• शरीर पर हर्पीज़ (एक प्रकार का चर्म रोग) होना एक दर्दनाक समस्या है। हर्पीज़ का इन्फेक्शन हर्पीज़ सिंप्लेक्स वायरस (herpes simplex virus) की वजह से होता है। इसका परिणाम ये होता है कि आपको बार-बार ब्रेकआउट्स की समस्या होती है। हालांकि ब्रेकआउट्स की समस्या धीरे-धीरे कम हो जाती है। इस इन्फेक्शन से आमतौर पर मुंह और जननांग का हिस्सा प्रभावित होता है। हर्पीज़ दो तरह से आपको प्रभावित करता है। पहला, ये मुंह वाले हिस्से यानि मुंह, आंख, चेहरे, होंठ और दूसरा आपके जननांग वाले हिस्से पर होता होता है। कई मामलों में हर्पीज़ इन्फेक्शन से पीड़ित लोगों में कोई खास लक्षण नहीं देखे जाते हैं। लेकिन कुछ मामलों में कई लक्षण देखे जा सकते हैं। 
  1. घाव : इस संक्रमण से व्यक्ति के चेहरे या जननांग हिस्से में घाव हो सकते हैं, जो कुछ दिनों या हफ्तों का रह सकते हैं। ये पेनिस की बाहरी स्किन या योनि की आंतरिक हिस्से, गुदे, जांघ पर हो सकते हैं। इसके आलावा होंठ, चेहरे औए यहां तक की मुंह के अंदर भी घाव हो सकते हैं। इनमें मवाद या फफोले पड़ सकते हैं। इन्हें ठीक होने में कम से कम दो हफ्ते लग सकते हैं।
  2. बुखार : घावो के कारण आमतौर पर मांसपेशियों में दर्द और सिर दर्द के साथ-साथ बुखार भी हो सकता है। ये दोनों तरह के हर्पीज़ के आम लक्षण हैं।
  3. खुजली और जलन : अक्सर घाव या फफोले होने से पहले रोगी को खुजली या जलन का अनुभव हो सकता है। चाहे वो जननांग हर्पीज़ हो या चेहरे के।
  4. आंखों में बेचैनी : कई बार हर्पीज़ सिंप्लेक्स वायरस की वजह से आंखों में भी इन्फेक्शन हो जाता है। इससे आपको धुंधला दिखना, आंखों से पानी आना, दर्द या जलन होना शामिल हैं।
  5. योनि में जलन : कई बार योनि में घाव होने पर योनि में जलन हो सकती है। इस तरह की परेशानी पेशाब के समय अधिक तकलीफ़देह हो जाती है।
  6. लिम्फ ग्लैन्ड का बढ़ना : इस तरह के इन्फेक्शन से लसीका ग्रंथि बढ़ सकती है। इससे गर्दन की लसीका ग्रंथि में सूजन हो सकती है, जो दर्द और बेचैनी का कारण बन सकता है।