- आलू सब्जियों का राजा माना जाता है क्योंकि दुनिया भर में सब्जियों के रूप में जितना आलू का उपयोग होता है, उतना शायद ही अन्य किसी सब्जी का होता होगा। आलू में कैल्शियम, लोहा, विटामिन “बी” तथा फॉस्फोरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है।
- आलू खाते रहने से रक्त वाहिनियां बड़ी आयु तक लचकदार बनी रहती हैं तथा कठोर नहीं होने पाती। इसलिए आलू खाकर लम्बी आयु प्राप्त की जा सकती है।
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आलू को अनाज के पूरक आहार का स्थान प्राप्त है। सभी प्रकार के आलू शीतल, मलरोधक, मधुर, भारी, मल तथा मूत्र को उत्पन्न करने वाले, मुश्किल से पचने वाले और रक्तपित्त को मिटाने वाले हैं।
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यह कफ और वायु करने वाले, बलप्रद, वीर्यवर्धक और अल्पमात्रा में पाचनशक्तिवर्धक भी हैं। अधिक परिश्रम के कारण उत्पन्न निर्बलता, रक्तपित्त से पीड़ित, शराबी और तेज जठराग्नि वाले लोगों के लिए आलू अत्यंत ही पोषक है।
आलू के चमत्कारी फायदे:
- मोटापा:
- आलू मोटापा नहीं बढ़ाता है। आलू को तलकर तीखे मसाले घी आदि लगाकर खाने से जो चिकनाई पेट में जाती है, वह चिकनाई मोटापा बढ़ाती है। आलू को उबालकर या गर्म रेत अथवा गर्म राख में भूनकर खाना लाभकारी है।
- सूखे आलू में 8.5 प्रतिशत प्रोटीन होता है जबकि सूखे चावलों में 6-7 प्रतिशत प्रोटीन होता है। इस प्रकार आलू में अधिक प्रोटीन पाया जाता है। आलू में मुर्गियों के चूजों जैसी प्रोटीन होती है। बड़ी आयु वालों के लिए प्रोटीन आवश्यक है। आलू की प्रोटीन बूढ़ों के लिए बहुत ही शक्ति देने वाली और वृद्धावस्था की कमजोरी दूर करने वाली होती है।7.
- सूजन:
- कच्चे आलू को सब्जी की तरह काट लें। जितना वजन आलू का हो, उसके लगभग 2 गुना पानी में उसे उबालें। जब मात्र एक भाग पानी शेष रह जाए तो उस पानी से चोट से उत्पन्न सूजन वाले अंग को धोकर सेंकने से लाभ होगा।
- गुर्दे के रोगी:
- गुर्दे या वृक्क (किडनी) के रोगी भोजन में आलू खाएं। आलू में पोटैशियम की मात्रा बहुत अधिक पाई जाती है और सोडियम की मात्रा कम। पोटैशियम की अधिक मात्रा गुर्दों से अधिक नमक की मात्रा निकाल देती है।
- इससे गुर्दे के रोगी को लाभ होता है। आलू खाने से पेट भर जाता है और भूख में सन्तुष्टि अनुभव होती है। आलू में वसा (चर्बी) यानि चिकनाई नहीं पाई जाती है।
- यह शक्ति देने वाला है और जल्दी पचता है। इसलिए इसे अनाज के स्थान पर खा सकते हैं।
- पथरी की समस्या:
- एक या दोनों गुर्दों में पथरी होने पर केवल आलू खाते रहने पर बहुत लाभ होता है। पथरी के रोगी को केवल आलू खिलाकर और बार-बार अधिक मात्रा में पानी पिलाते रहने से गुर्दे की पथरियां और रेत आसानी से निकल जाती हैं।
- आलू में मैग्नीशियम पाया जाता है जो पथरी को निकालता है तथा पथरी बनने से रोकता है।
- गठिया:
- गर्म राख में चार आलू सेंक ले और फिर उनका छिलका उतारकर नमक मिर्च डालकर नित्य खाएं। इस प्रयोग से गठिया ठीक हो जाती है।