यूरिनरी ट्रैक्ट इंफैक्शन (UTI) अर्थात यूरिन इंफैक्शन में यूरिन करने के दौरान दर्द, बार-बार पेशाब लगना, जलन, बुखार, मतली और लोअर बैक में दर्द शामिल होता है। यह ऐसी समस्या है, जो परेशान कर रख देती है।

अगर इसको लेकर लापरवाही बरती जाएं तो यह गंभीर परेशानी का रूप लें सकता है। वैसे तो इसका इलाज एंटीबॉयोअिक दवाएं हो जाता है लेकिन आप इसका घर पर ही घरेलू इलाज कर सकते है और यूरिन इंफैक्शन के दर्द से छुटकारा पा सकते है।

इस समस्या के दौरान खूब पानी, जूस जैसे लिक्विड चीजों का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों का सेवन करने के बारे में बताएंगे, जिनकी मदद से आप यूरिन इंफैक्शन से बच सकते है।

यूरिन इंफेक्शन का सबसे सस्ता और आसान उपाय | UTI

अनार के फायदे तो आप जानते ही होंगे लेकिन क्या आपको पता है इसका छिलका भी बहुत फायदेमंद हैं। तो अनार खाने के बाद उसका छिलका फेंके नहीं, इस तरह इसका इस्तेमाल करने से पेशाब से जुड़े सभी रोगों के गुणकारी है।

खासकर पेशाब की जलन, यूरिन इंफेक्शन, बार- बार पेशाब आना आदि। आइये जानते है All Ayurvedic के माध्यम से इसके इस्तेमाल करने के तरीके के बारे में…

अनार के छिलके और शहद : अनार के छिलकों का पेस्ट बना लें। फिर इस पेस्ट का चुटकी भर शहद के साथ सेवन करें। इसमें मौजूद एंटीआक्सीडेंट्स यूरिनरी ट्रैक्ट इंफैक्शन (UTI) को रोकने का काम करता है।

अनार के छिलके : सूखे अनार के छिलकों का चूर्ण दिन में 3-4 बार एक – एक चम्मच ताजा पानी के साथ लेने से बार बार पेशाब आने की समस्या ठीक हो जाती है। यह पेशाब में जलन और यूरिन इंफेक्शन में बहुत गुणकारी है।

अनार के छिलकों के 15 अन्य बेहतरीन फायदे :

बवासीर (अर्श) : 10 ग्राम अनार के छिलके का चूर्ण बनाकर इसमें 100 ग्राम दही मिलाकर खाने से बवासीर ठीक हो जाती है। या अनार के छिलकों का चूर्ण 8 ग्राम, ताजे पानी के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम प्रयोग करें। या अनार के छिलकों का चूर्ण नागकेशर के साथ मिलाकर सेवन करने से बवासीर में खून का बहना बंद होता है। अनार का रस पीने से भी बवासीर में लाभ होता है।

अतिसार : 3-6 ग्राम अनार के जड़ की छाल या अनार के छिलके का चूर्ण शहद के साथ दिन में 3 बार देना चाहिए। इससे अतिसार नष्ट हो जाता है। या अनार फल के छिलके के 2-3 ग्राम चूर्ण का सुबह-शाम ताजे पानी के साथ प्रयोग करने से अतिसार तथा अतिसार में लाभ होता है।

या अनार का छिलका 20 ग्राम को 1 लीटर पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर रख लें, फिर इसी बने काढ़े को छानकर पीने से अतिसार (दस्त) में खून का आना बंद हो जाता है। या अनार के छिलके 50 ग्राम को लगभग 1.2 मिलीलीटर दूध की मात्रा में डालकर धीमी आग पर रख दें, जब दूध 800 मिलीलीटर बच जाये इसे एक दिन में 3 से 4 बार खुराक के रूप में पीने से अतिसार यानी दस्त समाप्त हो जाते हैं।

नकसीर : अनार के छिलके को छुहारे के पानी के साथ पीसकर लेप करने से सूजन में तथा इसके सूखे महीन चूर्ण को नाक में टपकाने से नकसीर में लाभ होता है।

