Cardamom & Honey | Heart | Hypertension | Stomach | Skin | Eczema

आजकल मनुष्य अपने कामों की वजह से काफी व्यस्त रहता है और इसी कारण वह अपने शरीर का खास ध्यान नहीं रख पाता. जिसकी वजह से शारीरिक कमजोरी आम बात हो गयी है। लोग शरीर की कमजोरी दूर करने के लिए कई रासायनिक दवाइयाँ का इस्तेमाल करते हैं लेकिन उन्हें अच्छा परिणाम नहीं मिल पाता। शरीर की कमजोरी दूर करने के लिए इलायची मददगार साबित होगा। आइये एक एक करके दोनों से मिलने वाले फायदे के बारे में जानते हैं। पहले बात करते हैं इलाइची और फिर शहद के बारे में।

इलायची पकवानों की स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। शहद और इलायची भारत में काफी लोकप्रिय खाने की चीजें हैं। दोनों स्वाद के साथ-साथ हमें सेहत भी देते हैं। जहां शहद त्वचा, चोट लगने और एक्जीमा होने पर फायदा पहुंचाती है, वहीं इलायची के सेवन से पाचन में सुधार और मुंह की दुर्गंध से छुटकारा मिलता है।आइए जानते हैं इसे खाने का तरीका, जिससे आपको कमजोरी से जल्द राहत मिले।

शहद और इलायची गुणों की खान है। इन दोनों का इस्तेमाल भारतीय परिवारों में काफी किया जाता है। लेकिन दोनों से होने वाले फायदों के बारे में लोग ज्यादा कुछ नहीं जानते। शहद और इलायची दोनों जायका बढ़ाने के साथ-साथ आपकी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होते हैं।  चिकित्सीय गुणों और प्राकृतिक अच्छाई से भरपूर शहद का उपयोग बहुत पहले से ही त्वचा और हर प्रकार की शारीरिक देखभाल के लिए किया जाता है।

शहद में जो मीठापन होता है वो मुख्यतः ग्लूकोज़ और एकलशर्करा फ्रक्टोज के कारण होता है। शहद में ग्लूकोज व अन्य शर्कराएं तथा विटामिन, खनिज और अमीनो अम्ल भी होता है जिससे कई पौष्टिक तत्व मिलते हैं जो घाव को ठीक करने और ऊतकों के बढ़ने के उपचार में मदद करते हैं। आइये जानते हैं शहद के चार मुख्य लाभ।

इलायची और शहद के फायदे | Cardamom and Honey Benefits

थकान व मानसिक तनाव : इलायची खाने से शरीर की थकान व मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है, इसके अलावा पाचन तंत्र मजबूत बनते हैं. पाचन तंत्र कमजोर होने की वजह से शरीर में कमजोरी पैदा होती है, इसलिए जरुरी है कि पाचन को मजबूत बनाया जाए। इसके लिए इलायची और शहद का सेवन फायदेमंद होता है. इसका इस्तेमाल करने के लिए 3 नग इलायची को पीसकर 1 चम्मच शहद में मिला दें और इस मिश्रण का सेवन रात को सोने से पहले करें।

सहनशक्ति को बढ़ाती है : शहद में ग्लूकोज और फ्रुक्टोज मौजूद होता है। ग्लूकोज़ और फ्रुकटोज के रूप में कार्बोहाइड्रेट से शरीर को ऊर्जा मिलती है जो सहनशक्ति को बढ़ाती है और थकान को कम करती है। इसलिए जब भी थकान महसूस हो एक चम्मच शहद खा लें, तुरंत ऊर्जा महसूस होने लगेगी।

त्वचा की झुर्रियों मिटाए : शहद ह्यूमेक्टेंट यौगिक से भरपूर होता है। यह त्वचा में नमी को बनाए रखता है जिससे उसकी कोमलता बनी रहती है। यह मृत कोशिकाओं को दूर करता है और झुर्रियों को आने से रोकता है। इसमें मौजूद प्राकृतिक एंटीआक्सीडेंट पराबैंगनी किरणों से होने वाले नुकसान से त्वचा को बचाते हैं। साथ ही, शहद त्वचा की ऊपरी परत में गहरे तक जाकर छिद्रों को बंद करता है और अशुद्धियों को आने से रोकता है। इसलिए, यह संक्रमण से लड़ने और मुहाँसों की समस्या को रोकने में मदद करता है।

