हम लोग अक्सर अपनी निकलती हुई तोंद (belly fat) से परेशान रहते हैं और उसे कम करने के लिए कई तरह के जतन करते हैं। लेकिन अब आपको बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है।
हम आपको All Ayurvedic के माध्यम से बताने जा रहे हैं कि कैसे आप इस आसान से बनने वाले जूस का सोने से पहले सेवन करके कर सकते हैं तोंद को गुड-बाय। चाहे मोटी से मोटी तोंद ही क्यों ना हो सिर्फ 1 ग्लास रात को पीने से वो हो जायेगी फुटबॉल से गेंद।
सोने से पहले खीरे (6 अन्य प्राकृतिक चीज़ों) के जूस का सेवन करें। खीरे का जूस पेट को साफ करता है। इसके साथ ही यह फैट भी नहीं बढ़ाता है। इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है और और आपकी निकलती हुई तोंद को कंट्रोल (weight loss) करने में काफी लाभदायक होता है।
खीरे के जूस की सामग्री :
दो खीरे
दो छोटे चम्मच नींबू का रस
अदरक का एक छोटा टुकड़ा
दो छोटे चम्मच चीनी
एक छोटा चम्मच- भुना जीरा पाउडर
तीन से चार पुदीना पत्ती
काला व सफेद नमक स्वादानुसार
खीरे का जूस बनाने की विधि :
खीरे को धोलें और छोटा छोटा काट कर छिलके सहित जूसर में डालें। अदरक और पुदीना भी जूसर में डाल दें और जूस निकाल लें।
इसमें चीनी, नींबू का रस, भुना जीरा पाउडर, काला व सफेद नमक स्वादानुसार डालकर अच्छी तरह हिलाएं। फिर 1 ग्लास झट से गटक (पीना) जाए और इसका कमाल देखे, देखते ही देखते तोंद हो जायेगी फिट एंड फाइन।
यदि आप इस पोस्ट को पूरा नही पढ़ सकते तो ये वीडियो जरूर देखें बहुत आसानी से इस मोटापा कम करने के नुस्खे को बनाने और प्रयोग करने की विधि समझ आजायेगी।
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ध्यान रहे :
आयुर्वेद में रात को अकेला खीरा खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना है लेकिन जब इसका किसी के साथ मिलाकर सेवन किया जाए तो औषधि का काम करता है। इस पोस्ट में बताए गये उपाय में खीरा अकेला नही है बल्कि उसका सेवन 6 अन्य प्राकृतिक चीज़ों के साथ है जो पेट की चर्बी गलाने में कारगर है।
पेट के निचले भाग को कम करने के उपाय | Weight Loss remedies
तुलसी के पत्तों का रस : तुलसी के कोमल और ताजे पत्ते को पीसकर दही के साथ बच्चे को सेवन कराने से अधिक चर्बी बनना कम होता है।
तुलसी के पत्तों के 10 ग्राम रस को 100 ग्राम पानी में मिलाकर पीने से शरीर का ढीलापन व अधिक चर्बी नष्ट होती है। तथा तुलसी के पत्तों का रस 10 बूंद और शहद 2 चम्मच को 1 गिलास पानी में मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा कम होता है।
त्रिफला का चूर्ण : रात को सोने से पहले त्रिफला का चूर्ण 15 ग्राम की मात्रा में हल्के गर्म पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इस पानी को छानकर शहद मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करें। इससे मोटापा जल्दी दूर होता है।
त्रिफला, त्रिकुटा, चित्रक, नागरमोथा और वायविंडग को मिलाकर काढ़ा में गुगुल को डालकर सेवन करें। त्रिफले का चूर्ण शहद के साथ 10 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार (सुबह और शाम) पीने से लाभ होता है।
शिलाजीत, गिलोय, हरड़, बहेड़ा और आंवला : गिलोय, हरड़, बहेड़ा और आंवला मिलाकर काढ़ा बनाकर इसमें शुद्ध शिलाजीत मिलाकर खाने से मोटापा दूर होता है और पेट व कमर की अधिक चर्बी कम होती है।
गिलोय और त्रिफला : गिलोय 3 ग्राम और त्रिफला 3 ग्राम को कूटकर चूर्ण बना लें और यह सुबह-शाम शहद के साथ चाटने से मोटापा कम होता है।
शहद, गिलोय, हरड़ और नागरमोथा : गिलोय, हरड़ और नागरमोथा बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। यह 1-1 चम्मच चूर्ण शहद के साथ दिन में 3 बार लेने से त्वचा का लटकना व अधिक चर्बी कम होता है।