खांसी : अनार की सूखी छाल पांच ग्राम बारीक पीसकर कपड़े से छानकर उसमें 0.10 ग्राम कपूर भी मिला लें। यह चूर्ण दिन में 2 बार पानी में मिलाकर पीने से भयंकर बिगड़ी हुई हठीली खांसी भी दूर हो जाती है।

अत्यधिक मासिक स्राव : अनार के सूखे छिलके पीसकर छान लें। इस चूर्ण को 1 चम्मच भर की मात्रा में दिन में 2 बार सेवन करने से रक्तस्राव बंद हो जाता है। शरीर के किसी भी भाग से खून निकल रहा हो, उसे रोकने में भी इस विधि का उपयोग किया जा सकता है।

या अनार के थोड़े से छिलकों को सुखा लेते हैं। फिर उसका चूर्ण बनाकर शीशी में भरकर रखें, फिर इसमें से एक चम्मच चूर्ण खाकर ऊपर से पानी पीने से बार-बार खून आने की शिकायत दूर हो जाती है।

श्वास की बदबू : अनार के छिलकों को पानी में उबाल कर उससे कुल्ला करने से श्वास की बदबू समाप्त हो जाती है।

खांसी : खांसी में अनार के छिलके को मुँह में रखकर धीरे धीरे 3-4 बार चूसते रहने से लाभ मिलता है।

चेहरा चमकाए, त्वचा की झुर्रियाँ और लटकती त्वचा में कसाव : अनार के छिलकों के एक चम्मच चूर्ण को कच्चे दूध और गुलाब जल में मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरा दमक उठता है। त्वचा की झुर्रियाँ समाप्त होती है और लटकती त्वचा में कसाव आता है। आधा चम्मच अनार के छिलकों के बारीक चूर्ण को शहद के साथ चाटने से लाभ होता है।

मुंहासे दूर करे : अनार के छिलकों में भी एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो त्वचा को मुंहासों व संक्रमण से दूर रखने में मदद करते हैं। इसके छिलके को सुखाकर तवे पर भून लें। ठंडा होने पर मिक्सर में पीसें और पैक की तरह चेहरे पर लगाएं। मुंहासे दूर होंगे।

त्वचा पर झुर्रियां : अनार के छिलके त्वचा में कोलाजन के नुकसान से बचाते हैं जिससे त्वचा पर झुर्रियां जल्दी नहीं पड़ती हैं। छिलके को सुखाकर पाउडर बनाएं और दूध व गुलाब जल में मिलाकर लगाएं।

त्वचा को नम बनाएँ : त्वचा के पीएच बैलेंस को बनाए रखने व नमीं पहुंचाने के लिहाज से यह फायदेमंद है। अनार के छिलकों का पाउडर बनाकर दही में मिलाएं और 10 मिनट तक पैक की तरह चेहरे पर लगाएं और साधारण पानी से साफ करें।

बाल झड़ने और रूसी का सफ़ाया : अनार के छिलकों का पाउडर तेल में मिलाकर सिर पर लगाने से बाल झड़ने और रूसी जैसी समस्याओं से निजात देता है। शैंपू से दो घंटे पहले इससे सिर की मसाज करें।

टॉन्सिल के दर्द व गले में खराश : गला खराब होने पर भी इससे आराम मिलता है। छिलकों के पाउडर को पानी में उबाल लें और इससे गरारे करें। टॉन्सिल के दर्द व गले में खराश में आराम होगा।

दिल के रोगों में : अनार के छिलकों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स कोलेस्ट्रॉल व तनाव कम करते हैं जिससे दिल के रोगों का रिस्क कम होता है। छिलके के एक चम्मच पाउडर को एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से दिल के मरीजों को आराम मिलता है।

मुंह और दांतों से संबंधित समस्याएं : मुंह के छाले, सांसों की दुर्गंध और जिंजिवाइटिस जैसे रोगों के उपचार में इसका सेवन फायदेमंद है। छिलकों को सुखाकर पाउडर बनाएं और एक गिलास पानी में एक चम्मच पाउडर मिलाकर दिन में कम से कम दो बार गरारे करें। इससे मुंह और दांतों से संबंधित समस्याएं दूर रहेंगी।