ख़ून की कमी : तांबा, आयरन और रिबोफ्लेविन, विटामिन सी तथा नियासिन जैसे आवश्यक विटामिन इलायची के अन्य प्रमुख घटक हैं। लाल रक्त कोशिकाओं और सेलुलर उपापचय के उत्पादन में अत्यधिक महत्व के लिए प्रचलित तांबा, आयरन, रिबोफ्लेविन, विटामिन सी तथा नियासिन के साथ एनीमिया से लड़ने में मदद करता है और इस स्थिति में होने वाले लक्षणों से राहत दिलाता है।

एसिडिटी मिटाए : इलायची में उपस्थित आवश्यक तेल इसे एसिडिटी का प्रमुख उपचार बनाकर आपके पेट की श्लैष्मिक लाइनिंग को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। आपकी लार में वृद्धि करना आपकी मदद करने का एक अन्य तरीका है। इलायची चबाने पर इसमें से आवश्यक तेल निकलते हैं जो आपकी लार ग्रंथियों को उत्तेजित करते हैं जिससे आपका पेट ठीक प्रकार से कार्य करती है जिसके परिणामस्वरूप आपकी भूख में सुधार होता है और एसिडिटी में कमी होती हैं। इलायची के आवश्यक तेल एक ठंडा स्वाद और अनुभूति प्रदान करते हैं जो आपको एसिडिटी से होने वाली जलन को दूर करते हैं।

हृदय की जलन, पाचन बढ़ाएं और पेट की सूजन कम करे : इलायची की प्रकृति वातहर है और यह पाचन को बढ़ाने, पेट की सूजन को कम करने, हृदय की जलन को दूर करने और मतली को रोकने में मदद करती है। माना जाता है कि यह श्लेष्मा झिल्ली को शांत करती है ताकि वह ठीक से कार्य कर सकें और जिससे अंततः एसिडिटी और पेट की खराबी के लक्षणों से राहत मिलती है। इसके अलावा, आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार यह पेट में जल और वायु के गुणों को कम करती है जिससे वह भोजन को कुशलता से पचाने में सक्षम होता है।

मुंह से दुर्गंध : यदि आपके मुंह से दुर्गंध आती है और आप उपचार की हर कोशिश कर चुके हैं तो एकबार इलायची आज़माइए। इस मसाले में एंटीबैक्टीरियल गुण, तेज स्वाद और एक भीनी सी महक हैं। इसके अलावा, यह आपके पाचन तंत्र को सुधारती है- जो कि दुर्गंध के प्रमुख कारणों में एक है- यह समस्या के मूल कारण को दूर करने में बहुत प्रभावशाली है। सुझाव: हरबार भोजन के बाद एक इलायची चबाएं। अपने पाचन तंत्र को मजबूत बनाने और डिटोक्सिफाई करने के लिए वैकल्पिक रूप से हररोज़ सुबह इलायची की चाय पी सकते हैं।

एक्जीमा : एक्जीमा त्वचा संबंधी समस्या है। शहद क्षतिग्रस्त त्वचा का उपचार करने और नई त्वचा कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक्ज़ीमा, त्वचा की सूजन और अन्य त्वचा विकारों का भी प्रभावशाली तरीके से उपचार करता है।

घाव, कटे, जले हुए स्थानों और खरोंच : बैक्टीरिया की वजह से कोई भी घाव अधिक समय तक बना रह सकता है। घाव को ठीक करने के लिए उसके बैक्टीरिया को दूर करना होता है। शहद के एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुण बैक्टीरिया की वृद्धि को रोक देते हैं। इसलिए घाव, कटे, जले हुए स्थानों और खरोंच पर शहद लगाने से काफी फायदा मिल सकता है। साथ ही, शहद मवाद को दूर करने, दर्द को कम करने और तेजी से उपचार के लिए भी उपयोग होता है।

