Urine Infection | UTI | Urinary Tract Infection | Bladder Infection | Women’s Care
यूरिन इंफैक्शन (UTI) यानी पेशाब करते समय जलन या दर्द होना। यह समस्या स्त्री या पुरूष दोनों को कभी भी हो सकती है। कई बार तो यह समस्या कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है लेकिन बहुत सी बार डॉक्टरों के पास जाने तक की नौबत आ जाती है।
हम लोग अक्सर यूरिन इन्फेक्शन को अनदेखा कर देते है जो बाद में कई समस्याओं का कारण बनता है। ऐसे आपको चाहिए कि जब भी यूरिन करते समय जलन या दर्द हो तो तुरंत इलाज शुरू कर दें, ताकि बाद में किसी प्रकार की कोई बड़ी बीमारी होने का खतरा टल जाए।
यूरिन इन्फेक्शन या यूटीआई शरीर में सूक्ष्मजीवों के होने वाला एक प्रकार का संक्रमण है। यूटीआई का मुख्य कारण ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जिन्हे सूक्ष्मदर्शी के बिना नहीं देखा जा सकता। लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में वायरस के कारण होते हैं।
UTI | यूटीआई आज की जनरेशन में होने वाले सबसे आम संक्रमणों में से एक है। यूरिन इन्फेक्शन हानिकारक जीवाणुओं (बैक्टीरिया) के मूत्रपथ में होने के कारण होता है। आज हम आपको All Ayurvedic के माध्यम से यूरिन इन्फेक्शन के कारण, लक्षण और इसके इलाज के लिए कुछ घरेलू नुस्खे बताएंगे, जिन्हें आप घर पर ही ट्राई करके देख सकते है।
यूरिन इंफेक्शन होना क्या है? | UTI | Urinary Tract Infection
मूत्र का संक्रमण बैक्टेरिया जनित संक्रमण होता है। यह संक्रमण मूत्र-पथ (पेशाब करने के रास्ते) के एक हिस्से को संक्रमित करता है। जब यह निचले हिस्से को प्रभावित करता है, तब इसे सामान्य मूत्र संक्रमण या मूत्राशय में होने वाली सूजन कहा जाता है। जब यह ऊपरी मूत्र-पथ को प्रभावित करता है, तो इसे गुर्दे का संक्रमण कहा जाता है।
गर्भवती महिलाओं में भी मूत्र संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। इसके लिए प्रसव से पहले ही उनके मूत्र की जाँच कराई जाती है। बैक्टीरिया मूत्र-पथ को दो प्रकार से संक्रमित करते हैं। रक्त से गुर्दों में जाकर मूत्र-पथ को संक्रमित करते हैं, या फिर मूत्र-मार्ग के द्वारा घुसकर मूत्र-पथ को संक्रमित करते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, गंदे शौचालयों और शौचालयों की कमी के कारण भारत में लगभग 50 फीसदी महिलाएँ यू.टी.आई. से पीड़ित होती हैं।
यूरिन इंफेक्शन ले लक्षण | UTI Symptoms
बुखार लगभग 101 डिग्री से कम रहना और ठण्ड लगना, अस्वस्थ महसूस करना, छोटे बच्चों में बुखार के साथ उल्टी आना, भूख ना लगना, कमर दर्द, मितली आना, मूत्र त्याग करते समय जलन एवं दर्द, बार-बार मूत्र त्यागना, मूत्र में रक्त का आना, मूत्र में मवाद आना।
एक बार में मूत्र का पूरी तरह से ना आना, बार-बार तेज पेशाब आने जैसा महसूस होना, लेकिन परेशानी के साथ थोड़ी-सा पेशाब आना, नाभि से नीचे पेट में दर्द एवं भारीपन होना, गंदला एवं गहरे रंग का बदबूदार पेशाब आना, बुजुर्गो में हाइपोथर्मिया, भूख ना लगना और सुस्ती आदि।
