नमस्कार मित्रों All Ayurvedic में आपका फिर से एक बार स्वागत है, आज हम आपको पेशाब (Urine) से संबंधित बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आये है जिसमें यूरिन में बदबु आना, यूरिन अलग-अलग रंगों में क्यो बदलता है? और यूरिन क्यो नही रोकना चाहिए इनके बारे में बताएंगे। आप इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े ताकि आप इससे सचेत हो जाए जिससे आपको भविष्य में कभी यूरिन से संबंधित रोगों से झूझना ना पड़े।
यूरिन या मूत्र त्यागना जीवों की स्वाभाविक क्रिया है। जिसके द्वारा शरीर के विषैले पदार्थों को बाहर निकाला जाता है। एक स्वस्थ मनुष्य के पेशाब का रंग हल्का पीला होता है तथा उसमे से हल्की बदबू आती है। लेकिन कभी-कभी बहुत कम पानी पीने से या देर से पेशाब करने पर पेशाब का रंग गाढ़ा पीला हो जाता है। इसमे घबराने जैसी कोई बात नही है।
शरीर के विषाक्त पदार्थ पसीने और पेशाब के जरिये शरीर से बाहर जाते हैं। इसलिए जब भी आप बाथरूम जाते होंगे पेशाब से हल्की बदबू आती ही होगी। लेकिन जब पेशाब से अजीब तरह की बदबू आने लगे तो इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है।
क्योंकि यह आपके शरीर के अंदर के टॉक्सिंस नहीं हैं बल्कि यह शरीर की किसी गंभीर समस्या की तरफ इशारा करते हैं। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि किन-किन कारणों से पेशाब से अजीब तरह की बदबू आती है।
यदि पेशाब से अजीब सी दुर्गंध आने लगे तो सतर्क हो जाना चाहिए। यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। ऐसे में किसी योग्य डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। वैसे तो पेशाब से दुर्गंध आना के अनेक कारण हो सकते हैं। लेकिन कुछ मुख्य कारण यह भी हैं।
पेशाब या मूत्र (Urine) बदबू आने के कारण
अधिक मसालेदार खाना हो या फिर खाने में प्याज, लहसुन, आदि का अधिक सेवन करने से से भी पेशाब बदबूदार हो जाता है। अगर आप एल्कोहल का सेवन करते हैं तो इसकी दुर्गंध आपके पेशाब से आयेगी।
शरीर में पानी की कमी से, जिसको डिहाइड्रेशन भी कहते हैं। इसलिए एक स्वस्थ मनुष्य को दिन भर में 8 से 10 गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए। शरीर के लिए पानी बहुत ही जरूरी है, क्योंकि शरीर के हर हिस्से में पानी होता है चाहे वह हड्डी ही क्यों न हो।
हमें नियमित रूप से 10 से 12 गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है। लेकिन जरूरत के अनुसार यह मात्रा कम या अधिक भी हो सकती है। आप पर्याप्त पानी पी रहे हैं या नहीं इसकी पहचान आप अपने पेशाब के रंग से जा सकते हैं।
अगर पेशाब का रंग सामान्य है तो आप पानी पर्याप्त मात्रा में ले रहे हैं। लेकिन अगर पेशाब का रंग पीला है और इससे बदबू भी आ रही है तो समझ जायें कि आपके अंदर पानी की कमी है।
डायबिटीज के कारण ऐसा किडनी से अधिक मात्रा में शुगर के स्त्राव होने से होता है। मधुमेह ऐसी बीमारी है जो एक बार हो जाये तो जीवनभर साथ निभाती है। मधुमेह ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक होने से होती है।
मधुमेह का संकेत देने वाले लक्षणों में से एक लक्षण यह भी है। किडनी से जब अधिक मात्रा में शुगर का स्राव होने लगता है तब अजीब बदबू आने लगती है। यह मधुमेह का इशारा है इसे समझें और तुरंत इसका उपचार करायें।
महिलाओं के गर्भवती होने के कारण, जिसके बारे में महिलाओं को शुरू मे पता नहीं लगता। इसलिए प्रैग्नेंसी की जांच अवश्य करानी चाहिए।