मुंह की समस्याओं से बचाता है : यह दांत और गम संक्रमण के इलाज में मदद कर सकता है। इलायची का सबसे आम लाभ यह है कि यह मुंह को ताज़ा रखने में मदद करता है। गायक के लिए इलाइची किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि यह आवाज सुधारने में सहायता करता है।

टॉनिक : यह भूख को बढ़ाता है, यह इलायची मुंह के अल्सर से भी राहत दिला सकता है। यह तंत्रिका तंत्र के कामकाज को प्रोत्साहित करता है और कमजोरी से भी राहत दिला सकता है।

मानसिक तनाव : इलायची के काढ़े का प्रयोग करने से डिप्रेशन से उबरा जा सकता है। इलायची के दानों का पाउडर बनाकर इसे पानी में उबालें और इस काढ़े में थोड़ा सा शहद मिलाकर पीयें। इससे लाभ मिलता है।

खांसी में लाभ : छोटी इलायची के दानों को तवे पर भूनकर चूर्ण बना लेते हैं। इस चूर्ण में देशी घी अथवा शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से खांसी में लाभ मिलता है।

हिचकी : 1 इलायची को पीसकर पानी में डालकर उबालें। जब आधा पानी बचा रह जाए तो गर्म-गर्म ही यह काढ़ा रोगी को पिलाने से हिचकी आना बंद हो जाती है।

बवासीर (अर्श) : छोटी इलायची को पीसकर उसमें आधा कप पानी मिलाकर 4 सप्ताह तक पीने से बवासीर में निकल रहे मस्से सूख जाते हैं।

विषैले तत्वों को दूर करती है इलायची : शरीर से विषैले तत्वों का निष्काषन करने में इलायची मदद करती है। यह फ्री रेडिकल्स का भी मुकाबला करती है। इलायची मैंगनीज नामक खनिज का भी एक बड़ा स्रोत है। मैंगनीज से ऐसे एंजाइम्स उत्पन्न होते हैं जो फ्री रेडिकल्स को खत्म करके खा जाते हैं। इसमे विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकाल फेंकने की ताकत होती है जिससे शरीर कैंसर जैसे महारोगों से भी मुकाबला करने के लिए सक्षम हो जाता है।

दिल की धड़कने की गति सुधरती है : इलायची में पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नेशियम जैसे खनिज पदार्थ मौजूद हैं। साथ ही यह आवश्यक नमक की भी खान समझी जाती है। किसी भी इंसान के रक्त, शरीर में मौजूद तरल और ऊतकों का प्रमुख तत्व है पोटेशियम। इलायची के जरिए इसकी खूब आपूर्ति होती है। इसी से इंसान का रक्तचाप नियंत्रण में रहता है।

हाइपरटेंशन : हाइपरटेंशन के मरीज़ इस समस्या को अपनी जीवन शैली और खानपान में थोड़ा परिवर्तन करके कंट्रोल में कर सकते हैं। जाहिर है डॉक्टर भी इससे पीड़ित लोगों को दवा के अलावा अधिक सक्रिय जीवन जीने, एक्सरसाइज़ करने और अच्छा खाने-पीने की सलाह देते हैं। दरअसल ये एक ऐसी समस्या है, जो अन्य हृदय रोगों को निमंत्रण दे सकती है और आपको हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है।

शारिरिक कमजोरी : इलायची का मिठाई में स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। ध्यान रहे कि हाइपरटेंशन के मरीजों को मीठे और उच्च कोलेस्ट्रॉल खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए। इसलिए इसे अपने आहार में शामिल करने के सबसे आसान तरीका ये है कि आप नियमित रूप से इसका एक चुटकी पाउडर अपनी चाय में मिलाकर पिएं। इसके अलावा एक अन्य उपाय ये भी है कि आप खाने के बाद एक इलायची का दाना चबा सकते हैं। इससे शारिरिक कमजोरी दूर होती है जिससे आपका शरीर अलग ही ऊर्जा का अनुभव करेगा।