यूरिन इंफेक्शन के कारण | UTI Causes
महिलाओं में होने वाले संक्रमण का सबसे बड़ा कारण वैस्टर्न स्टाइल के टॉयलेट हैं। इसके साथ ही अस्वच्छ शौचालयों का इस्तेमाल करने से भी यह रोग होता है।
बहुत देर तक पेशाब रोककर रखने की आदत के कारण यह संक्रमण अधिकतर E.Coli बैक्टेरिया के कारण होता है। यह बैक्टेरिया सामन्य रूप से पाचनतंत्र में मौजूद होता है।
Chlamydia और Mycoplasma बैक्टेरिया से भी मूत्रमार्ग का संक्रमण होता है। पथरी के कारण मूत्र का प्रवाह रुकने पर मूत्र मार्ग में संक्रमण होता है, गर्भावस्था के दौरान, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली कई लोगों के साथ एवं असुरक्षित यौन संबंध बनाने के कारण।
स्वच्छता की कमी, गर्भनिरोधक का उपयोग, डायबिटीज एंटीबायोटिक दवाओं का अधिक प्रयोग।
यूरिन इंफेक्शन का घरेलू उपाय | UTI’s Remedies
अधिकतर महिलाओं में पेशाब के संक्रमण की समस्या पाई जाती है। जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानी होती है। यदि भृंगराजके पत्तों में थोडा सा पानी डालकर पीस लिया जाये तथा उसे छानकर वह रस दिन में दो बार नियमित रूप से लिया जाए, तो पेशाब के संक्रमण को दूर होने में लाभ होता है।
5-7 इलायची के दानों को पीस लें। इसमें आधा चम्मच सोंठ पाउडर मिलाएँ। इसमें अनार का रस और सेंधा नमक मिलाएँ। इसे गुनगुने पानी में मिलाकर पिएँ।
आधा गिलास चावल के पानी में चीनी मिलाकर पिएँ। इससे मूत्र त्यागने के समय होने वाली जलन से राहत मिलती है।
बादाम की 5-7 गिरी, छोटी इलायची और मिश्री को पीस लें। इसे पानी में डालकर पिएँ। इससे दर्द एवं जलन में राहत मिलती है।
एक चम्मच आँवले के चूर्ण में दो से तीन इलायची के दानें पीसकर मिलाएँ। इसे पानी के साथ सेवन करें। यह लाभ पहुंचाता है।
रात में एक मुट्ठी गेहूँ को पानी में मिलाएँ, और सुबह पानी को छानकर मिश्री मिलाकर खाएँ। यह लाभ पहुंचाता है।
अदरक और काले तिल को मिलाकर बारीक पीस लें। इसमें एक चौथाई हल्दी पाउडर और थोड़ा पानी मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। इसे दिन में 2-3 बार चाट लें।
दो चम्मच सेब का सिरका और एक चम्मच शहद को एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर पिएँ। यह पेशाब के रास्ते में संक्रमण होने पर लाभ पहुंचाता है।
आधा चम्मच बेकिंग सोड़ा को एक ग्लास पानी में मिलाकर पिएं। इस प्रयोग को दिन में दो बार करें। खट्टे फल तथा खट्टे फलों का जूस ज्यादा से ज्यादा लें।
यूरिन इंफेक्शन में आवश्यक परहेज | UTI
संक्रमण के समय चीनी से बनी चीजें एवं मीठी चीजों का सेवन बिल्कुल ना करें। मीठे से बने पदार्थ मूत्र के रास्ते के बैक्टेरिया की वृद्धि को बढ़ावा देते हैं।
क्रेनबैरी जूस का सेवन करें, लेकिन इसमें चीनी ना मिलाएँ। मूत्र संक्रमण के दौरान केक, कुकीज, कार्बोनेटेड, ड्रिंक और चीनी से बने पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
कॉफी का सेवन ना करें। इससे जलन की समस्या अधिक हो सकती है। शराब और कैफीन के सेवन से जितना हो सके दूर रहें।