धि रूक जाना, कम लड़के का होना तथा मानसिक तनाव इत्यादि का सामना करना पड़ता है।

इस दिशा में रसोईघर बनाने से अपव्यय (बेवजह खर्च होना) एवं दुर्घटना होता है अतः भूलकर भी इस दिशा में रसोईघर नहीं बनवाना चाहिए।

उत्तर दिशा मे रसोईघर | Kitchen in North Direction

उत्तर दिशा रसोई घर के लिए अशुभ है। इस स्थान का रसोईघर आर्थिक नुकसान देता है इसका मुख्य कारण है कि उत्तर दिशा धन का स्वामी कुबेर का स्थान है यहाँ रसोईघर होने से अग्नि धन को जलाने में समर्थ होती है इस कारण यहाँ रसोई घर नहीं बनवानी चाहिए। हां यदि गरीबी जीवन या सब कुछ होने हुए भी कुछ नहीं है का रोना रोना है तो आप रसोईघर बना सकते है।

वायव्य कोण मे रसोईघर| उत्तर-पश्चिम दिशा | Kitchen in North-West Direction

विकल्प के रूप में वायव्य कोण में रसोईघर का चयन किया जा सकता है। परन्तु अग्नि भय का डर बना रह सकता है। अतः सतर्क रहने की जरूरत है।

पश्चिम दिशा मे रसोईघर | Kitchen in West Direction

पश्चिम दिशा में रसोईघर | Kitchen होने से आए दिन अकारण घर में क्लेश | Quarrel होती रहती है कई बार तो यह क्लेश तलाक | Divorce का कारण भी बन जाता है। संतान पक्ष से भी परेशानी आती है।

नैर्ऋत्य कोण मे रसोईघर | दक्षिण-पश्चिम दिशा | Kitchen in South-West Direction

इस दिशा में रसोईघर बहुत ही अशुभ फल देता है। नैऋत्य कोण में रसोईघर बनवाने से आर्थिक हानि तथा घर में छोटी-छोटी समस्या बढ़ जाती है। यही नहीं घर के कोई एक सदस्य या गृहिणी शारीरिक और मानसिक रोग | Mental disease के शिकार भी हो सकते है। दिवा स्वप्न बढ़ जाता है और इसके कारण गृह क्लेश और दुर्घटना की सम्भावना भी बढ़ जाती है।

दक्षिण दिशा मे रसोईघर | Kitchen in South Direction

दक्षिण दिशा में रसोई घर बनाने से आर्थिक नुकसान हो सकता है। मन में हमेशा बेचैनी बानी रहेगी। कोई भी काम देर से होगा। मानसिक रूप से हमेशा परेशान रह सकते है।

आग्नेय कोण मे रसोईघर | दक्षिण-पूर्व दिशा | Kitchen in South-East Direction

दक्षिण- पूर्व । आग्नेय कोण में रसोई घर बनाना सबसे अच्छा मान गया है। इस स्थान में रसोई होने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। घर के सदस्य स्वस्थ्य जीवन व्यतीत करते है।

पूर्व दिशा मे रसोईघर | Kitchen in  East Direction

पूर्व दिशा में किचन होना अच्छा नहीं है फिर भी विकल्प के रूप में इस दिशा में रसोई घर बनाया जा सकता है। इस दिशा में रसोई होने से पारिवारिक सदस्यों के मध्य स्वभाव में रूखापन आ जाता है। वही एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी बढ़ जाता है। वंश वृद्धि में भी समस्या आती है।