महिलाओं द्वारा गु.प्तांगों की ठीक प्रकार से साफ-सफाई न करने से ऐसे मे गु.प्तांगों में इंफैक्शन हो सकता है जो धीरे-धीरे बढ़कर ओवेरियन कैंसर का रूप ले सकता है।
महिलाओं के ब्लैडर मे इंफैक्शन से जिससे पेशाब करने पर दुर्गंध के साथ जलन भी होती है ।
जानिए कैसे मूत्र का रंग बताता है सेहत का हाल, कौन सा रंग क्या कहता है की आप कितने हेल्थी है
आज हम आपको मूत्र के रंग के बारे में बताएँगे की कौन सा रंग आपकी सेहत के बारे में क्या कहता है। क्या आपने कभी गौर किया है मूत्र का रंग एक जैसा नहीं होता, यह हमेशा बदलता रहता है।
लेकिन यह बदलता रंग आपको आपकी सेहत के बारे में कई महत्त्वपूर्ण जानकारिया देता है। कई बार ये किसी बीमारी का संकेत होता है तो कभी अच्छी सेहत का। आज हम आपको All Ayurvedic के माध्यम से बताएंगे मूत्र का रंग से सेहत का हाल पता करने की जानकारियां तो चलिए देखते है।
इन 9 मूत्र के रंग से सेहत का हाल पता करे
पिंक या रक्तवर्ण : अगर आपने हल ही में चुकंदर या रेवाचीनी खाई है कोई बात नहीं लेकिन अगर नहीं खाई है तो यह मामला खतरनाक हो सकता है। यह रंग मूत्र में खून की मात्रा होने से हो सकता है। आपको किडनी, प्रोस्टेट या ट्यूमर की बीमारी हो सकती है। तुरंत डॉक्टर को दिखाए।
बहुत हलके पीले रंग : आप बिल्क़ुल स्वस्थ हैं।
पारदर्शी पीला : आपकी सेहत सामान्य है।
गहरा पीला : सामान्य लेकिन आपको तुरन्त पानी पीना चाहिए। आपके शरीर में पानी की थोड़ी कमी है।
हल्का लाल या शहद के रंग का : आपके अन्दर पानी का कमी हो गयी है। जल्द से जल्द पानी पीजिये।
सिरप या ब्राउन : आपको लीवर का समस्या हो सकती है। डॉक्टर से संपर्क करे।
बेरंग या पारदर्शी : आप कुछ ज्यादा ही पानी पी रहे है, शारीर में जाने वाली पानी की मात्र को थोडा कम करें।
हरा रंग : यह बहुत ही दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी का लक्षण हो सकता है। लेकिन ये किसी दवा या खाने की चीज से भी हो सकता है। अगर ये कुछ दिन तक रहता है तो अपने डॉक्टर को दिखाए।
ज्यादा मात्रा में सफ़ेद झाग : थोड़े झाग जरुरी होते हैं लेकिन अगर ये ज्यादा हैं तो इसका कारण आपके खाने में ज्यादा प्रोटीन हो सकता है।
यूरिन क्यो नही रोकना चाहिए
हमने कई बार किसी काम की वजह से या किसी अन्य कारण से यूरिन रोकने की कोशिश की होगी लेकिन जैसा की हम जानते है कि यूरिन के माध्यम से हमारी शरीर की असुद्धिया बाहर निकल जाती है। बता दे ऐसा करने से हमे कई प्रकार की स्वास्थ समस्या भी हो सकती है।
यूरिन रोकने से होने वाले नुकसान
किडनी फ़ैल होने की संभावना : दोस्तों यदि यूरिन को लम्बे समय तक रोक कर रखा जाये तो इससे सीधे किडनी पर असर पड़ता है। अथवा ऐसा करने पर किडनी फ़ैल होने की संभावना भी हो सकती है।
यूरिन इन्फेक्शन होना : अगर आप भी इस तरह की भूल कर रहे है तो आज से ही सावधान हो जाये क्योंकि ज्यादा देर तक यूरिन रोकने से यूरिन इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है जिसमें कई बार ब्लीडिंग और दर्द की समस्या देखी जा सकती है।
स्टोन बनने का खतरा : यदि कोई व्यक्ति यूरिन को ज्यादा समय तक रोक कर रखता है तो उसे किडनी में स्टोन बनने का खतरा हो सकता है।
ब्लैडर में सूजन आना : लम्बे समय तक यूरिन को रोकने से व्यक्ति को ब्लैडर में सूजन का सामना भी कर सकता है और इस दौरान व्यक्ति को दर्द का सामना भी करना पड़ता है।