गुग्गुल, त्रिकुट, त्रिफला और कालीमिर्च : गुग्गुल, त्रिकुट, त्रिफला और कालीमिर्च बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण को अच्छी तरह एरण्ड के तेल में घोटकर रख लें। यह चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से मोटापा की बीमारी ठीक होती है।
कालानमक और अजवायन : दही को खाने से मोटापा कम होता है। तथा छाछ में कालानमक और अजवायन मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है। आलू को उबालकर गर्म रेत में सेंकर खाने से मोटापा दूर होता है।
कुल्थी : 100 ग्राम कुल्थी की दाल प्रतिदिन सेवन करने से चर्बी कम होती है।
पीपल और शहद : 4 पीपल पीसकर आधा चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से मोटापा कम होता है।
पालक और गाजर : पालक के 25 ग्राम रस में गाजर का 50 ग्राम रस मिलाकर पीने से शरीर का फैट (चर्बी) समाप्त होती है। 50 ग्राम पालक के रस में 15 ग्राम नींबू का रस मिलाकर पीने से मोटापा समाप्त होता है।
डिकामाली : डिकामाली (एक तरह का गोंद) लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में गर्म पानी के साथ मिलाकर सुबह-शाम पीने से मोटापा कम होता है।
पीप्पल और सेंधानमक : पीप्पल 150 ग्राम और सेंधानमक 30 ग्राम को अच्छी तरह पीसकर कूटकर 21 खुराक बना लें। यह दिन में एक बार सुबह खाली पेट छाछ के साथ सेवन करें। इससे वायु के कारण पेट की बढ़ी हुई चर्बी कम होती है।
पिप्पली और दूध : पिप्पली के 1 से 2 दाने दूध में देर तक उबाल लें और दूध से पिप्पली निकालकर खा लें और ऊपर से दूध पी लें। इससे मोटापा कम होता है।
जवाखार, चित्रकमूल और शहद : जवाखार 35 ग्राम और चित्रकमूल 175 ग्राम को अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लें। यह 5 ग्राम चूर्ण एक नींबू का रस, शहद और 250 ग्राम गुनगुने पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट लगातार 40 दिनों तक पीएं।
इससे शरीर की फालतू चर्बी समाप्त हो जाती है और शरीर सुडौल होता है। या फिर जौखार का चूर्ण आधा-आधा ग्राम दिन में 3 बार पानी के साथ सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
चित्रक और शहद : चित्रक की जड़ का बारीक चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से पेट की बीमारियां और मोटापा समाप्त होता है।
अनन्नास : प्रतिदिन अनन्नास खाने से स्थूलता नष्ट होती है क्योंकि अनन्नास चर्बी को नष्ट करता है।
वजन कम करने के लिए यह जानना जरूरी है
सबसे पहले मोटापे से पीड़ित रोगी को समझना चाहिए कि जब तक आप अपने खान-पान में सुधार नहीं करेगें, तब तक आपका मोटापा दूर नहीं हो सकता है। सादा भोजन और व्यायाम शरीर में अधिक चर्बी को पिघलाता है।
मालिश उसमें सहायता करती है और रोगी के शरीर मे कमजोरी नहीं आने देती है, साथ ही चर्बी घटने पर शरीर के मांस को ढीला नहीं पड़ने देती, बल्कि मालिश शरीर को मजबूत तथा आकर्षक बना देती है। इसलिए मोटापा कम करने वाले व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने भोजन में सुधार करे तथा प्रतिदिन व्यायाम करें।
ठण्डी मालिश मोटापा दूर करने में विशेष सहायता करती है, इसके अलावा तेल मालिश या सूखी मालिश भी की जा सकती है। वैसे तेल मालिश का उपयोग कम ही करें तो अच्छा है क्योंकि तेल की मालिश तभी अधिक लाभ देती है जब रोगी उपवास कर रहा हो।
रोगी को उबली हुई सब्जियां, क्रीम निकला हुआ दूध, संतरा, नींबू आदि खट्टे फल तथा 1-2 चपाती नियमित रूप से कई महीने तक लेनी चाहिए। रोगी को तली और भुनी हुई चीजों को अपने भोजन से पूरी तरह दूर रखना चाहिए।
उपचार के दौरान रोगी को बीच-बीच में 1-2 दिन का उपवास भी रखना चाहिए। उपवास के दिनों में केवल नींबू पानी अधिक मात्रा में पीना चाहिए। इस प्रकार के भोजन व उपचार से कुछ दिनों तक तो रोगी को कमजोरी महसूस होगी, परन्तु कुछ दिनों के अभ्यास से जब शरीर इसका आदि हो जाएगा, तब रोगी अपने को अच्छा महसूस करने लगेगा।